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हत्या य मृत्यु नही साबित कर पायी उत्तर प्रदेश पुलिस 2.5 वर्ष पूर्ण, सीजेएम प्रतापगढ़ का आदेश सांगीपुर एसेचो के ठेंगे पर, 7 दिन दिये समय का पलट गया साल जांच नही पहुंची अदालत।

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प्रतापगढ़ जनपद के माननीय न्यायालय सीजेऐम महोदय के आदेश को सांगीपुर थाने के जिम्मेदारों के साथ ही उत्तर प्रदेश पुलिस के आलाधिकारी भी केवल पीड़ित को आश्वासन के लड्डू मात्र खिलायें हैं, बात प्रयागराज के आलाधिकारी प्रेम प्रकाश जी तक चार बार गयी लेकिन पीड़ित माता को केवल आश्वासन ही मिले हैं। विभाग नें अदालती हस्ताक्षेप के बाद मुकदमा तो पंजीकृत कर लिया है लेकिन आज तक केस का जांच आख्या अदालत को नही भेजा है। जबकि कैलेंडर जरुर बदल गया है, नही बदली तो पीड़िता मां की न्याय की आस और नही बदली है उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्यप्रणाली। बल्कि अभियुक्त संख्या 2 द्वारा पीड़ित परिवार पर ही दहेज प्रताड़ना का वाद पंजीकृत करवा दिया गया है।

न्यायालय श्रीमान सी०जे०एम० महोदय जनपद प्रतापगढ़ उ० प्र० सम्बन्धित SO को आदेशित किया जाता है कि प्रस्तुत प्रकरण में समुचित धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर विवेचना स्वयं करे अथवा सक्षम प्राधिकारी से कराये तथा अन्दर सात दिन FIR की प्रति न्यायालय में प्रेषित करना सुनिश्चित करे।

परिवार को मिली कुछ धमकियां

CJM 29.11.21 फोटो प्रमाणित अंग्रेजी अपठनीय 23.02.21



रामा देवी पत्नी श्री राममिलन वर्मा , निवासिनी ग्राम चौधरी का पुरवा (देउम पुरब) पोस्ट बेनीमाधवनगर, थाना सागीपुर जिला प्रतापगढ़।…………. (प्रार्थिनी)

बनाम



1.सुरेश विश्वकर्मा पुत्र राधेश्याम विश्वकर्मा, निवासी ग्राम- गौरही, ओरीपुर नवगीर, थाना- सांगीपुर, जिला- प्रतापगढ़।

2. रोशनी वर्मा, पत्नी स्व विक्रम वर्मा, पुत्री राम अवध वर्मा निवासिनी- पिपरी खालसा, पोस्ट – सरायगनई, जिला- प्रतापगढ़ उप्र।

3. इमरान हाशमी, मो० नं०- 9057325077 (विपक्षीगण)



प्रार्थना पत्र  2021, 302, 34, 364, 504, 506 आईपीसी थाना सांगीपुर जिला- प्रतापगढ़ दाखिला तिथि:- 22.02.2021

प्रार्थना- पत्र अन्तर्गत धारा -156 (3) सी० आर० पी० सी०-1973

महोदय,

प्रार्थिनी का माननीय न्यायालय से निम्नलिखित निवेदन है:
1. यह कि प्रार्थिनी का पुत्र विक्रम वर्मा उम्र लगभग 25 वर्ष की हत्या दिनांक 24.06.2020 को एक सोची समझी साजिश, षडयन्त्र के तहत विपक्षीगणों के द्वारा कर दी गयी है।

2. यह कि घटना वाले दिन दिनांक 24.06.2020 को एवं उसके एक दिन पूर्व ही मृतक विक्रम वर्मा जिसका मोबाइल नं०- 9946721200 था, उस पर किसी इमरान हाशमी ने अपने मोबाइल नं०- 9057325077 से फोन किया था। एवं सुरेश विश्वकर्मा ने भी अपने मो० न0- 7784942616 से मृतक के फोन पर फोन किया था तथा मृतक के मोबाइल पर सोने के बिस्कुट व सोने की चीजों की फोटो भेजी थी। घटना वाले दिनांक 24.06.2020 को सुरेश विश्वकर्मा, मृतक विक्रम वर्मा को अपने साथ गोल्ड बिस्कुट दिलाने व पैसे दिलाने के बहाने उत्प्रेरित करके अपनी बजाज प्लेटिना मोटर साइकिल रजिस्ट्रेशन संख्या- U.P. 72 BF2368 से प्रातः 04.00 बजे ग्राम- गौरही, ओरीपुर नवगीर, थाना- सांगीपुर, जिला प्रतापगढ़ से ले गया तथा उसने विक्रम वर्मा को प्रतापगढ़ से ले जाकर इटावा में हत्या कर दी तथा रोड एक्सीडेन्ट दिखा दिया।



