ज्यादातर निष्क्रिय व प्रभारी प्राचार्या के चाटुकारों से सुशोभित समितियां कुछ को छोड़कर, कैसे हों जीवित, जबकि श्रमोदय विद्यालय बना वर्चस्व की जंग का अखाड़ा, बिना योग्यता अभिनिका पाण्डेय कैसे बनीं प्रभारी प्राचार्य, एक विस्तृत काला चिठ्ठा।
भोपाल। राज्य सरकार ने मजदूरों के बच्चों को अच्छी शिक्षा के लिए श्रमोदय विद्यालय की स्थापना भले की है। लेकिन तंत्र की खुराफाती व स्वार्थी सोंच के कारण इतनी विशाल परियोजना केवल व्यक्ति विशेष की उदर पूर्ति का माध्यम बन कर रह गयी है, वहीं उच्चाधिकारियों द्वारा गलत का साथ देकर आवंटित धनराशि जो कि नौनिहालों के भविष्य निर्माण के लिये दिया जा रहा है वह केवल प्राचार्य उनके आकाओ व चम्मचों के उदरपूर्ति की माध्यम मात्र बनकर रह गया है।
आपने पूर्ण ईमानदारी से हम पढ़ाया है। लेकिन पता नहीं क्यों, ये दुनिया अच्छे लोगों को सुखी नही रहने देती, क्या उनको सुखी रहने का अधिकार नहीं। एकता माम पर जो भी आरोप लगाए गए हैं वो सभी के सभी गलत और बेबुनियाद आरोप हैं। हमारी ये अपील है की माम के साथ जल्द से जल्द इंसाफ किया जावे।
— Incredible Banda AjHar( Ajuddi, Harkuwar) (@AjayAjuddi) April 4, 2022
परियोजना को धनराशि देता है केन्द्र
जबकि इस परियोजना के संचालन के लिए धनराशि केन्द्र सरकार द्वारा दी जाती है। इस राशि को लेकर मुगालिया छाप खजूरी स्थित श्रमोदय विद्यालय राजनीति का अखाड़ा बना हुआ है। स्कूल की प्राचार्य को बच्चों की पढ़ाई और सुविधा से अधिक चिंता इस बात की रहती है, कि वहां हो रहे कार्यों की जानकारी किसी को न मिलनें पाए। जिसके लिये विद्यालय में विभिन्न समितियों का निर्माण केवल प्राचार्य अभिनिका पाण्डेय के चाटुकारो को लेकर किया तो गया है लेकिन वह केवल कागजों व उच्चाधिकारियों तक ही सिमट कर रह गये हैं।
इसी कारण राज्य सरकार द्वारा उक्त विद्यालय में नियुक्त किए जाने वाले अन्य स्टाफ को जो प्राचार्य के अनुसार निर्मित व्यूह रचना से पृथक शासनादेशों के अनुसार काम करना चाहता है उसे इतना परेशान किया जाता है, कि वह नौकरी छोड़कर चला जाए, य फिर येन केन प्राकारेण्य उसपर गलत सलत अभियोग लगाकर नौकरी से निकाल दिया जाता है। जिसका उदाहरण रसायन शास्त्र अध्यापिका एकता बम हैं, जिनके समर्थन में बच्चे भी खड़े हैं लेकिन विभाग के उच्चाधिकारियों के आंख व कान बंद पड़े हैं न तो उन्हे कुछ दिख रहा है न सुनाई पड़ रहा है।
इतना है हर साल का बजट जिसके 25% का दोहन करती हैं प्राचार्य
मजेदार बात यह है कि प्रतिवर्ष छह करोड़ से अधिक बजट वाले स्कूल के लिए श्रम व स्कूल शिक्षा विभाग नियमित प्राचार्य की पदस्थापना आज तक नहीं कर सका, वहीं अयोग्य महिला जो प्राचार्य के मानकों पर कहीं से खरी नही उतरती उसे प्राप्त राजनैतिक संरक्षण के कारण प्राचार्य नियुक्त करके बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
Ekta ma'am, आप हमेशा हमारे आदर्श और मकसद हैं, चाहे कोई भी आपके खिलाफ हो। आप हम सभी के लिए हमेशा परफेक्ट हैं।
