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भुसावल से बेटी दुर्गेशनंदिनी का खुला पत्र नरेंद्र मोदी के नाम, देखिये क्या मिलता है बेटी को प्रत्युत्तर।

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आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी भारत सरकार।

विषय: भारतीय सेना में प्रवेश पाने हेतु आदरणीय प्रधानमंत्री जी सादर प्रणाम, वन्दे मातरम।

प्र्रेषकः दुर्गेशनंदिनी राठौर घर नं **** श्री नगर झेड आर टी आई तालुका भुसावल जिल्हा जलगाँव महाराष्ट्र- ४२५२०३

मैं दुर्गेशनंदिनी महाराष्ट्र के भुसावल में रहती हूँ, मेरी आयु २६ वर्ष है, मैं आपको एक उम्मीद के साथ यह पत्र लिख रही हूँ। प्रधानमंत्री जी भारतीय सेना प्रत्येक भारतीय का गौरव हैं, भारतीय सेना जुड़ना हर किसी के लिए गौरव की बात हैं। मैने एमएससी बायोटेक्नोलॉजी का शिक्षण किया हैं। भारतीय सेना में प्रवेश की आयु सिमा २४ वर्ष हैं। जबकि मेरी आयु २६ वर्ष तथा ऊँचाई ५ फुट हैं। तो क्या अब भी मैं भारतीय सेना से जुड़ने के लिए कोई प्रयत्न कर सकती हूँ?

प्रधानमंत्री जी परिस्तिथि की वजह से मेरे जैसे हजारों युवा आयु सिमा के आगे निकल चुके होते हैं, तो क्या हम जैसे युवाओं के लिए उम्मीद की कोई किरण हो सकती हैं?, कि हम इस आयु में भी सेना में भर्ती के लिए आवेदन कर सकें।

https://twitter.com/NandiniSci/status/869864968107077633?t=rZoWqYzAzUxc_CbRC9oXkQ&s=19

प्रधानमंत्री जी बहुत से ऐसे युवा हैं, जो सेना से जुड़ना चाहते हैं, लेकिन परिस्तिथि की वजह से वें सेना से जुड़ नहीं पाते अतः हम जैसे युवाओं के लिए ऐसा कोई कानून या प्रावधान हो, जिससे हम जैसे युवा भारतीय सेना से जुड़ सकें और अपना योगदान दे सकें। प्रधानमंत्री जी वैसे तो हम जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन आपको पत्र लिखने का कारण यही हैं, की मेरे जैसे युवाओं की आवाज आप तक पहुँचे और आप उस दिशा में विचार करे ताकि हम जैसे युवाओं में आशा की किरण जन्मे।



प्रधानमंत्री जी देश में मेरे जैसे बहुत से युवा सेना में भर्ती होना चाहते होंगे, परन्तु आयु बढ़ जाने के कारण या अपनी ऊँचाई में कमी के कारण हम निराश होते हैं। इन कारणों से दिल में जो सेना में जुड़ने का जो जज़्बा होता हैं, परन्तु हम जुड़ नहीं पाते। प्रधानमंत्री जी मैं आपसे नम्र विनंती करती हूँ की मेरे जैसे हजारों युवाओं के लिए आप कुछ करें। मुझे उम्मीद हैं आप इस दिशा में अवश्य ही विचार करेंगे और अवश्य ही कोई प्रतिक्रिया करेंगे।

प्रधानमंत्री जी आप मेरे इस पत्र का प्रतिउत्तर अवश्य ही देंगे और मेरी इस बात पर गंभीरता से विचार करेंगे, ऐसी आशा करती हूँ। अस्तु … भारत माता की जय….।


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