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श्रद्धा वाकर मर्डर केस पर अबतक की पड़ताल व पड़ताल पर कुछ जरूरी सवाल वरिष्ठ कलमकार रमेश श्रीवास्तव की कलम से।

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दिल्ली। श्रद्धा वॉल्कर हत्याकांड में दिल्ली पुलिस ने अपनी जांच की रफ्तार तेज कर दी है। इसी सिलसिले में पुलिस की टीम रविवार को आरोपी आफताब के घर पहुंची। यहां आफताब ने श्रद्धा की कैसे हत्या की, उसके बाद कैसे उसके शरीर के 35 टुकड़े किए, उन्हें कहां रखा, इस पूरे अपराध का सीन रीक्रिएट की जाएगी। इसी के आधार पर पुलिस हत्या से जुड़े कई और सबूत जुटाएगी।

दिल्ली पुलिस ने सबूत जुटाने के लिए 19 नवंबर को लगातार छठे दिन महरौली के जंगलों में छानबीन की थी। इसके अलावा दिल्ली पुलिस ने श्रद्धा वॉल्कर के दोस्त राहुल और गॉडविन से भी पूछताछ की। वहीं पुलिस ने दूसरी बार गुरुग्राम पहुंचकर सर्च ऑपरेशन चलाया था। पुलिस अपने मेटल डिटेक्टर ले गई थी। पुलिस को शक था कि कातिल ने वारदात में इस्तेमाल हथियार को यहीं कहीं नहीं छिपाया है।

वहीं हत्या मामले में दिल्ली पुलिस आज वसई में यूनिक पार्क के उस बिल्डिंग के पदाधिकारियों से भी पूछताछ करेगी, जहां आफताब का परिवार रहता है।

आफताब के घर के बाहर जुटी भीड़

दिल्ली पुलिस जांच के लिए आफताब के घर पहुंच गई है। वहीं उसके घर के बाहर लोगों की भीड़ जुटने लगी है। हत्याकांड के चर्चा में आने के बाद से ही यहां रील बनाने के लोगों आने लगे हैं। एहतियात के तौर पर उसके घर के बाहर भी पुलिस को तैनात कर दिया गया है।

पुलिस के हाथ लगा CCTV फुटेज

श्रद्धा मर्डर केस की जांच में जुटी दिल्ली पुलिस को आफताब का एक सीसीटीवी फुटेज मिला है। हालांकि यह फुटेज 18 अक्टूबर का है। इसमें आफताब के हाथ में एक बैग दिखाई दे रहा है। पुलिस को शक है कि आफताब 18 अक्टूबर के दिन श्रद्धा के कटे हुए शव के बचे टुकड़ों को फेंकने गया था। पुलिस को जो सीसीटीवी फुटेज मिले हैं, उनमें आफताब तीन बार आता- जाता दिख रहा है।

आफताब- श्रद्धा के कपड़े कब्जे में लिए

दिल्ली पुलिस ने एक दिन पहले आफताब के घर पहुंचकर वहां मौजूद तमाम कपड़ों को अपने कब्जे में ले लिया था। इसमें ज्यादातर कपड़े आफताब के हैं। इसके अलावा पुलिस को वहां से श्रद्धा के कपड़े भी मिले हैं। दोनों के कपड़ों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया क्योंकि अभी तक पुलिस को वे कपड़े बरामद नहीं हुए जो उसने हत्या वाले दिन पहने थे और श्रद्धा ने जो पहने थे।

शव के अब तक 13 टुकड़े मिल चुके

वहीं दिल्ली पुलिस को अबतक श्रद्धा के शव के 13 टुकड़े मिल चुके हैं। हालांकि, पुलिस को अभी तक श्रद्धा का सिर नहीं मिला है, और न ही उसका मोबाइल फोन बरामद हुआ है। जिस आरी से शव के टुकड़े हुए थे, वो भी अभी तक नहीं मिली है।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिस दुकान से आफताब ने कथित तौर पर आरी खरीदी थी, वो दुकानदार अब तक कुछ बता नहीं सका है, और जिस दुकान से उसने रेफ्रिजरेटर खरीदा था, उस दुकान के मालिक को भी पेमेंट के बारे में याद नहीं है।



पुलिस ने आरोपी का फोन जब्त कर लिया गया है। पुलिस Bumble ऐप से भी संपर्क कर सकती है। जहां आफताब और श्रद्धा की मुलाकात हुई थी। पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी आफताब की प्रोफाइल खंगाली जाएगी। ये भी पता लगाने की कोशिश होगी कि वो और कौन-कौन सी लड़कियों के संपर्क में था।