— Incredible Banda AjHar( Ajuddi, Harkuwar) (@AjayAjuddi) May 14, 2022
आखिर किसके रहमोकरम पर यह अयोग्य महिला प्राचार्य है
श्रम विभाग के एक आला अधिकारी की मेहरबानी से अभिनिका पांडेय यहां प्रभारी प्राचार्य बनी हुई है। यह भी अपने आप में एक अनोखा रिकार्ड है कि संविदा पर पदस्थ प्रशासनिक अधिकारी को स्कूल के प्राचार्य का प्रभार दिया गया है, जबकि प्राचार्य उस व्यक्ति को बनाया जाता है, जिसने कम से कम तीन से पांच साल बच्चों को पढ़ाया हो या पीजीटी के पद पर कार्य किया हो उसकी ही नियुक्ति प्राचार्य पद पर होनी चाहिए। राजधानी स्थित श्रमोदय विद्यालय की स्थिति से श्रम विभाग के अधिकारी भली भांति परिचित हैं, फिर भी सभी मौन है।
विवाद का कारण वर्चस्व की जंग व अधिकारों में कटौती
श्रमोदय विद्यालय के विवादों को देखते हुए राज्य सरकार ने स्कूल को श्रम विभाग से हटाकर स्कूल शिक्षा विभाग के अधीन कर दिया। लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग वहां के लिए नियमित प्राचार्य की पदस्थापना नहीं कर सका। स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूल में उप प्राचार्य के पद पर कल्पना कटकवार की पदस्थापना कर दी। इसके साथ ही विवाद की शुरूआत हो गई।
स्कूल में लगभग ग्यारह सौ बच्चे हैं, उनके लिए प्रतिदिन लगभग एक लाख रूपए का खाना बनता है, इसके लिए कमेटी गठित है। कमेटी कभी कोई हस्तक्षेप या जांच नहीं करती, वह प्राचार्य के इशारे पर कार्य करती है। प्राचार्य के खिलाफ कोई इस कारण नहीं बोलता, क्योंकि अधिकांश कर्मचारी संविदा पर हैं, जिससे उनकी नौकरी जाने का खतरा बना रहता है। जिसका दंश एकता बम भुगत रहीं हैं जो बच्चों से अवैध उगाही व गलत का खुला विरोध करती थीं, उनका हश्र देखकर शेष अध्यापक भी डर से गलत को गलत कहनें की हिम्मत नही जुटा पाते हैं।
@ChouhanShivraj @NCWIndia @PMOIndia @HMOIndia @PIBHomeAffairs ध्यान दें व @Ekta09178452 जी को न्याय दिलायें।@Queenofcups22 @Saritav75965874 @Akhilesh_tiwa @sanjaypatijp @bhopalcomm @CollectorBhopal @jdjsbhopal https://t.co/KXRtpcY3Np https://t.co/v0QfyNpGof @Bpsingh_bjp pic.twitter.com/90yhnMDPdQ
— @rakshanssvolunteerprithvipur(mcbu) (@RakshaVishwak15) March 18, 2022
फूट डालो राज करो की नीति पर काम करती हैं प्रभारी प्राचार्य
कुछ कर्मचारियों की नौकरी पूर्व में अभिनिका पाण्डेय की हिटलरशाही का विरोध करनें पर जा चुकी है, जिमें एकता बम रसायनशास्त्र अध्यापिका, एक चतुर्थ श्रेणी कर्मी की भी नौकरी जा भी चुकी है। मजेदार बात यह है कि जिसनें एकता बम पर मारपीट का कूटरचित प्रपंच अभिनिका पाण्डेय के कहनें पर लगाया था वह भी बाद में उनकी ही हिटलरशाही का शिकार हो गयी।
संविदा कर्मी को किस नियम से बनाया गया प्राचार्य
