उत्तर प्रदेश। कौशांबी जिले में सिपाही के पिटाई से आहत इंटर के छात्र 17 वर्षीय सिद्धार्थ पांडेय ने फांसी लगाकर खुद को मौत के हवाले कर दिया, सिद्धार्थ पांडेय महगांव इंटर कालेज में 11वीं का छात्र था, मृतक छात्र के पिता शारदा प्रसाद पांडेय ने बताया की चरवा थाने में तैनात सिपाही विजय ने मंगलवार की सुबह उसके बेटे को थाने पे बुलाया था, वहा पर सिपाही ने उसे किसी बात को लेकर पीट दिया, जिसके बाद घर आकार छात्र ने गौशाला में जाकर फांसी पर लटक गया, छात्र के पास से एक सोसाइड नोट मिला है जिसमे मौत का जिम्मेदार सिपाही को ठहराया है, मौके पे पहुंची पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है।
छात्र ने सुसाइड में लिखा है…
‘मम्मी-बाबू हमें माफ करना। हम सब बर्दाश्त कर सकते हैं लेकिन अपनी बेइज्जती नहीं इसलिए हम आप सबको छोड़कर जा रहे हैं। बचपन से सपना था IAS बनने का, लेकिन उस सपने को भूल रहे हैं। हमारे मौत का कारण विजय हैं।
परिजनों के मुताबिक सिद्धार्थ पांडे की आत्महत्या के लिए उकसाने वाला सिपाही विजय चरवा थाना में तैनात है। मृतक के पिता शारदा प्रसाद का आरोप है कि सिपाही विजय का भाई शशांक प्रयागराज में पढ़ाई करता है, जिससे सिद्धार्थ की दोस्ती थी। उन्होंने बताया कि मंगलवार की सुबह भी विजय ने सिद्धार्थ को थाना पर बुलाया था और उसके साथ गलत काम किया था। इससे परेशान होकर उसने आत्महत्या कर ली है।
सिद्धार्थ के परिजनों ने अधिकारियों से न्याय की मांग की है। उन्होंने कहा है कि यदि उन्हें न्याय नहीं मिला तो वह अपने पूरे परिवार के साथ ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर लेंगे।
घटना को लेकर एएसपी समर बहादुर ने बताया कि चरवा क्षेत्र में 17 वर्षीय छात्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। मृतक छात्र के पास से पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला है। जिसमें छात्र ने सिपाही विजय नाम के व्यक्ति और उसके मोबाइल नंबर का उल्लेख किया है। इस संबंध में मृतक छात्र के पिता शारदा प्रसाद पांडेय की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।
पिता के मुताबिक बेटे ने सुसाइड नोट में जिस मोबाइल नंबर का उल्लेख किया है वह चरवा थाने में तैनात सिपाही विजय का ही है। एएसपी समर बहादुर ने मीडिया को दिए आधिकारिक बयान में विजय नाम के व्यक्ति और उसके मोबाइल नंबर सुसाइड नोट में उल्लेख किए जाने की बात तो कही है, लेकिन उन्होने यह बताने में गुरेज किया कि आत्महत्या के लिए उकसाने वाला आरोपी सिपाही चरवा थाने में ही तैनात है। अब देखने वाली बात होगी कि पुलिस अपनी तफ्तीश के दौरान कब तक आरोपी सिपाही के नाम का खुलासा कर गिरफ्तार करती है।