कोरानसराय। थाना के हिरासत में रखे गए एससी एसटी मामले में गिरफ्तार एक वृद्ध आरोपी ने अपने ही गमछे का फंदा बनाकर आत्महत्या कर ली है। इसके बाद पुलिस द्वारा तुरंत वृद्ध आरोपी को पंखे की कुंडी से उतारकर डॉक्टर के पास ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
यह सूचना जैसे ही बक्सर एसपी नीरज को लगी आनन फानन में इसे बड़ी लापरवाही मानते थानाध्यक्ष को सस्पेंड कर घटना की जांच में स्वयं जुट गए। मिली जानकारी के मुताबिक कोपवां निवासी यमुना सिंह 70 वर्षीय वृद्ध को एससी/एसटी अधिनियम के तहत मामला दर्ज में बुधवार की शाम गिरफ्तार कर थाना लाया गया।
मृतक का बड़ा बेटा अरुण सिंह
पुलिस सूत्रों के अनुसार पूछताछ के बाद कम्प्यूटर रूम में बैठा बाहर से बंद कर दिया गया। दरअसल 16 अक्टूबर को अपने ही गांव के भोला पासवान व मिथिलेश पासवान के परिजनों से बच्चों के खेल-खेल में हुए झगड़े के कारण विवाद बढ़ गया था। जिसके बाद भोला पासवान के द्वारा यमुना सिंह के परिजनों पर एससी/एसटी के तहत प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी। वहीं यमुना सिंह के परिजनों की ओर से भी प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
लाकअप के बजाए कम्प्यूटर रूम में रखा गया आरोपी
नियम के अनुसार किसी भी आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद लाकअप में रखा जाता है। जबकि इस आरोपी के उम्र देखते हुए कम्प्यूटर रूम में रखा गया। वही रात्रि में एकांत पाकर यमुना सिंह ने स्वयं के गमछे एवं धोती को फंदा बनाकर कम्प्यूटर रूम में लगे पंखा से लटक कर अपना जीवन लीला समाप्त कर लिया।
इस पूरी घटना का वीडियो थाना में लगे सीसीटीवी कैमरा में कैद हो गया है। स्थानीय लोगों के मुताबिक मृतक आत्म-स्वाभिमानी था। ठेस पहुंचने के कारण यह कदम उठा लिया होगा, क्योंकि गांव में वह काफी प्रतिष्ठित व्यक्ति थे और उन्हें यह बात बिल्कुल नागवार गुजरी कि उन्हें पुलिस के द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया।
पंखे से फंदा लगाकर सुसाइड, SC-ST एक्ट में गिरफ्तारी, का स्याह सच केवल आखिरी सच पर। pic.twitter.com/G60N31uExv
इस घटना के बाद आक्रोशित परिजनों और ग्रामीणों द्वारा डुमरांव-बिक्रमगंज पथ को करीब दो घंटों तक जाम कर दिया गया। जिससे आवागमन बाधित हो गया। वहीं एनएच पर लंबी गाड़ियों का कतार लगा रहा। इसके बाद मौके पर एसपी नीरज कुमार सिंह पहुंचकर परिजनों से मिले।
परिजनों के द्वारा आरोप लगाया गया कि थानाध्यक्ष जुनैद आलम एवं डीएसपी कुमार वैभव के द्वारा मेरे पिता की हत्या कर दिया गया है।
छावनी में तब्दील था कोरानसराय थाना क्षेत्र
इस घटना के बाद एसपी के निर्देश पर कोरानसराय थानां को पूरी तरह छावनी में तब्दील कर दिया गया था।
इस दौरान नावानगर, सोनवर्षा, बगेनगोला, नया भोजपुर ओपी, डुमरांव, कृष्णा ब्रह्म सहित अनुमंडल के सभी थानां को तैनात किया गया था। वही दंगा दल को भी चौक सहित थाना के इर्द-गिर्द तैनात किया गया था लेकिन किसी प्रकार का कोई होहल्ला या उत्पात नहीं हुआ।