प्रशासनिक अधिकारी से प्रभारी प्राचार्य बनीं अभिनिका पांडे की नियुक्ति भी संविदा पर है। एक वर्ष में छह करोड़ के बजट वाले श्रमोदय विद्यालय में नियमित प्राचार्य की पदस्थापना न होना सरकार व व्यवस्था की मंशा पर सवाल खड़े करता है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा ध्यान न दिए जाने के कारण हर रोज प्रभारी प्राचार्य व उप प्राचार्य में विवाद होता रहता है। विवाद इतना बढ़ा कि मामला थाने पहुंच गया।
https://twitter.com/NRajkesh/status/1504801646601113602?t=wJRvTzcmIWk2FVplbHij3Q&s=19
प्रभारी प्राचार्य के बार- बार कहनें पर दर्ज हुई शिकायत
प्रभारी प्राचार्य द्वारा बार- बार फोन करने पर खजूरी सड़क थाना पुलिस ने श्रमोदय आवासीय विद्यालय की महिला सफाईकर्मी की शिकायत पर उप प्राचार्य कल्पना कटकवार के खिलाफ बिना जांच के गत दिवस प्रकरण दर्ज कर लिया गया। जब पुलिस ने उप प्राचार्य को बयान दर्ज कराने के लिए थाना तलब किया तो वह बीमार होने की बात कहते हुए समय मांगा ऐसी भ्रामक न्यूज देश के तथाकथित इज्जतदार मीडिया प्रतिष्ठान जैसे प्रदेश टुडे, सच एक्स्प्रेस व हद तो तब ह़ गयी जब पत्रिका के संस्करण में भी बिना तथ्यों की पड़ताल किये ऐसी भ्रामक न्यूज चलाई गयी। इसके बाद उप प्राचार्य शिकायत कर्ता और स्टाफ के कुछ अन्य लोगों के लिखित बयान लेकर पुलिस आयुक्त मकरंद देऊस्कर से मिलने पहुंची पुलिस आयुक्त ने मामले की जांच के निर्देश दिए साथ है। प्रकरण दर्ज करने वाले एएसआई को जांच से हटाने के भी निर्देश दिए।
बिना जांच के आखिर कैसे दर्ज हुई शिकायत
अब सवाल यह उठता है कि क्या प्रकरण एएसआई बिना वरिष्ठ अधिकारी के अनुमति दर्ज कर सकता है। खजूरी सड़क थाना प्रभारी संध्या मिश्रा ने बताया कि श्रमोदय आवासीय विद्यालय की एक महिला सफाईकर्मी ने लिखित शिकायत देते हुए बताया था कि 2 नवंबर की शाम पांच बजे उप प्राचार्य कल्पना कटकवार ने उनके साथ गाली गलौच की। उन्होंने बिना बात के धमकाते हुए कहा कि तू ढंग से काम नहीं करती है।
श्रयोदय विद्यालय की मृत समितियां कुछ को छोड़कर
जब महिला ने विरोध किया तो उन्होंने जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर उसे जान से मारने की धमकी दी थी। इस शिकायत के बाद पुलिस ने उप प्राचार्य के खिलाफ केस दर्ज किया था। जब पुलिस ने उन्हें बयान दर्ज कराने के लिए थाने बुलाया तो पता चला कि वह बीमार हैं। स्वस्थ होने पर बयान दर्ज कराने की बात कही है। सूत्रों की मानें तो स्कूल में सत्ता हथियाने को लेकर वाद- विवाद और आरोप – प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। ऐसे में आला अधिकारी अपने शुभ – लाभ के लिए छोटे – छोटे कर्मचारियों को मानसिक प्रताड़ना दे रहे हैं।
Ma'am, उच्च अधिकारी जो स्वयं शामिल हैं। अगर वे शामिल नहीं हैं तो कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जाती। कोई ठोस कार्रवाई करें तो मुझे यकीन हो जाएगा कि सरकार अपने सिद्धांत पर काम कर रही है।
— Incredible Banda AjHar( Ajuddi, Harkuwar) (@AjayAjuddi) May 14, 2022
