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एशिया के सबसे बड़े धारावी स्‍लम मुंबई के लिए अडानी ग्रुप ने लगाई बोली, रेस में DLF और नमन ग्रुप भी दौड़ में शामिल।

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एशिया।  सबसे बड़े स्‍लम एरिया के रिडेवलपमेंट के लिए अडानी ग्रुप समेत तीन समूह की प्रमुख रियल एस्टेट कंपनियों ने 20,000 करोड़ रुपये के लिए बोली लगाई है। इस रेस में अडानी ग्रुप, दिल्ली स्थित DLF ग्रुप और नमन ग्रुप शामिल हैं। इस बोली से एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती को बदलाव की उम्‍मीद मिली है।

धारावी रिडेवलपमेंट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एसवीआर श्रीनिवास ने कहा कि 2016 की तुलना में जब पांच एक्सटेंशन के बावजूद कोई बोली प्राप्त नहीं हुई थी और 2018 में जब केवल दो मिली थी। सरकार द्वारा प्रोत्साहित करने के लिए नियमों और शर्तों में बदलाव के बाद परियोजना में तीन बोलियां मिली हैं।

हालांकि दक्षिण कोरिया और यूएई की फर्मों सहित आठ कंपनियों ने 11 अक्टूबर को प्री-बिड मीटिंग में भाग लिया था, लेकिन मंगलवार को अंतिम दिन में केवल तीन बोलियां मिली हैं। वहीं अभी तक इसकी जानकारी नहीं कि ये तीनों कंपनियां तकनीकी साझेदार हैं या नहीं। जबकि धारावी टेंडर की शर्तें केवल दो भागीदारों, उच्च वित्तीय नेटवर्थ के साथ लीड पार्टनर और निर्माण अनुभव के साथ एक तकनीकी भागीदार को एक कंसोर्टियम में अनुमति देती है।



मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, श्रीनिवास ने कहा कि हम पहले तीनों बोलीदाताओं का तकनीकी मूल्यांकन करेंगे और फिर वित्तीय बोलियां खोली जाएंगी। उच्चतम बोली लगाने वाले को तब 80 फीसदी इक्विटी के साथ एक स्‍पेशल प्रपोज वेहिकल (SPV) कंपनी बनानी होगी और सरकार कंपनी में 20 फीसदी हिस्सेदारी के साथ 100 करोड़ रुपये लाएगी। एसपीवी को तब अपना मास्टर प्लान पेश करना होगा।

अडानी ग्रुप की रियल एस्टेट शाखा अदानी रियल्टी लगभग 12 साल पुरानी है और आक्रामक रूप से मुंबई में विस्‍तार कर रही है। वर्तमान में इसके पास अहमदाबाद में पांच, जगतपुर में दो, गुरुग्राम में तीन और पुणे में एक निर्माणाधीन परियोजनाएं हैं।

वहीं DLF ग्रुप उत्तर भारत के प्रमुख डेवलपर्स में से एक है और 15 राज्यों और 24 शहरों में सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनियों में से एक है। इसके अलावा, जयेश शाह का नमन समूह 1993 से रियल्टी व्यवसाय में है, और इसने कई आवासीय और वाणिज्यिक परियोजनाओं को पूरा किया है।

गौरतलब है कि अडानी ग्रुप कंसोर्टियम ने 2018 में 4,529 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी, लेकिन दुबई स्थित सिकलिंक टेक्नोलॉजी कॉरपोरेशन 7,200 करोड़ रुपये की सबसे ऊंची बोली लगाने वाले के रूप में उभरा था।


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