राजस्थान। दक्षिणी इलाके में आलू और बैंगन की तरह लड़कियों के सौदे किए जा रहे हैं। खास कर आदिवासी अंचल में लड़कियों की खरीद फरोख्त का धंधा खूब फल- फूल रहा है। यहां तक कि अपनी उम्र की दसवां बरस भी नहीं देखी इन लड़कियों को खुलेआम बेच दिया जा रहा है। जिसके लिए पूरा लिखा- पढी का काम भी होता है। इन लड़कियों का शरीर जल्दी जल्दी विकसित करने के लिए ऑक्सीटोसिन के इंजेक्शन भी दिए जा रहे हैं।
दूसरी ओर पुलिस भी सब जान कर भी अनजान बनी रहती है। दरअसल ऐसी ही तस्वीरें उदयपुर संभाग में कपड़ा नगरी के नाम से पूरी दुनिया में मशहूर भीलवाड़ा से निकल कर आ रही है। जहां आज भी लड़कियों के लिए हालात ईराक और अफगानिस्तान से भी बदतर है। भीलवाड़ा के जहाजपुर में आज भी कई इलाकों में कुछ माता- पिता गरीबी के कारण अपनी लड़की को बेच देते हैं, तो कुछ बोझ के तले दबे मां- बाप लड़कियों को स्टाम्प पेपर पर सौदा करके बेच देते हैं।
राजस्थान में यहां मेले में लिव इन पार्टनर को चुनती है लड़कियां, बच्चे पैदा होने के बाद होती हैं शादी पहले से ही हिट लिस्ट में होती है लड़कियां इन इलाकों में दलाल पहले से गांव के हर घर पर नजर रखते हैं। जिन भी घरों में लड़कियां 8 साल या उसके आस पास पहुंच जाती है तो उन परिवारों को निशाना बनाया जाता है। यह तो उन्हें पैसे का लालच दिया जाता है या फिर उन्हें कर्ज देकर उसके तले दबा दिया जाता है और फिर उन पर लड़कियों को बेचने का दबाव बनाया जाता है। घरवालों के राजी होने के बाद लिखापढ़ी कर लड़कियों को खरीद लिया जाता है।
खरीदने के बाद इन लड़कियों को ऑक्सीटोसिन के इंजेक्शन दिए जाते हैं ताकि शारीरिक रूप से उनका विकास जल्दी हो। कई लड़कियों को तो अंग्रेजी सिखाने से लेकर डांस तक की ट्रेनिंग दी जाती है। ताकि बेचने पर ऊंचे दाम मिल सके। 8 से 18 साल की लड़कियों के सबसे ज्यादा दाम लगाए जाते हैं। साथ ही खूबसूरत लड़कियों के और भी ज्यादा दाम वसूले जाते हैं।
जो लड़कियतां इसका विरोध करती हैं उन्हें कई दिनों तक अंधेरे कमरे में बंद रखा जाता है। इसके बाद भी नहीं मानने वाली लड़कियों को बेरहमी से मारा पीटा जाता है। ताकि बाकि लड़कियों में भी डर पैदा हो। इसके बाद इन लड़कियों के सौदे दिल्ली मुंबई से लेकर विदेशों तक किए जाते हैं।
सड़क किनारे है रेडलाइट एरिया
वहीं कई लड़कियों से मांडलगढ़ और जहाजपुर में हाईवे के किनारे धंधा करवाया जाता है। हाईवे के किनारे इनके कई अड्डे बने हुए हैं। जहां सड़क किनारे ही छोटी- छोटी झोपड़ियों में इन लड़कियों से वैश्यावृति करवाई जाती है। बड़ी संख्या में ग्राहक भी पहुंचते हैं खुलेआम लड़कियों पर बोली लगाईं जाती है और लड़कियों की हर रात किसी नर्क से कम नहीं होती।
इन इलाकों में पुलिस और प्रशासन भी आंखें मूंदें बैठा है। कुल मिलाकर भारत में लड़कियों की खरीद- फरोख्त और उनसे वेश्यावृति करवाने अपराध लगातार किया जा रहा है।