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अंडमान निकोबार द्वीप समूह में एक महिला से बलात्कार के आरोपी वरिष्ठ आईएएस अधिकारी जितेंद्र नारायण को किया निलंम्बित।

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नयी दिल्ली (भाषा)। केंद्र सरकार ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में एक महिला से बलात्कार के आरोपी वरिष्ठ आईएएस अधिकारी जितेंद्र नारायण को सोमवार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।

केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, सरकार अपने अधिकारियों द्वारा उनकी रैंक और पद की परवाह किये बिना अनुशासनहीनता के कृत्यों को कतई सहन नहीं करेगी, विशेष रूप से महिलाओं की गरिमा से जुड़ी घटनाओं के संबंध में।

बयान के अनुसार, मंत्रालय को रविवार को अंडमान और निकोबार पुलिस से नारायण और अन्य द्वारा एक महिला के कथित यौन उत्पीड़न के संबंध में एक रिपोर्ट मिली थी, जब वह द्वीपसमूह के मुख्य सचिव के रूप में कार्यरत थे।

बयान के अनुसार रिपोर्ट में 1990 बैच के एजीएमयूटी कैडर के आईएएस अधिकारी नारायण द्वारा गंभीर कदाचार और सरकारी पद के दुरुपयोग का संकेत दिया गया था। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संबंधित अधिकारी के खिलाफ कानून के अनुसार तत्काल सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे।

बयान में कहा गया है कि नारायण को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का आदेश दिया गया है।

अंडमान एवं निकोबार पुलिस के विशेष जांच दल द्वारा आपराधिक मामले में प्राथमिकी दर्ज कर अलग से कार्रवाई की जा रही है।



यह है पूरा मामला

युवती के मुताबिक, घटना अप्रैल- मई की है, और उसने अगस्त में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। 1990 बैच के IAS नारायण घटना के 3 महीने पहले तक अंडमान- निकोबार में पूर्व मुख्य सचिव थे। वर्तमान में वे दिल्ली फाइनेंशियल कॉरपोरेशन के चेयरमैन और MD थे। इसके अलावा एक अन्य आरोपी आरएल ऋषि, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में ही लेबर ऑफिसर के रूप में तैनात थे।

युवती ने अगस्त में की थी शिकायत

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के DGP के मुताबिक, युवती ने 22 अगस्त को शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें पूर्व मुख्य सचिव और श्रम आयुक्त पर नौकरी दिलाने का झांसा देकर गैंगरेप करने का आरोप लगाया गया है। 1 अक्टूबर को पोर्ट ब्लेयर के एबरडीन पुलिस स्टेशन में दोनों अफसरों के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी।

युवती को पुलिस सुरक्षा दी गई

मामले की जांच के लिए DGP ने SIT का गठन किया है। युवती को पुलिस सुरक्षा भी दी गई है। शिकायत में महिला ने अपने साथ हुए दुर्व्यवहार के बारे में बताया है। जिसमें उसने पोर्ट ब्लेयर में नारायण के आधिकारिक आवास पर अप्रैल और मई महीने की रात में दो बार हुए हिंसक यौन हमलों के बारे में अपनी आपबीती बयां की है।

मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराया बयान

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पोर्ट ब्लेयर में SIT के साथ-साथ मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट द्वारा युवती का धारा 164 CRPC के तहत इकबालिया बयान दर्ज किया गया है, जहां उसने दूसरी शिकायत दर्ज की है। महिला के एक रिश्तेदार ने कहा कि वे एहतियात के तौर पर धारा 164 के बयान को वीडियो- कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए फिर से दर्ज करने की अपील करेंगे।

होटल मालिक ने कराया परिचय

जितेंद्र नारायण ने कथित तौर पर अपने लिखित खंडन में दावा किया है, कि उनपर स्थानीय अधिकारियों के इशारे पर यह आरोप लगाए गए, जिनके खिलाफ उन्होंने मुख्य सचिव रहते हुए कार्रवाई की थी। हालांकि युवती के मुताबिक नौकरी की तलाश में एक होटल मालिक के जरिए उसकी जान- पहचान लेबर ऑफिसर से कराई गई थी और फिर उसे वह मुख्य सचिव के सरकारी आवास पर ले गया था जहां उसके साथ यह घिनोना कृत्य हुआ।


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