श्रीमान जी अब बर्दाश्त की सीमा खत्म हो चुकी है। दवा भी नींद नहीं दिला रही है। मैं क्या करूं… किसी को अगर मार दूंगा तो मेरे घर वालों की जिंदगी बर्बाद हो जाएगी। मैं स्वेच्छा से अपनी मौत का स्वीकार करने जा रहा हूं। इसके जिम्मेदार कानपुर आउटर के कुछ अधिकारी और कर्मचारी होंगे, जिनमें कमिश्नरी के कुछ लोग भी शामिल हैं। धन्यवाद…। हो सके तो यह दुनिया मुझे माफ कर दे…।
ये खुदकुशी का एक ऐसा मजमून है, जिससे सोमवार को कानपुर आउटर पुलिस के साथ ही
कानपुर कमिश्नरी की पुलिस भी हिल गई। दरअसल इसे लिखने वाला साढ़ थाने का
एक लाइन हाजिर सिपाही जयवीर सिंह है। उसने अपने व्हाट्सएप पर इस मजमून का स्टेटस लगाया। और एसपी कानपुर आउटर समेत 16 लोगों के नाम आरोपितों में डाल दिए।
इसके बाद मोबाइल स्विच ऑफ कर लापता हो गया। स्टेटस थोड़ी ही देर में वायरल हो गया
तो पुलिस कमिश्नर ने सिपाही को खोजने का फरमान जारी किया। आनन-फानन में उसके फोन की आखिरी लोकेशन निकलवाई गई, तो वह पोस्टमार्टम हाउस के सामने पेट्रोल पम्प के पास एक गाड़ी में मिला।
एसीपी ने की पूछताछ
सिपाही के मिलने पर एसीपी स्वरूप नगर बृजनारायण सिंह ने लगभग दो घंटे पूछताछ की।
एसीपी के मुताबिक वह बहकी- बहकी बातें करता रहा। उसने कहा कि उसका मोबाइल चकेरी क्षेत्र से गायब हुआ है।
इस कारण उसने चकेरी इंस्पेक्टर का नाम लिखा है। अफसर ने लाइन हाजिर किया, इस कारण एसपी का नाम लिखा। अन्य पुलिसवालों पर जातीय भेदभाव का आरोप लगाया। वहीं, उसका कहना था, कि मीडियाकर्मियों ने मारपीट व लाइन हाजिर की खबर लिखी, इसलिए उनके नाम लिखे।
सिपाही ने यह भी जानकारी दी कि वह 72 घंटे से सोया नहीं है। उसके परिजनों ने बताया कि ग्वालियर में सिपाही के दिमाग का इलाज हो चुका है। इसलिए पूछताछ के बाद उसे मनोचिकित्सक को दिखाया गया। फिलहाल हैलट अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मारपीट के बाद लाइन हाजिर
मूलरूप से इटावा में बकेवर का रहने वाला जयवीर सिंह साढ़ थाने में तैनात था। करीब एक महीने पहले पुलिसकर्मियों से, मारपीट के मामले में एसपी आउटर तेज स्वरूप सिंह ने उसको लाइन हाजिर कर दिया था।
इनके नाम लिखे सुसाइड नोट में
एसपी कानपुर आउटर तेज स्वरूप सिंह, एसएचओ अजय प्रताप सिंह, अतुल कुमार सिंह, योगेश कुमार सिंह, फजलगंज दुबे जी, अमित तोमर जी, सुश्री शिवानी, एसएचओ चकेरी शैलेन्द्र सिंह, पद्माकर तिवारी महाराजपुर, अवधेश, महेन्द्र सिंह, राम सेवक, जुबैर, मुंशी लाइन, एसआई प्रतीक आदि।
दरोगा अनूप का रिश्तेदार नहीं
पूछताछ में जयवीर ने खुद को मृतक दरोगा अनूप सिंह का फुफेरा भाई बताया, और उनकी मौत पर नाराजगी भी जताई। हालांकि, एसपी कानपुर आउटर तेज स्वरूप सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम हाउस में जब अनूप सिंह के पिता से बातचीत हुई तो उन्होंने सिपाही को पहचानने से इनकार कर दिया।
न ही वह जयवीर सिंह के बारे में कुछ जानते हैं। पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड ने बताया, सिपाही को हैलट में भर्ती कराया गया है। उसके ठीक होने पर पूछताछ की जाएगी। जो भी तथ्य निकलकर आएंगे, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। हम आपको बता दें कि यह वही जयवीर सिंह हैं जिनसे हाल ही में उनके सहयोगी कर्मियों नें मारपीट की थी व इनको लाइन हाजिर भी किया गया था।