3. यह कि सुरेश विश्वकर्मा, प्रार्थिनी के पुत्र विक्रम वर्मा को घटना वाले दिनाक को अपने साथ ले जाने के विषय में मृतक विक्रम वर्मा की पत्नी रोशनी वर्मा विपक्षी सं०-2 को पहले से ही यह पूर्णतया अवगत था, क्योंकि विपक्षी स०-1 और विपक्षी सं०-2 में आपसी सम्बन्ध है, और यह दोनो लोग घटना से पहले भी और घटना के बाद भी काफी समय तक फोन पर बात किया करते थे, जिस पर विपक्षी सं०-2 का पति विक्रम वर्मा और उसके परिवार वालों नें आपत्ति व्यक्त किया करते थे, लिहाजा विपक्षी सं०- 2 रोशनी वर्मा फिर भी बात करना बन्द नहीं की।

4. यह कि माननीय न्यायालय के संज्ञान में यह तथ्य लाना इसलिए आवश्यक है, कि घटना वाले दिन लगभग दोपहर के 02.24 मिनट पर वादिनी के पुत्र विक्रम वर्मा की पत्नी रोशनी वर्मा के मोबाइल पर मो० नं०- 8917700806 से एक फोन आया कि विकम वर्मा का रोड एक्सीडेन्ट हो गया और उसे चोटे आयी है तथा विक्रम वर्मा को ईलाज हेतु पीजीआई सैफई इटावा उप्र में भर्ती कराया गया है, यह बात विपक्षी सं०-2 रोशनी वर्मा ने मृतक के परिवार एवं वादिनी को बहुत ही नाटकीय एवं हँसते हुए ढंग से बताया गया और अन्त में उसने यह कहा कि विक्रम वर्मा को जहाँ पहुँचना था वह पहुँच गया है।



5. यह कि उपरोक्त घटना के विषय में वादिनी को जानकारी मिलते ही पूरे परिवार में अफरातफरी का माहौल मच गया और वादिनी अपने पूरे परिवार सहित तत्काल पीजीआई से कई इटावा उम्र के लिए रवाना हो गयी और वह रात्रि में लगभग 11.40 मिनट पर वहाँ पहुँची तो वहाँ के डक्टर और विपक्षी सं०1 सुरेश विश्वकर्मा द्वारा यह बताया गया कि वादिनी के पुत्र विक्रम वर्मा की मृत्यु हो चुकी है। इस बात से वादिनी के पूरे परिवार में मातम एवं शोकाकुल का माहौल हो गया। पुलिस थाना सेफई जिला इटावा की जीडी/ रोजनामचा दिनांक 26.06.2020 , पंचायतनामा दिनांक 26.06.2020 शव पोस्टमार्टन रिपोर्ट दिनांकित -26.06.2020 की सत्य प्रतिलिपि संलग्न हैं जो कि सलग्नक सं -1,2 व 3 है।

6. यह कि उस समय वादिनी का पूरा परिवार शोकाकुल था और किसी भी चीज को समझने बुझने में असमर्थ था। सुरेश विश्वकर्मा द्वारा थाना सैफई जनपद इटावा की पुलिस एवं हाईवे पुलिस चौकी की पुलिस एवं अस्पताल वालों से मिलकर उपरोक्त हत्या को दुर्घटना में परिवर्तित करने का प्रयास किया।



7. यह कि उल्लेखनीय हैं कि उप्र ग्रामीण आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान सैफई द्वारा जारी पत्र दिनांकित 26.06.2020 के अनुसार मृतक को इमेरजेन्सी विभाग में दिनांक 24.06.2020 को समय- 04.21 पी0 एम0 पर लाया गया जबकि उप्र ग्रामीण आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान सैफई के OUT PATIENT SLIP में यह अंकित है कि मृतक को दिनांक 24.06.2020 को समय 01.56 पी0 एम0 पर एडमिट किया गया था। इस प्रकार दोनो पर्चा में विभिन्नता है जो कि यह पूर्णरूपेण दर्शित करता है कि अस्पताल वाले भी सुरेश विश्वकर्मा से मिले हुए थे। उप्र ग्रामीण आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान सैफई द्वारा जारी पत्र दिनांकित 26.06.2020 एवं OUT PATIENT SLIP की छायाप्रति साथ में संलग्न है जो कि संलग्नक सं0-4 व 5 है।