यह है पूरा मामला

मुंबई का रहने वाले पेशे से शैफ और फोटोग्राफर आफताब आमीन पूनावाला ने दिल्ली में अपनी लिव- इन पार्टनर श्रद्धा वाल्कर की हत्या कर दी थी। उसने बीती 18 मई को कथित तौर पर गला घोंटकर हत्या की थी। उसके बाद उसने शव के 35 टुकड़े कर दिए, जिन्हें उसने दक्षिण दिल्ली के महरौली इलाके स्थित अपने किराए के घर में करीब तीन सप्ताह तक एक 300 लीटर के फ्रिज में स्टोर कर रखा था और फिर उन टुकड़ों को कई दिनों तक बाहर जाकर फेंकता रहा।

माकान मालिक के अनुसार, आफताब अपने मकान मालिकों को यह कहकर बेवकूफ बनाता था कि श्रद्धा उसकी पत्नी है। साल 2021 में आफताब और श्रद्धा मुंबई में पति- पत्नी बनकर रह रहे थे। यहां दोनों पति- पत्नी बनकर एक मकान में 10 माह तक किराये पर रहे थे। फ्लैट की मालकिन का दावा है कि दोनों ने रियल-स्टेट एजेंट से कहा था कि वे घर के अन्य सदस्यों के साथ रहेंगे, लेकिन घर में केवल दोनों ही रहते थे। मकान मालकिन ने बताया कि दोनों के बीच अक्सर झगड़ा होता रहता था।

खाने-पीने की चीजें भी ऑनलाइन मंगवाते थे

इसके बाद मई 2022 में दिल्ली के महरौली थाना क्षेत्र स्थित छत्तरपुर इलाके में शिफ्ट होने के समय भी आफताब ने श्रद्धा को पत्नी बताकर फ्लैट लिया था। इतना ही नहीं, आफताब ने अपने कमरे के आसपास किसी पड़ोसी या बाहर से आने वाले के आने पर भी रोक लगा दी थी। दिल्ली में आफताब के पड़ोसियों ने बताया कि आफताब समाज से अलग- थलग रहता था। ज्यादातर खाने- पीने की चीजें भी वह आनलाइन ही मंगवाता था।

आफताब ने पड़ोसी की दी धमकी

छत्तरपुर स्थित जिस घर में आफताब- श्रद्धा रहते थे, उसी इमारत में ग्राउंड फ्लोर पर रहने वाले मिथिलेश ने बताया कि मैं यहां अपने दोस्त के साथ रहता हूं। एक दिन मुझे कहीं बाहर जाना था और घर की एक ही चाबी थी। इसके चलते मैं आफताब को चाबी देने के लिए ऊपर गया और कहा कि मेरा दोस्त आएगा तो उसे चाबी दे देना। इस पर आफताब भड़क गया और बोला कि आज तो यहां आ गए हो। इसके बाद कभी ऊपर आने की गलती मत करना।

नशा लेने का आदी है आफताब पूनावाला

पुलिस सूत्रों के अनुसार, आफताब नशा लेने का आदी है। श्रद्धा की हत्या करने के बाद भी उसने नशा लिया और पूरी रात शव के पास रहा था। सुबह फ्रिज और आरी लाकर शव के टुकड़े करने और सुबूत मिटाने के प्रयास में जुट गया था। सूत्र बताते हैं कि आफताब नशीले पदार्थ की तस्करी भी करता था। इसके लेकर श्रद्धा उससे परेशान रहती थी। श्रद्धा उसे नशे की लत छोड़ने को कहती थी, जिसके लेकर आफताब उससे लड़ाई करता था।
आफताब के घरवालों ने दोनों की शादी कराने से साफ मना कर दिया था

एक निजी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में विकास वॉल्कर ने बताया कि श्रद्धा की मां की डेथ के बाद उन्होंने आफताब के परिजनों से कभी मिलने का प्रयास नहीं किया। उन्होंने कहा कि आफताब के घरवालों ने दोनों की शादी कराने से साफ मना कर दिया, लेकिन अगर वो मान जाते तो आज यह दिन न देखना पड़ता। विकान ने बताया कि उन्होंने श्रद्धा को समझाने का कई बार प्रयास किया, लेकिन उसने उनकी एक न सुनी और आफताब के साथ रहने लगी। लेकिन श्रद्धा ने अपनी मां को बताया था कि आफताब उसको टार्चर करता है और उसकी मां की मृत्यु के बाद ऐसा ही कुछ मुझे भी बताया था। उन्होंने कहा कि मैंने श्रद्धा से वापस घर लौट आने को भी कहा, लेकिन वह फिर आफताब के पास चली गई और तब से उनके और श्रद्धा के बीच कई महीनों तक कोई संपर्क नहीं हो पाया। यहां तक कि उनको इसकी भी कोई जानकारी नहीं थी कि श्रद्धा आफताब के साथ दिल्ली शिफ्ट हो गई है।

