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महिला लेखपाल शालिनी कटियार द्वारा जल जीवन मिशन के दस्तावेज में बदलाव, प्रधान द्वारा गलत के विरोध पर प्रधान पर एफाईआर।

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जौनपुर। उपजिलाधिकारी शाहंगज को लेखपाल पद पर कार्यरत लेखपाल शालिनी कटियार नें दिनांक 16/11/2022 को एक शिकायती पत्र लिखा जिसमें उन्होंने यह जिक्र किया कि दिनांक 15/11/2022 को समय 4.31 PM पर जलजीवन मिशन के अन्तर्गत पानी टंकी की भूमि के सीमांकन हेतु ग्राम नौली परगना अंगुली तहसील शाहगंज जिला जौनपुर गयी थी। मौके पर निरीक्षण का कार्य खसरा नक्शा लेकर मौका देख रही थी।

तब ग्राम प्रधान रोशनलाल राजभर मौके पर आये और पूछे तुम कौन हो और, मै ग्राम प्रधान हूँ। बिना मेरी अनुमती के तुम मेरे ग्राम मे कैसे आ गयी तुम्हारी औकात मै बता दूँगा। तुम बाहर से आयी हो यहाँ मेरे ग्राम में मै जो कहूँगा तुमको वो करना पड़ेगा मेरे द्वारा प्रतिरोध करने पर तुरन्त माँ बहन की गालियाँ देने लगे व डण्डा लेकर दौड़ाये किसी प्रकार से मै वहाँ से भागना चाही तो मेरा बैग छीनकर ग्राम नौली का खसरा फाड़ दिये और जान से मारने की धमकी दिये कि फिर मेरे गांव में दिखाई दिये तो जान से मार दूँगा।

अतः महोदय से निवेदन है कि रोशनलाल राजभर के खिलाफ FIR करते हुए कार्यवाही करने की कृपा करे जिससे की प्रार्थिनी भयमुक्त होकर सरकारी कार्य सम्पादित कर सके।


लेखपाल शालिनी कटियार द्वारा लिखवाई गयी शिकायत।


जबकि आखिरी सच टीम की पड़ताल में जो तथ्य निकलकर आये हैं वह उपरोक्त तथ्यों को एकदम गलत साबित हुऐ।

जबकि आखिरी सच टीम की पड़ताल में जो तथ्य निकलकर सामनें आयें वह शालिनी कटियार लेखपाल को ही गलत व भ्रष्ट के साथ ही साजिशकर्ता साबित कर रहें हैं। उक्त ग्राम पंचायत नऊली में जल जीवन मिशन योजनान्तर्गत पानी की टंकी का निर्माण होना था। जिसके लिये जमीन का चयन व सीमांकन विगत माह मई 2022 की 16 तारीख को तत्कालीन लेखपाल श्रीमती नंदा देवी जी के द्वारा जल निगम के जिम्मेदारों व ग्राम पंचायत के जिम्मेदारों के समक्ष हो गया था। जिसमें सभी के संयुक्त संस्तुति की पर रकबा संख्या 448 पर जिसका क्षेत्रफल 1.370 हेक्टेयर था, पर उक्त परियोजना प्रस्तावित करके प्रस्ताव व नक्शा विभाग व जिम्मेदारों भेज दिया गया था।


16 मई को नंदा जी लेखपाल द्वारा संस्तुति


जिसके क्रम में दिनांक 13 नवम्बर को जब जल निगम द्वारा अनुमोदित कार्यकारी संस्था द्वारा काम शुरू करनें के लिये जमीन पर आया गया व कार्य शुरू की गयी तो, उक्त जमीन के अवैध कब्जेदारों क्रमशः मदनलाल राजभर पुत्र अर्जुन राजभर व लालमणि राजभर पुत्र प्रसाद राजभर द्वारा कार्यकारी संस्था के कर्मियों को रोंका गया, जिसपर कार्यकारी संस्था के स्थानीय जिम्मेदारों द्वारा ग्राम प्रधान रोशनलाल राजभर को बुलाया गया व विरोध करनें की बात कही गयी।

जिसपर प्रधान जी नें जगह यही होना बताया गया, जिसपर अवैध कब्जेदारों की सांत्वना हेतु ग्राम प्रधान नें लेखपाल शालिनी कटियार को बुलवाया गया, जिसपर शालिनी कटियार उस समय स्थल पर नही आया गया बल्कि 2 दिन बाद शालिनी कटियाल द्वारा एक नया संस्तुति पत्र सार्वजनिक किया गया जिस पर उक्त अकेली संस्तुति में भूमि संख्या 307 रकब 0.300, क्षेत्रफल 0.1600 हेक्टेयर दिखाया गया, जिसपर दिनांक 1 जुलाई 2022 की तारीख व नंदा देवी लेखपाल के हस्ताक्षर मिले जबकि उक्त संस्तुति पत्रक में ग्राम प्रधान के हस्ताक्षर व मुहर नही प्राप्त हुए। जो पत्रक मिलें उसमे ओवर राइटिंग की गयी थी, सबसे बड़ी बात यह निकल कर आई की बिना ग्राम पंचायत के राजस्व समिति के मुखिया के हस्ताक्षर के उक्त संस्तुति पत्र कैसे तैयार हुआ।


1 जुलाई को फिर एक और संस्तुति नंदा जी के हस्ताक्षर से


वहीं जब आखिरी सच टीम नें लेखपाल शालिनी कटियार से बात करनें का प्रयास किया गया तो शालिनी कटियार नें फोन नही उठाया। जबकि ग्रामीणों नें नाम न छापनें की शर्त पर जानकारी दी की मदनलाल व लालमणि नें कुछ धनराशि देकर उक्त पत्रक शालिनी कटियार से बदलवाये थे। जबकि ग्राम प्रधान से भी पुरानें संस्तुति पत्रक के हिसाब से काम करवानें के नाम पर शालिनी कटियार द्वारा 20000 रूपयों की मांग की गयी थी। जिससे इंकार करनें पर उक्त महिला लेखपाल द्वारा फर्जी शिकायत ग्राम प्रधान पर दर्ज करवाई गयी। जबकि उक्त तथाकथित घटना के समय दर्जनों उपस्थिति लोंगों द्वारा घटना का खंडन किया गया।

जबकि शिकायत के बाद जांच के लिये गये  जांच अधिकारी के सामनें गांव के लोगों यहां तक की उक्त प्रथम संस्तुति जमीन के अवैध कब्जेदारों द्वारा भी गाली- गलौज व दस्तावेजों को फाड़नें की लेखपाल द्वारा कथित घटना का खंडन किया गया।


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