नंदिनी त्रिपाठी नें कुछ माह पहले सभी अध्यापकों को बंद कमरे में दो लाख दो व स्थायी नियुक्ति पाओ।
नंदिनी त्रिपाठी, रेणुका भार्गव, प्रबल मेहता, कामिनी मिश्रा व सीमा कुशवाहा यह वह नाम हैं जो अभिनिका पाण्डेय के लिये ढोल का साथी डण्डा की कहावत चरितार्थ करते हैं, हद तो तब हो गयी जबकि सभी अध्यापको सें बंद कमरे में अभिनिका पाण्डेय के निर्देशन में नंदिनी त्रिपाठी नें स्थायी नियुक्ति करवाये जानें के नाम पर दो दो लाख रूपये जमा किये जानें की बात कही थी।
आखिरी सच विगत वर्ष से लगातार हिटलरशाही के विरोध में प्रसारित कर रहा है रिपोर्टें
आखिरी सच वेब समाचार संगठन लगातार अभिनिका पाण्डेय व इनकी चण्डाल चौकड़ी के षड़यंत्रों का राजफास करते हुऐ उच्चाधिकारियों व मंत्रियों को भी व्यक्तिगत तौर पर जानकारी दे रहा है लेकिन 6 करोड़ के बजट में मिलनें वाले हिस्से के सामनें माननीय मंत्री जी भी मूक दर्शक बनकर केवल दर्शक दीर्घा की शोभा बढ़ाते हैं।
यह है उक्त विद्यालय के छात्रों की राय एकता बम को सेवा से निकाले जानें के क्रम में।
एक शिक्षक जो खुद की परवाह नहीं करता बल्कि अपने छात्रों को पढ़ाता है।उनकी नींव बनाता है, उन पर आरोप लगाया जाता है क्योंकि उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की। यह शिक्षक के लिए उचित निर्णय नहीं है। i request to please give justice to this lady she is really a best teacher.
— Neeraj Rajkesh (@NRajkesh) May 15, 2022
फैसला कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है, यह वह मामला है जिसमें सरकार को आना चाहिए, एक शिक्षक जो खुद की परवाह नहीं करता बल्कि अपने छात्रों को पढ़ाता है।उनकी नींव बनाता है, उन पर आरोप लगाया जाता है क्योंकि उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की। यह शिक्षक के लिए उचित निर्णय नहीं है।
— Incredible Banda AjHar( Ajuddi, Harkuwar) (@AjayAjuddi) May 14, 2022
Ma'am, उच्च अधिकारी जो स्वयं शामिल हैं। अगर वे शामिल नहीं हैं तो कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जाती। कोई ठोस कार्रवाई करें तो मुझे यकीन हो जाएगा कि सरकार अपने सिद्धांत पर काम कर रही है।
— Incredible Banda AjHar( Ajuddi, Harkuwar) (@AjayAjuddi) May 14, 2022
@Indersinghsjp @ChouhanShivraj @schooledump I would like to draw your attention toward the unjustified happening with our Chemistry teacher, She fired from her job without any reasonable mistake. So I request to high command please take a action and give her justice@Ekta09178452
— Neeraj Rajkesh (@NRajkesh) April 27, 2022
हमारी एकता मैडम के इरादे बिल्कुल साफ थे,
इसलिए कुछ लोग उनके खिलाफ थे |
हमारी एकता मैडम सच्चाई की मूर्ति है,
इसलिए उन्होंने सच्चाई का साथ दिया पर उन्हें यह पता नहीं था कि उनकी जॉब ही चली जाएगी|
प्लीज सर मैडम को न्याय दीजिये जल्दी ही— Dk (@Dk266048061) March 23, 2022
