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लालगंज के लापरवाह अधिकारियों की वजह से गौशालाओं की व्यवस्था भ्रष्टाचार को भेंट चढ़ी।

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लालगंज-प्रतापगढ़। योगी सरकार ने गौशालाओं में गौवंशों की देखरेख के लिए हजारों रुपये पानी की तरह खर्च किया गया किन्तु ब्लाक के लापरवाह अधिकारियों की वजह से गौशालाओं की व्यवस्था भ्रष्टाचार को भेंट चढ़ गई है।

रामपुर संग्रामगढ़ ब्लाक के ग्राम पूरे वीरबल में बने गौशाला की हालत दयनीय हैं। गौशाला परिसर में मृत गौवंश को कुत्ते व कौआ नोच- नोच कर खा रहे हैं। गौशाला के अंदर तीन गौवंश बीमार हैं जिसमें दो गौवंश ने जमीन पकड़ लिया है और एक गौवंश के गले पर घाव है। गौशाला में लगभग दो सौ गौवंश मौजूद हैं जिनके खाने के लिए भूसा गोदाम में लगभग दस कुंतल पुआल का कतरन रखा हुआ है, तथा चूनी चोकर के नाम पर मात्र एक बोरी चूनी मौजूद मिली है, जो कि लगभग दो सौ गौवंश के लिए अपर्याप्त हैं। गौशाला परिसर में प्रकाश की व्यवस्था नहीं की गई है। गौवंश को सूखा पुआल का कतरन खिलाया जा रहा जिससे वह जर्जर होकर दम तोड़ रहे हैं। हरा चारा की व्यवस्था नहीं की गई है। गौशाला परिसर में बन रहे भूसा गोदाम में पीली ईंट का उपयोग किया जा रहा है। मौका मुआयना के दौरान केयर टेकर जियालाल, रामशरण व छबिला मौजूद रही हैं।

पूरे वीरबल के ग्राम पंचायत अधिकारी अनिल कुमार से पूछा गया कि विगत माह में कितना भूसा और चूनी चोकर खरीदा गया तो कुछ बताने से इन्कार किया। इसी से मिलती जुलती हाल ग्राम नरई में बने गौशाला का है। यहां पर लगभग 79 गौवंश बताया गया जिनके खाने की व्यवस्था में मात्र छः कुंटल भूसा व एक बोरी चूनी मौके पर मिला जो कि 79 गौवंश के लिए उपयोग के लिए अपर्याप्त लगता हैं।



परिसर में गौवंश के लिए पानी पीने के लिए एक पक्की टंकी बनी थी जो गुणवत्ता विहीन निर्मित होने के कारण ध्वस्त हो गयी है। अब गौवंशों को कच्चे गड्ढे में पानी भरकर पिलाया जाता है। जो कि गौवंशों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है। गौशाला परिसर में विगत 15 दिनों से एक गौवंश बीमार जमीन पर पड़ा अपनी आखिरी सांसे गिन रहा है। परिसर के अंदर गौवंश के कंकाल पड़े हुए हैं। बता दें कि विगत दो माह पूर्व इस गौशाला में तीन मृत गौवंश का शव सड़ गल गया था जिनके सिर्फ कंकाल पड़े हुए थे।

पशु चिकित्सक डॉ अरविंद से जानकारी की गई कि गौशाला कब गये थे तो बोले की प्रतिदिन जाता हूं। पशु चिकित्सक प्रतिदिन गौशाला जाते हैं, लेकिन इनको बीमार गौवंश नहीं दिखाई दिया । इससे साबित होता है कि पशु चिकित्सक गौशाला नहीं जाते हैं ।

ग्राम नरई की ग्राम पंचायत अधिकारी सरिता पांडेय से पिछले माह भूसा व चूनी चोकर खरीदे जाने की जानकारी करने पर बोली कि चूनी नहीं खरीदा गया था पैसा नहीं निकला है। गौवंश के पानी पीने की व्यवस्था में बताया गया कि हैंड पम्प व समर्सेबुल लगा हुआ है।

खंड विकास अधिकारी अश्विनी सोनकर का वही पुराना रटा रटाया जवाब मिला जांच करवाएंगे। अश्विनी सोनकर ने ग्राम पंचायत अधिकारी सरिता पांडेय व अनिल कुमार को आदेशित किया कि कोटेदार के यहाँ से बोरी मंगाकर गौवंश के ऊपर डालने के लिए कहा गया जिससे ठंडी गौवंश को ना लगे।


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