फताब की गिरफ्तारी के बाद से उनके फ्लैट पर ताला लगा

वहीं, पुलिस को भी आफताब के परिवार पर संदेह है। फिलहाल उसका परिवार मुंबई में ही कहीं गायब है और पुलिस के संपर्क से बाहर है। पुलिस को जानकारी मिली है कि कुछ दिन पहले ही उसका परिवार बाहरी मुंबई से वसई इलाके में शिफ्ट हुआ था। लेकिन आफताब की गिरफ्तारी के बाद से उनके फ्लैट पर ताला लगा है।

पुलिस का शक ऐसे गहराया

आफताब ने मुंबई पुलिस को जो जानकारी दी उसके मुताबिक बीते 22 मई को ही उसकी प्रेमिका श्रद्धा झगड़ाकर घर छोड़कर चली गई थी। आफताब ने ये भी बताया कि वो सिर्फ अपना फोन लेकर गई थी। जबकि कपड़े और बाकी सामान यहीं छोड़ गई थी। लेकिन, पुलिस को आफताब के इस बयान पर जरा भी यकीन नहीं हुआ। इसके बाद पुलिस ने जब आफताब और श्रद्धा की कॉल डिटेल और लोकेशन चेक की तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए।

जांच में पुलिस को पता चला कि 26 मई को श्रद्धा के नेट बैंकिंग एप्पलीकेशन से आफताब के एकाउंट में 54 हजार रुपये ट्रांसफर हुए थे। जबकि आफताब ने पुलिस को बताया था कि 22 मई से वो श्रद्धा के सम्पर्क में नहीं है। बस फिर क्या था आफताब की यही पहली सबसे बड़ी गलती थी, जिसने उसे खुद के बुने जाल में फंसा दिया था। इतना ही नहीं, 31 मई को श्रद्धा के इंस्टाग्राम अकाउंट से उसके दोस्त के साथ एक चैट भी सामने आई थी। जब पुलिस ने श्रद्धा के फोन का लोकेशन निकाला तो वह दिल्ली के महरौली थाना इलाके का निकला। 26 मई को जो मनी ट्रांजेक्शन हुआ था उसकी लोकेशन भी महरौली थाना इलाका ही निकली थी।

एक बात और आपको बताते हैं जब आफताब से पुलिस ने पूछा कि जब वो 22 मई को घर छोड़कर चली गई थी तो इसके बावजूद उसकी लोकेशन महरौली क्यों आ रही है? इसका जवाब आफताब नहीं दे पाया और पुलिस के सामने टूट गया। जिसके बाद उसने श्रद्धा के कत्ल की पूरी खौफनाक कहानी पुलिस को बताई। तब तक श्रद्धा के कत्ल के आरोपी आफताब शव को 35 टुकड़े कर उन्हें ठिकाने भी लगा चुका था।  श्रद्धा घर छोड़कर आफताब के साथ रहने चली गयी थी, तो घर वाले संपर्क में नहीं थे। श्रद्धा के सोशल मीडिया खाते से आरोपी समय- समय पर पोस्ट डालता रहा, उसके फोन से उसके दोस्तों को टेक्स्ट मैसेज भेजता रहा, ताकि उसके जानने वालों को उसके इस दुनिया में न होने का शक न हो। आफताब ने श्रद्धा के क्रेडिट कार्ड का बिल भी चुका दिया, जिससे कंपनियां श्रद्धा के मुंबई वाले पते पर कांटैक्ट न कर सकें। आरोपी ने अक्टूबर महीने में पुलिस से यहां तक कह दिया था कि श्रद्धा 22 मई को ही लड़ाई के बाद घर छोड़कर चली गई थी। जांच के दौरान हमें एक ऑनलाइन ट्रांजैक्शन की डीटेल मिली, जो 22 मई से 26 मई के बीच किया गया था। इसमें 54 हजार रुपये श्रद्धा के खाते से नेट बैंकिंग के जरिये आफताब के अकाउंट में भेजे गए थे। अधिकारियों ने कहा कि उस ट्रांजैक्शन के दौरान उसके फोन की लोकेशन छतरपुर तक सीमित थी।

