यूक्रेन/ रूस। 24 फरवरी को युद्ध शुरू होने के बाद यूक्रेन में 4,700 से अधिक मिसाइलें लॉन्च की हैं, जिसके बाद अब देश का एक बड़ा हिस्सा खंडहर में तब्दील हो चुका है। लोगों के पास अब न रहने के लिए छत बची है, और न ही खाने के लिए खाना…।
यूक्रेन की सड़कों पर दिखने वाला आम नजारा
रुस ने यूक्रेन के मुख्य पावर हाउसेज को तहस नहस कर दिया है। जिसका कारण लोग अंधेरे में जीवन जीने को मजबूर हैं। आलम ये है, कि मोबाइल और पावर बैंक चार्ज करने के लिए लोग लाइन लगाते हैं। इसके लिए लोगों बिना खाना-पानी के घंटों इंतजार करना पड़ता है।
बच्चा बच्चा कर रहा है विरोध प्रदर्शन
यूक्रेन में रूसी आक्रमणकारियों द्वारा मारे गए बच्चों की याद में दर्जनों जोड़ी जूते चिसिनाउ में रूसी दूतावास के सामने बतौर विरोध प्रदर्शन रखे गए हैं।
जूतों के साथ विरोध प्रदर्शन
रूस के हमलों का विरोध यूक्रेन का बच्चा कर रहा है। दर्जनों जोड़ी जूते लेकर लोग प्रदर्शन कर रहें हैं। भयावहता का मंजर यह है कि इलाके के इलाके सूनें पड़ गये हैं।
अब नहीं आशियाना…
दिन भर रूस के सैनिकों से जंग लड़ने के बाद ये सोल्जर कुछ इस अंदाज में अपने आपको जिंदा रखते हैं। लोगों को सर छिपानें के लिये न छत है नही लोगों के पास आशियानें ही बचे हैं।
बिना बिजली गुजार रहे हैं जिंदगी
यूक्रेन की सड़कों पर इस तरह के नजारे आम हैं, रूस की सेना के द्वारा किए गए हमलों के बाद जहां तहां यूक्रेनी बसें क्षतिग्रस्त अवस्था में देखने को मिलती हैं।
रूस और यूक्रेन के बीज जारी जंग कम होने का नाम नहीं ले रही है। अब रूस ने क्रीमिया पर ड्रोन अटैक का दावा किया है।
रूसी सैन्य खर्चों में 40% इजाफा
यूक्रेन से जारी युद्ध के बीच अगले साल रूस के सैन्य खर्च में 40 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। सरकारी खजाने पर पड़ने वाले इस भार को पूरा करने के लिए रूस ने यह कदम उठाया है। रूस चाहता है कि यूक्रेन से युद्ध की वजह से सरकारी राजस्व पर दबाव न पड़े। इसलिए रूस किसी भी तरह से ज्यादा से ज्यादा नकदी जुटाने में जुटा है।
मंदी की चपेट में रूस की अर्थव्यवस्था
रूस- यूक्रेन युद्ध का दसवां महीना शुरू होने वाला है और युद्ध की वजह से रूस कई विदेशी प्रतिबंधों का सामना कर रहा है। पिछले हफ्ते आए आंकड़ों के मुताबिक इस साल की दूसरी तिमाही के बाद तीसरी तिमाही में भी रूस की विकास दर में 4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। दूसरी तिमाही में विकास दर में 4.1 प्रतिशत की गिरावट आई थी। इससे देश की अर्थव्यवस्था मंदी में प्रवेश कर गई है।