जौनपुर। देश के स्वर्णिम विकास में बच्चों की अहम भागीदारी है। भारत के आजाद होने के बाद बच्चो का विकास, उनकी शिक्षा, स्वास्थ को लेकर सरकार ने कई योजना बनाई है। लेकिन आज भी बहुत से बच्चों को उनका अधिकार नहीं मिल पाता है। बाल दिवस का अर्थ तब तक पूर्ण सार्थक नहीं हो सकता, जब तक हमारे देश में हर एक बच्चों को उसके मौलिक बाल अधिकार की प्राप्ति ना हो जाए।
बाल मजदूरी और बाल शोषण का पूरी तरह से खात्मा होना चाहिए। आर्थिक कारणों से कोई भी बच्चा शिक्षा पाने से वंचित नहीं रहना चाहिए। बाल कल्याण के लिए चल रही सभी योजनाओं का लाभ बच्चों तक पहुंचाना चाहिए बाल दिवस के अवसर पर हम सभी को मिलकर बाल अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलानें के लिये संकल्प लेना चाहिए।
पंडित जवाहरलाल नेहरू जी कहते थे आज के बच्चे कल के भारत का निर्माण करेंगे, आज के बच्चे ही कल देश के भविष्य की निर्माण की धुरी हैं। इसलिए यह जरूरी है कि उनकी शिक्षा एवं कल्याण पर विशेष ध्यान दिया जाए। जितनी बेहतर तरह से बच्चों की देखभाल करेंगे राष्ट्र भी उतना ही मजबूत होगा।
बाल दिवस समारोह का आयोजन देश के भविष्य के निर्माण में बच्चों के महत्व को बताता है, बच्चे राष्ट्र की बहुमूल्य संपत्ति होने के साथ ही, देश का भावी भविष्य और कल की उम्मीद है इसलिए उन्हें उचित देख- रेख और प्यार मिलना ही चाहिए। यह हमारे नीति नियंताओं व बच्चों के माता पिता को सोचना चाहिये, व इसके क्रम में हर सम्भव प्रयास करना ही चाहिए।