ईडब्लूएस कोटे पर फैसले को लेकर सियासत शुरू, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन नें फैसले के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
चेन्नई। सुप्रीम कोर्ट द्वारा ईडब्लूएस कोटे पर दिए गए फैसले को लेकर सियासत शुरू हो गई है। इस बीच तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इस फैसले के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। भाजपा- कांग्रेस भी इस पर बोली हैं।
वीसीके चीफ ने बताया संघ परिवार का एजेंडा
स्टालिन ने कहा कि इस फैसले के सभी कानूनी पहलुओं की समीक्षा के बाद अगला कदम उठाया जाएगा। वहीं, राज्य सरकार में डीएम के साथी वीसीके ने भी फैसले पर नाखुशी जाहिर की है। वीसीके चीफ थोल थिरुमालावलन ने ईडब्लूएस कोटा को संघ परिवार का एजेंडा बताया है। दूसरी तरफ, केंद्र में सत्ताधारी भाजपा ने सोमवार को ईडब्लूएस कोटे के तहत सवर्ण गरीबों को 10 फीसदी आरक्षण देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई है।
भाजपा नें यह कहा था
भाजपा ने कहा कि एक बार फिर साबित हो गया कि नरेंद्र मोदी सरकार सभी लोगों को संविधान के मुताबिक बिना किसी भेदभाव के सबको समान अवसर दे रही है। मीडिया को संबोधित करते हुए पार्टी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का डिसीजन मोदी सरकार के संविधन के 103वें संशोधन के फैसले पर मुहर है। उन्होंने कहा कि इससे साबित हो जाता है कि देश गरीबों की दशा को बेहतर बनाने और उनकी सामाजिक-आर्थिक दशा को सुधारने के लिए प्रधानमंत्री का विजन स्पष्ट है।
तमिलनाडु की सत्तारूढ़ द्रमुक और सहयोगी दलों का यह है मानना
तमिलनाडु की सत्तारूढ़ द्रमुक और सहयोगी दलों को गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण (ईडब्ल्यूएस) एमके स्टालिन को मंजूर नहीं है। सीएम की ओर से बुलाई सर्वदलीय बैठक में 103 वें संविधान दलों का कहना है कि इससे गरीबों के बीच भेदभाव होगा।
सीएम स्टालिन की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक
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