मध्य प्रदेश। अभिनिका पांडेय प्रशासनिक अधिकारी जो कि प्राचार्य प्रभार के लिये अड़ी हुई है। आते ही जॉइन किया और प्रभार के बारे में स्टाफ से पूछने लगीI स्टाफ से कहने लगी के जैसे उन्हें मण्डल से प्रभार मिला है वैसा यही से मिल जाएगा। फिर रूम का कहा, मेस, आउट सोर्स मैनेजर से जानकारी एकत्रित की गई। एक महिला चपरासी को उनके पास अटैच किये जाने का निर्देश आउट सोर्स सुपरवायजर को दिए गए।
अपनी हिटलरशाही की आदत से नही आ रहीं बाज अभिनिका पाण्डेय
वहीं अभिनिका पाण्डेय नें आगे जानकारी लेते हुऐ पूछा कि बैंकिंग कार्य कौन करता है, चेक पर साईन किसके होते है। चूंकि वर्तमान में श्रमोदय आवासीय विद्यालय जबलपुर प्राचार्य का प्रभार उपप्राचार्य के पास है, जबकि अभिनिका पाण्डेय की हिटलरशाही की आदत के कारण जबलपुर के सभी शिक्षक भयभीत है। स्टाफ का कोई शिक्षक नही चाहता है कि अभिनिका पाण्डेय वहां रहे।
जबलपुर से आखिरी सच के विश्वस्त सूत्रों से प्राप्त जानकारी के आधार पर आखिरी सच टीम को यह जानकारी भी मिली कि श्रमोदय आवासीय विद्यालय में अभिनिका पाण्डेय अपने ऑफिस में नही बैठ रही है। प्राचार्य के साथ बैठती है। हालांकि जबलपुर के प्राचार्य का स्थानन्तरण भोपाल श्रमोदय विद्यालय हो गया हैI जैसा कि हम अपनी पुरानी रिपोर्ट में वर्णन कर चुके हैं।
जबलपुर श्रमोदय आवासीय विद्यालय परिवार है भयभीत
जबलपुर के सभी शिक्षक साथी यह चाहते हैं, कि जबकि जबलपुर श्रमोदय आवासीय विद्यालय अच्छा खासा स्कूल चल रहा है। फिर ये महोदया यहां आकर माहौल खराब कर देगीI उल्लेखनीय है, कि अभिनिका पाण्डेय का जबलपुर गृह जनपद होने से प्रशासनिक और वित्तीय कार्यों में बाधा उत्पन्न होना स्वभाविक है, कोई नही चाहता है कि अभिनिका पांडेय यहां रहें।
जबकि आयुक्त लोक शिक्षण संयुक्त संचालक लोक शिक्षण जबलपुर व अपर संचालक लोक शिक्षण भोपाल ने अभिनिका पांडेय को फिलहाल कोई भी चार्ज नही दिया गया है, और न ही उन्हें कोई वित्तीय प्रभार दिया गया है।
एक वर्ष पूर्व समाप्त हो चुकी है अभिनिका पाण्डेय की संविदा
सबसे पुख्ता बात यह भी हमारी पड़ताल में निकलकर आयी कि 3 वर्ष की संविदा कर्मी अभिनिका पाण्डेय की संविदा सितम्बर 2021 में समाप्त हो गयी है। जिसके क्रम में न तो उनका कोई एक्टेंशन लेटर मण्डल कार्यालय भोपाल ने दिया है, और न ही अभी तक DPI भोपाल ने इनकी सेवा में वृद्धि की है, फिर किस आधार पर ये लोग कार्य कर मोटी सेलेरी ले रहे है, आखिर व्यवस्था इन पर कैसे मेहरबान है।
अन्य शिक्षकों की संविदा हो चुकी है नवीनीकरण
जबकि श्रमोदय विद्यालय जबलपुर के सभी शिक्षकों को 3 वर्ष की संविदा सेवा समाप्ति के पश्चात 1 वर्ष की वृद्धि की गयी है। जिससे संदर्भित आदेश की प्रतियां उनके पास व विभाग के पास हैं। जब इनके पास कोई आदेश नही है फिर कैसे ये नियमित सेवा दे रहीं है।
पूर्व प्राचार्य महोबिया से प्राचार्य पद व चैम्बर की कर रहीं निरूद्देश्य मांग पाण्डेय
परन्तु वो निरन्तर प्राचार्य श्री महोबिया जी पर प्रभार और प्रिन्सिपल चेम्बर की मांग कर रही है। जबकि आयुक्त, जेडी, मण्डल समेत समस्त आला अधिकारी इनके कार्यों से खुश नही है, और ना ही इन्हें कोई प्रभार देने के मूड में परन्तु मोह इतना है कुर्सी से की आलीशान चेम्बर ही इन्हें चाहिए।