8- यह कि प्रार्थिनी के पति राममिलन वर्मा द्वारा जनसुनवाई पोर्टल पर प्रार्थना पत्र प्रेषित किया था जिसकी शिकायत आईजीआरएस संख्या -20016120005764 है। जिसमे उपनिरीक्षक अंजलि तिवारी थाना – सैफई इटावा द्वारा घटना का सारांश विवरण यह बताया गया है कि दिनांक -24.06.2020 को समय- 13.17 बजे लखनऊ की तरफ से आ रही प्लेटिनम मो साइ० – U.P . 75BF2368 जिसे विक्रम वर्मा पुत्र राममिलन वर्मा चला रहा था। साथ में सुरेश विश्वकर्मा बैठा था। चालक विक्रम वर्मा को नीद आने के कारण मो साइ० मध्य डिवाइडर पर चढ़कर क्षतिग्रस्त हो गयी तथा दोनो गम्भीर रूप से घायल हो गये जिन्हें यूपीडा ( Uttar Pradesh Expressways Industrial Development Authority Agra Lucknow Expressway) एक्सप्रेस के किमी० संख्या 117 से पीजीआई सैफई इलाज हेतु भेजा गया।



पीजीआई सैफई में दोनों लोगों को भर्ती किया गया तथा घायल सुरेश विश्वकर्मा को अस्पताल द्वारा उपचार करने के बाद घर भेज दिया गया। इस सम्बन्ध में उल्लेखनीय है कि उ० नि० अंजलि तिवारी द्वारा अपनी आख्या में यह बताया गया है कि दोनो गम्भीर रूप से घायल हो गये थे, जबकि सत्यता यह है कि सुरेश विश्वकर्मा को किसी भी प्रकार की कोई चोट नहीं आयी थी, और न ही सुरेश विश्वकर्मा को देखने से यह प्रतीत हो रहा था कि उसे गम्भीर चोटे आयी है, और न ही सुरेश विश्वकर्मा की कोई Injury Report ही दिखायी गयी जो गम्भीर प्रकृति की हो।
इसके अलावा जाँच आया में उ० नि० अजलि तिवारी द्वारा यह वर्णित किया है कि दुर्घटना वाहन संख्या U P. 75 BF2368 से हुयी है जो कि फर्जी गाड़ी का नम्बर है जबकि सुरेश विश्वकर्मा द्वारा बताया गया कि दुर्घटना वाहन संख्या- U.P. 72 BF2368 से हुयी थी। इसके अलावा घटनास्थल की फोटोग्राफ सम्बन्धित पुलिस को लेनी चाहिए थी किन्तु सम्बन्धित पुलिस, सुरेश विश्वकर्मा से मिले होने के कारण जानबूझकर फोटोग्राफ नहीं ली गयी इससे यह स्पष्ट है कि उपरोक्त हत्या को दुर्घटना में परिवर्तित करने हेतु पुलिस वाले भी सुरेश विश्वकर्मा से मिले हुए थे। जनसुनवाई पोर्टल पर की गयी शिकायत एवं उपनिरीक्षक अंजलि तिवारी थाना- सैफई इटावा द्वारा दी गयी जाँच का सारांश/ विवरण की छायाप्रति साथ में संलग्न है जो कि सलग्नक सं0-6 व 7 है।

9. यह कि प्रार्थिनी के मृतक पुत्र विक्रम वर्मा एवं सुरेश विश्वकर्मा दोनो यदि गम्भीर रूप से घायल ये तो सुरेश विश्वकर्मा ने मृतक को अस्पताल कैसे पहुंचाया तथा सुरेश विश्वकर्मा चिकित्सीय परीक्षण भी नहीं हुआ। वास्तव में उसको कोई चोट आयी ही नहीं थी।



10- यह कि सुरेश विश्वकर्मा बाहन संख्या- U.P. 72 BF 2368 Bajaj Platina का स्वामी है, किन्तु उ० नि० अजलि तिवारी द्वारा फर्जी वाहन संख्या- U.P.75B-F2368 Bajaj Platina से दुर्घटना घटित होनी बतायी जा रही है जबकि सुरेश विश्वकर्मा एवं प्रार्थिनी का पुत्र विक्रम वर्मा वाहन संख्या- U.P. 72 BF 2368 से थे जिस सम्बन्ध में टोल प्लाजा द्वारा जारी रसीद साथ में सलग्न है जो कि संलग्रक स -8 है।इसके अलावा टोल प्लाजा करहल मैनपुरी में लगे सीसीटीवी फुटेज के अवलोकन से स्पष्ट हो जायेगा कि सुरेश विश्वकर्मा एवं प्रार्थिनी का पुत्र विक्रम वर्मा किस गाड़ी से थे।