घटना का स्याह सच यह रहा
दिनांक 16 नवंबर 2022 को राजा पुत्र धर्मेंद्र पासवान वर रंजन पुत्र सुरेश पासवान द्वारा रौनक सिंह पुत्र पिंटू सिंह के साथ विद्यालय में किसी बात को लेकर विवाद हो गया था, जिसको राजा व रंजन ने मिलकर संयुक्त रूप से मारा पीट था।
वहीं इस घटना के बाद इस पासवान परिवार के विशेष सहयोगी/ सवर्ण विरोधी राजू पासवान रविंद्र राम जो कि भीम आर्मी के सदस्य हैं, व सवर्ण विरोधियों के सहयोगी मंजीत यादव गोलक यादव व चौकीदार कृष्णा यादव द्वारा संयुक्त नियोजन में यमुना सिंह के परिवार के 22 लोगों पर मुकदमा दर्ज करवाया गया। यहां तक की बुजुर्ग से लेकर अबोध तक कोई भी परिवार का नही छोड़ा गया था।
जिसमें थाना प्रभारी जुनेद आलम ने यमुना सिंह के परिवार से बचनें के लिये 50 लाख रूपयों की मांग की गयी, व न देने पर खामियाजा भुगतने की धमकी दी गयी थी, जबकि इसके पूर्व भी काफी दिनों से यमुना सिंह से लगातार जुनेद आलम थानाध्यक्ष द्वारा पैसे मांगे जा रहे थे, कारण यमुना सिंह जी जिनके नाम 10 एकड़ जमीन है वहीं उनकी बस भी चलती है।
बच्चों के बीच में लड़ाई के बाद लगभग डेढ़ सौ के आसपास भीम आर्मी कार्यकर्ताओं ने यमुना सिंह के परिवार पर चढ़ाई कर दी थी। जिससे बचने के लिए परिवार के सदस्य इधर उधर भाग गए काफी गाली गलौज धमकी व भीम आर्मी के मुख्य नियोजक रविंद्र राम जोकि स्थानीय भीम आर्मी के नेता हैं के द्वारा परिवार से एक बार फिर 20 लाख रूपये की मांग की गई थी, यदि 20 लाख रूपये दोगे तो तुम्हें इस केस से फुर्सत दे दी जाएगी।
अन्यथा की दशा में खामियाजा भुगतने के लिए तैयार रहो, हम सब तुम को छोड़ेंगे नहीं जहां तक भाग सकते हो भाग जाओ इस सवर्ण उत्पीड़न में स्थानीय भाकपा माले के विधायक अजीत कुशवाहा का भी काफी बेहतर योगदान अनुसूचित जाति के परिवार के साथ रहा कारण यमुना सिंह का परिवार उनके राजनैतिक विरोधी के साथ रहा, लेकिन इस मुद्दे पर विधायक का वह राजनैतिक विरोधी यमुना सिंह के परिवार के साथ नही खड़ा दिखा।
बस के संचालन के क्रम में जुनेद आलम द्वारा लगातार यमुना सिंह से अवैध पैसा मांगा जा रहा था, ना देने पर खामियाजा भुगतने के लिए कहा जाता था, इस केस में डुमराँव के डीएसपी कुमार वैभव जोकि अनुसूचित जाति वर्ग से ही आते हैं। उन्होंने भी परिवार को खामियाजा भुगतने के लिए धमकाया था, जबकि पासवान परिवार द्वारा सुलहनामा के नाम पर 10 लाख रूपयों की मांग की गई थी जिस दिन यमुना सिंह को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया गिरफ्तारी के समय थाना अध्यक्ष जुनेद आलम डीएसपी डुमराव कुमार वैभव स्थानीय चौकीदार कृष्णा यादव वह काफी पुलिस बल के साथ यमुना सिंह को गाली गलौज मारपीट धक्का- मुक्की करते हुए जबरदस्ती गाड़ी में बैठा कर थाने ले जाया गया था।