बिहार। सीवान जिले में एक दलित संगठन भीम आर्मी से जुड़े चार युवकों ने मिलकर 22 वर्षीय क्षत्रिय युवक की हत्या कर दी, घटना रेपुरा क्षेत्र की है (जिसमें अनुसूचित जाति (एससी) का 12.89% और कुल आबादी का 4.67% अनुसूचित जनजाति (एसटी) शामिल है) गांव में हुई, जहां चार दलित युवक 21 अप्रैल को शाम करीब 7 बजे सिद्धार्थ सिंह को उनके घर से ले गए। जिसके बाद रात करीब साढ़े आठ बजे मृतक ने घबराकर पड़ोसी को फोन किया था कि उसे दिनेश राम, सुमंत राम, सुमित राम और अमित राम समेत अन्य साथियों ने घेर लिया है। सूचना मिलते ही परिजनों में हड़कंप मच गया।
उन्होंने आसपास के इलाकों में अपने बेटे की तलाश शुरू की और रात भर जब सिद्धार्थ नहीं मिले तो परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। उसी दिन एक कुएं से सिद्धार्थ का शव बरामद हुआ, पिता ने चारों युवकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। पिता के अनुसार उनके बेटे की हत्या उसकी जाति के कारण की गई थी।
उच्च जाति के खिलाफ नफरत
मृतक के पिता सूर्यभान सिंह ने हमें बताया कि हत्यारे भीम आर्मी से जुड़े हैं। जय भीम न बोलने पर वे उनके बेटे को गालियां देते थे। वे उसे लगातार धमकाते थे, और उसे जय भीम कहने के लिए मजबूर करते थे। उनकी राजपूत जाति के कारण उनके बेटे को दलित समुदाय के इन युवकों ने मार डाला। सूर्यभान सिंह के दो पुत्र थे। बड़े बेटे की मौत के बाद से परिवार के लोगों में दहशत का माहौल है।
गांव में भीम के नाम पर करते हैं बदमाशी
ग्रामीणों ने आखिरी सच को बताया कि सभी आरोपी भीम लहर के नाम पर ग्रामीणों को धमकाते हैं। इसी बात को लेकर मृतक और आरोपी के बीच अनबन हुआ करती थी। जिसके बाद उनकी बेरहमी से हत्या कर दी गई।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि पीड़िता की मौत गला घोंटने से हुई है। पुलिस के मुताबिक अब तक एक आरोपी दिनेश राम को गिरफ्तार किया जा चुका है और अन्य 3 हत्यारों की तलाश की जा रही है।