11. यह कि वाहन संख्या- U. P. 72 BF 2368 Bajaj Platina या वाहन संख्या U.P. 75 BF 2368 Bajaj Platina से यदि दुर्घटना घटित हुयी थी तो पुलिस वालो को घटनास्थल की फोटोग्राफ्स एवं वाहन की फोटोग्राफ्स लेनी चाहिए थी किन्तु पुलिस वाले सुरेश विश्वकर्मा से मिले होने के कारण कोई फोटोग्राफ्स नहीं ली गयी।



12- इसके अलावा जिस वाहन से पार्थिनी के पुत्र की मृत्यु कारित हुयी थी उस गाड़ी का तकनीकी परीक्षण (TECHNICAL EXAMINATION) कराया जाना चाहिए था किस गाड़ी को अवैध रूप से अपने संरक्षण में प्राप्त किया गया एवं सच्चाई का पता किसी को न चल सके जिस हेतु उपरोक्त गाड़ी को PVT . AGENCY / SHOP में बनवायी गयी

13- जबकि उपरोक्त गाड़ी INSURED थी। जबकि दुर्घटनाग्रस्त वाहन का (TECHNICAL EXAMINATION) इंश्योरेन्स कम्पनी द्वारा ही किया जाता है तो उपरोक्त वाहन को PVT . AGENCY/ SHOP से मात्र इसलिए बनवायी गयी कि सच्चाई का उजागर न हो सके। जबकि विक्रम वर्मा को प्रतापगढ़ से ले जाकर इटावा में मार दिया गया।



14. यह कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार मृतक किसी भी प्रकार का कोई एल्कोहल या शराब का सेवन नहीं किये हुए था। इसके अलावा पोस्टमार्टम में जिन चोटो का वर्णन किया गया है, उससे 25 वर्षीय हष्टपुष्ट नवयुवक की मृत्यु होना सम्भव नहीं है।

15. यह कि मृतक विक्रम वर्मा की पत्नी के मो० नं0- 7704968045 से सुरेश विश्वकर्मा की निरन्तर बातचीत होती रहती है और पूर्व में भी होती रहती थी जिससे यह आशका उत्पन्न होती है कि सुरेश विश्वकर्मा एवं मृतक की पत्नी द्वारा कहीं सोची समझी साजिश के तहत प्रार्थिनी के पुत्र विक्रम वर्मा की हत्या तो नहीं करवा दी गयी है। जिसकी Call details सच्चाई हेतु निकलवाया जाना सर्वथा न्यायोचित व न्यायहित में है।



16- यह कि यह भी जात हुआ है कि सुरेश विश्वकर्मा एवं इमरान हाशमी जो कि सोने के बिस्कुट का अवैध व्यापार करते हैं जिसकी जानकारी वाटसअप के माध्यम से प्रार्थिनी को हुयी है। कि पैसो या व्यवसाय के चलते सुरेश विश्वकर्मा द्वारा मेरे पुत्र की हत्या करवा दी गयी हो। मो०न० -8441959058 से मृतक के मोबाइल पर सोने के बिस्कुट एवं सोने से सम्बन्धित चीजो की फोटो भेजी गयी थी जिसकी छायाप्रति साथ में संलग्न है जो कि सलग्नक सं0-9 है।

17. यह कि कथित इमरान हाशमी द्वारा अपने मोन -9057325077 से प्रार्थिनी के मृतक पुत्र के मोबाइल फोन पर कई बार घटना से पूर्व एवं घटना के पश्चात बात की गयी है जिसकी Call details निकलवाया जाना सर्वथा न्यायोचित व न्यायहित में है। सुरेश विश्वकर्मा द्वारा दिये जा रहे अलग – अलग बयान।

तब से आज तक पीड़ित केवल अदालती आदेश की तामीली को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग के आलाधिकारियों के कार्यालयों का लगा रहा चक्कर, प्रेम प्रकाश एडीजी प्रयागराज का पंद्रह दिनों में कार्यवाही के आश्वासन के चार बार मिल चुके लड्डू।


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