प्रतापगढ़/ विश्वनाथगंज। प्रदेश सरकार ने गायों की सेवा और उन्हें सुरक्षित रखने के उद्देश्य से गौशालाओं का निर्माण कराया।लेकिन यह गौशालाएं अब गोवंशो के लिए मौतशाला बन गई है। उचित देखरेख व अच्छे खान- पान के अभाव में आए दिन गौवंश काल कवलित हो रहें हैं।
मामला सहेरूआ गौशाला में गायों के मरने का सिलसिला जारी है। पूरा मामला विकासखंड मांधाता के ग्राम पंचायत सहेरूआ में बने गौशाला का है। पिछले कुछ दिनों से आए दिन मवेशी खाने के अभाव में मर रहे हैं। परंतु गौशाला में गायों के मरने का प्रशासन अब तक सुध नहीं ले रहा है। ग्राम प्रधान विकास सरोज व सेक्रेटरी की लापरवाही सीधा और साफ देखने को मिल रहा है।
मृत गायों को खुले स्थल पर फेक दिया जाता है, और कुत्ते व कौवे मांस को नोच नोचकर खा रहे हैं। ग्राम प्रधान मृत गायों को दफनाने में दिखे असमर्थ। जबकि योगी सरकार का आदेश है कि गौशाला में मृत गायों का डॉक्टरों द्वारा पोस्टमार्टम कराया जाए ताकि किस कारण से मौत हुई है। उसकी पुष्टि हो सके। फिर शव को दफना दिया जाए।
परंतु नियम को ताक पर रखकर काम किए जा रहे हैं। गौशाला में पशुओं की दशा इतनी दयनीय है कि देखकर ही तरस आता है। गोवंश गंदगी में रहने को है मजबूर और सिर्फ सूखा भूसा खाकर जीवित है। जबकि सरकार द्वारा आहार के रूप में भूसा, खली, चूनी, चोकर, कना,पशु आहार दिए जाने का मीनू निर्धारित है। उसके साथ ही हरा चारा भी।
पर यहां तो ठीक उल्टा देखने को मिल रहा है।लेकिन प्रशासन ने गायों को सुरक्षित रखने के अब तक कोई खास इंतजाम नहीं किया है। सरकार द्वारा खाने- पीने की समुचित व्यवस्था के साथ रख रखाव के नाम पर एक भारी- भरकम बजट शासन द्वारा दिया जाता है। लेकिन उन बजटों को डकार ले जा रहे हैं ग्राम प्रधान व सेक्रेटरी। आखिर ऐसे भ्रष्टों पर उच्चाधिकारी कब करेंगे कार्यवाही और लचर व्यवस्थाओं में कब होगी सुधार।