https://twitter.com/NRajkesh/status/1504801646601113602?t=wJRvTzcmIWk2FVplbHij3Q&s=19
Ekta ma'am, we missed you lot, whenever we study chemistry we missed you each time. हम, आपके साथ हुए अन्याय के विरुद्ध हैं। माम हम सब आपके साथ हुए अन्याय से परिचित हैं। आपका बच्चो के प्रति व्यवहार बहुत ही अच्छा रहा है। आप अपनी जिम्मेदारी से कभी पीछे नहीं हटी।
— Incredible Banda AjHar( Ajuddi, Harkuwar) (@AjayAjuddi) March 21, 2022
हमारी एकता मैडम के इरादे बिल्कुल साफ थे,
इसलिए कुछ लोग उनके खिलाफ थे |
हमारी एकता मैडम सच्चाई की मूर्ति है,
इसलिए उन्होंने सच्चाई का साथ दिया पर उन्हें यह पता नहीं था कि उनकी जॉब ही चली जाएगी|
प्लीज सर मैडम को न्याय दीजिये जल्दी ही |@OfficeofSSC @Ekta09178452 @Aakhiri_Sach2— @rakshanssvolunteerprithvipur(mcbu) (@RakshaVishwak15) March 15, 2022
@ChouhanShivraj @NCWIndia @PMOIndia @HMOIndia @PIBHomeAffairs ध्यान दें व @Ekta09178452 जी को न्याय दिलायें।@Queenofcups22 @Saritav75965874 @Akhilesh_tiwa @sanjaypatijp @bhopalcomm @CollectorBhopal @jdjsbhopal https://t.co/KXRtpcY3Np https://t.co/v0QfyNpGof @Bpsingh_bjp pic.twitter.com/90yhnMDPdQ
— @rakshanssvolunteerprithvipur(mcbu) (@RakshaVishwak15) March 18, 2022
मुझे लगता है कि न्याय प्रणाली ढीली हो गई है, इसलिए जो न्यायाधीश बदलाव कर सकते हैं, वे छिपे हुए हैं। जो इस देश का भविष्य हैं उनको पढ़ा रहे शिक्षक आज मुझे लगता है कि शिक्षक होना कितना कठिन है, उसे उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है।
— Incredible Banda AjHar( Ajuddi, Harkuwar) (@AjayAjuddi) May 14, 2022
Ekta ma'am, आप हमेशा हमारे आदर्श और मकसद हैं, चाहे कोई भी आपके खिलाफ हो। आप हम सभी के लिए हमेशा परफेक्ट हैं।
— Incredible Banda AjHar( Ajuddi, Harkuwar) (@AjayAjuddi) May 14, 2022
https://t.co/rnPL7mRnI2
Please do share and tweet the incident. She is a diligent teacher, who is always ready to do her job with full of energy and honesty. Rather being an honest teacher she was also an more experienced teacher. She was a teacher of Shramodaya Awasiya school.— Neeraj Rajkesh (@NRajkesh) May 9, 2022
All the students very happy with her teaching skills and stamina to give her best to tach the students. She was an intelligent and experienced teacher forever. I request to the CM and all other reputable ministers, do justice for her and make her future bright again.
— Incredible Banda AjHar( Ajuddi, Harkuwar) (@AjayAjuddi) March 21, 2022
उनको नौकरी से निकाला गया, वो भी बिना किसी कारण के, ओर झूठे आरोपों द्वारा। ये कहा का इंसाफ है।
— Incredible Banda AjHar( Ajuddi, Harkuwar) (@AjayAjuddi) April 4, 2022
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