गौर करनेवाली बात यह थी कि आफताब ने दावा किया था कि वह मोबाइल लेकर घर से निकली थी। पुलिस ने कहा कि गिरफ्तारी से एक दिन पहले 11 नवंबर को पूछताछ के दौरान आफताब से ट्रांजैक्शन के बारे में पूछा गया, जिसका जवाब देने में वह चूक गया। आफताब ने कहा कि वह श्रद्धा के पासवर्ड जानता था और ट्रांजैक्शंस खुद करता था, क्योंकि उसके पास पैसे बकाया थे। उसका यह बयान पुलिस को दिये उसके अपने पिछले बयान के विपरीत था कि वह अपना फोन साथ ले गई थी। यहीं पर आफताब फंस गया। बहरहाल, आफ़ताब असीम पूनावाला की गलतियां ठीक उसपर ही भारी पड़ रहीं हैं और कानून की कसावट में अब धीरे- धीरे उसके हौसले टूट रहे हैं। आफताब के लिए श्रद्धा के माता-पिता फांसी की मांग कर रहे हैं। श्रद्धा के कटे सर और कुछ और बॉडी पार्ट्स अभी पुलिस को ढूंढने बाकी हैं। फिलहाल देखना होगा कि इस पूरे मामले का हर पहलु कब तक बेनकाब होता है और आरोपी को क्या सजा मिलती है।



वरिष्ठ कलमकार रमेश श्रीवास्तव के केस पर कुछ अनसुलझे सवाल

आफताब पूनावाला जैसे दरिंदे द्वारा श्रद्धा के 35 टुकड़े करने के खुद पुलिस के सामने कबूल किये जाने को लेकर, आफताब को बचाने के लिए ईगो सिस्टम ऑन हो गया है। जिसे मीडिया के साथ प्रबुद्ध लोग भी समझने लगे है। जिसकी पहल माननीय जज साहब ने पहले ही कर दिया है। इतने शातिर दरिंदे को पुलिस अपनी थर्ड डिग्री न इस्तेमाल करें सिर्फ प्यार से ही पूछतांछ करे।

अब आप इसे किस रूप में देखते हैं, ये आप सोचकर हमारे कमेंट सेक्शन में बताइयेगा। शायद इसी को भाँपकर बहुत ही चालाकी से आफताब पुलिस को गुमराह कर रहा है, और पागलपन जैसी हरकते कर रहा। क्योंकि पागल आदमी को इलाज की जरुरत होती है सजा की नहीं। इसी का फायदा उठा कर अब देश के बड़े वकीलों की एक फौज आफताब को बचाने के लिए मोटी रकम लेकर खड़ी हो जाएगी और आफताब को फांसी से बचाने में हो सकता है कि कामयाब भी हो जाये क्योंकि अभी तक पुलिस की जाँच में कोई बड़ा फांसी लायक सबूत नहीं मिल पाया है।

पूरे विश्व की नजरें इस शातिर दरिंदे के चालाकी भरे पैतरे पर लगी हुई है। हालांकि पुलिस आफताब को लेकर उसके दिमागी उपज के रास्ते जंगलों की खाक छान रही है कि कहीं से कोई एक भी बड़ा सबूत मिल जाये जिससे आफ़ताब को फांसी की सजा दिलाई जा सके। हर मीडिया संस्थानों में सिर्फ इसी बात को लेकर चिंता जाहिर की जा रही है। ईगो सिस्टम आन होने और जज साहब द्वारा पुलिस को थर्ड डिग्री न इस्तेमाल करने की हिदायत देकर एक दरिंदे की सजा को सिर्फ कम करने या पागलपन का सर्टिफिकेट देकर साफ बच निकलने का आखिरी दांव अभी देश के बड़े वकीलों के पास सुरक्षित बचा हुआ है। इसी मुद्दे पर अब देश की निगाहेँ टिकी हुई हैं।
बड़ा सवाल जो निकल रहें हैं वह निम्नलिखित हैं……।

1-क्या पुलिस जज साहब के आदेश से मजबूर होकर सिर्फ एक ख़ूनी दरिंदे से रिश्तेदारों की तरह प्यार से ही पूछतांछ करेगी या अपना तरीका अपनायेगी?

2- क्या आफताब जैसा ख़ूनी दरिंदा पागलपन जैसी हरकते करके अपनी सजा कम करवा सकता है या माफ़ करवा सकता है?

3- क्या आफ़ताब जैसा ख़ूनी दरिंदा जिसने हत्या के तरीके एवं सबूत मिटाने के लिए इंटरनेट से खोज कर कारित किया हो वह पागल हो सकता है।

4- जिस तरह से आफ़ताब ने श्रद्धा का क़त्ल किया और उसके लाश को ठिकाने लगाया और चेहरे पर शिकन तक नहीं आई क्या कोई सामान्य आदमी य पागल कर सकता है।

5- क्या आफ़ताब कहीं सीरियल किलर तो नहीं है? हालांकि पुलिस इसपर गंभीरता से जाँच कर रही है।

ये तो आने वाला समय ही बताएगा कि ऐसे ख़ूनी दरिंदे को पुलिस फांसी दिला पाती है कि नहीं। सभी की नजरें अब सिर्फ नारको टेस्ट पर ही लगी है।


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