दिनांक 10 नवम्बर को डॉ विकास दिव्यकीर्ति का एक वीडियो काफी वायरल हो रहा था, जिसमे उन्होंने प्रभु राम और माता सीता के बीच के एक सन्दर्भ को किसी लेखक की किताब से कोट किया था।
उनके इस वीडियो से लोग काफी नाराज़ हो रहे थे। इस कारण उन्होंने लल्लन टॉप नामक यूट्यूब चैनल पर एक स्पष्टीकरण वाला वीडियो शेयर किया।
उनके इस वीडियो पर पूर्व आईएएस संजय दीक्षित जी ने भी एक तरह से उनको एक्सपोज़ करते हुए एक वीडियो तुरंत जारी किया।
दरअसल, काफी लोग डॉ विकास को एक आईएएस अधिकारी समझते हैं। जिन्होंने रिजाइन कर दिया, लेकिन डॉ विकास दिव्यकीर्ति को आईएएस सर्विस आलाट न होकर कोई केंद्र सचिवालय की सर्विस आलाट हुई थी, क्यूंकि उनकी रैंक 384 थी, जिस रैंक पर आईएएस नहीं मिलता।
यह बात संजय दीक्षित जी ने ही पहले एक्सपोज़ की थी, जिसपर डॉ विकास दिव्यकीर्ति ने भी एक इंटरव्यू में खुद ये स्वीकारा। अब बात इस प्रकरण की तो आप स्वयं संजय जी से ही सुन लीजिये।
दरअसल डॉ विकास दिव्या कीर्ति ने रामायण का रिफरेन्स देने के लिए महाभारत को कोट किया है।उसमे भी पूरा सन्दर्भ स्पष्ट नहीं किया है।
क्या ऐसे सनातनियों की धार्मिक भावनाओं से खेलनें का अधिकार किसनें दिया, क्या तथाकथित डाक्टर डिग्री धारक विकास दिव्या कीर्ति साहब को यह अधिकार किसनें दिया।
इस मुद्दे का सार्वजनिक तौर पर यदि डाक्टर विकास दिव्या कीर्ति माफी नही मानते तो आगे सनातनी. समुदाय संवैधानिक कार्यवाही के लिये बाध्य होगा, जिसके लिये वह स्वयं व देश का प्रशासनिक अमला जिम्मेदार होगा।