गुजरात। मोरबी में रविवार शाम करीब 7 बजे बड़ा हादसा हो गया है। यहां केबल ब्रिज टूटने से करीब 400 लोग मच्छु नदी में गिर गए। इनमें से कुछ लोगों के नदी में डूबने से मौत होने की आशंका है। यह पुल पिछले 6 महीने से बंद था। इसी महीने दिवाली के एक दिन बाद यानी 25 अक्टूबर को आम लोगों के लिए खोला गया था।
काफी लोगों को अस्पताल भेजा गया
रेस्क्यू टीमों ने कई लोगों को नदी से निकालकर अस्पताल भेज दिया है। वहीं अन्य लोगों की तलाश भी जारी है। सभी लोगों को जल्द से जल्द नदी से बाहर निकालने की कोशिशें जारी हैं। रविवार को छुट्टी का दिन होने के चलते आज यहां काफी भीड़भाड़ थी। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने हादसे पर दुख जताया है।
140 साल से भी ज्यादा पुराना है ब्रिज
मोरबी का यह सस्पेंशन ब्रिज 140 साल से भी ज्यादा पुराना है और इसकी लंबाई करीब 765 फीट है। यह सस्पेंशन ब्रिज गुजरात के मोरबी ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए ऐतिहासिक धरोहर है। इस ब्रिज का उद्घाटन 20 फरवरी 1879 को मुंबई के गवर्नर रिचर्ड टेम्पल ने किया था। यह उस समय लगभग 3.5 लाख की लागत से 1880 में बनकर तैयार हुआ था। उस समय इस पुल को बनाने का पूरा सामान इंग्लैंड से ही मंगाया गया था।
स्थानीय लोग भी बचाव कार्य में जुटे
सैकड़ों स्थानी लोग भी बचाव कार्य में जुटे हादसे में कई लोगों की मौत की आशंका है। फिलहाल राहत-बचाव कार्य चल रहा है। रेस्क्यू टीम के साथ सैकड़ों की संख्या में स्थानीय लोग भी बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। नदी में उतरकर लोगों को बाहर निकाला जा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बताया जा रहा है कि हादसे के वक्त सैकड़ों की तादाद में लोग पुल पर मौजूद थे। यह पुल काफी पुराना बताया जा रहा है, और कुछ दिन पहले ही इसकी मरम्मत कराई गई थी। मरम्मद के बाद 5 दिन पहले ही इसे आम जनता के लिए फिर से खोला गया था।
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने ट्वीट कर कहा, ”मोरबी में सस्पेंशन ब्रिज गिरने की त्रासदी से मुझे गहरा दुख हुआ है। राहत और बचाव कार्य जारी है। घायलों के तत्काल इलाज की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। मैं इस संबंध में जिला प्रशासन के लगातार संपर्क में हूं।”
पीएम मोदी ने गुजरात के सीएम से की बात
वहीं, प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री और अन्य अधिकारियों ने मोरबी में हुई दुर्घटना के संबंध में बात की है। उन्होंने बचाव अभियान के लिए टीमों को तत्काल जुटाने, स्थिति की बारीकी से और लगातार निगरानी करने और प्रभावित लोगों को हर संभव मदद देने को कहा है।
बता दें कि इससे पहले 14 अक्टूबर को भारी बारिश के कारण दक्षिण गोवा में दूधसागर झरने में केबल ब्रिज गिर गया था। इसकी चपेट में आए 40 से ज्यादा पर्यटकों को किसी तरह बचाया गया था।