पंजाब। मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा शुक्रवार को कैबिनेट की अध्यक्षता की गई। इस दौरान उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने पुरानी पेंशन योजना को मंजूरी दे दी है। विस्तृत जानकारी जल्द ही दी जाएगी। इससे लाखों कर्मचारियों को बड़ा फायदा होगा।
PFRDA में जमा फंड का उपयोग चुनौती
अनुमान लगाया जा रहा था कि राज्य सरकार द्वारा पुरानी पेंशन योजना की अदायगी के लिए पीएफआरडीए में जमा 17000 करोड़ रुपए के फंड का उपयोग किया जा सकता है। हालांकि राज्य सरकार द्वारा पीएफआरडीए से पैसा लेना बड़ी चुनौती होगी।
पेंशन कोष का निर्माण
जिस पर भविष्य में इस योजनाओं को वित्तीय परेशानी का सामना ना करना पड़े। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा एक पेंशन कोष बनाने में सक्रिय रूप से योगदान दिया जाएगा। इस कोष पेंशनर्स को लाभ मिलता रहेगा। सरकार के नियम के तहत पेंशन कोष में शुरुआत में 1000 करोड़ रुपए प्रति वर्ष जमा किए जाएंगे। हालांकि धीरे-धीरे इस राशि को बढ़ाया जाना है। इससे पहले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री द्वारा पीएफआरडीए मैं जमा कर्मचारियों के 17000 करोड़ रुपए की मांग की गई थी। जिसे पीएफआरडीए ने सिरे से नकार दिया था।
पुरानी पेंशन योजना के लिए अधिसूचना जारी
पुरानी पेंशन योजना के लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है। इस फैसले से 175000 से अधिक शासकीय कर्मचारी को लाभ मिलेगा। 1 महीने पहले कैबिनेट की बैठक में पंजाब सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों के लिए योजना को बाहर करने का फैसला किया गया था। वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा की माने तो कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना चुनने के विकल्प दिए जाएंगे।
OPS लागू करने वाला चौथा राज्य बना पंजाब
पुरानी पेंशन योजना की राज्य में लागू होने के साथ ही पंजाब लागू करने वाला चौथा राज्य हो गया है। छत्तीसगढ़ राजस्थान और झारखंड के बाद अब पंजाब में इसे लागू किया गया है। साथ ही 2004 के बाद शासकीय सेवा में आए कर्मचारी की सेवानिवृति पर उनके अंतिम बेसिक सैलरी पर उन्हें 50 फीसद पेंशन का लाभ दिया जाएगा।