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आयकर भवन में बैठकर फर्जी अप्वाइंटमेंट लेटर देने वाली प्रियंका मिश्रा के बैंक खातों में बड़ी लेनदेन, 6 महीने में प्रियंका मिश्रा के खाते में ₹50 लाख का लेनदेन सामने आया है।

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लखनऊ। आयकर विभाग के दफ्तर में फर्जी नियुक्ति पकड़े जाने के मामले में पुलिस ने आरोपित प्रियंका मिश्रा के बैंक खातों का ब्यौरा मांगा है। अब तक की छानबीन में पुलिस करीब 12 लोगों से पूछताछ कर चुकी है। प्रियंका के पति ने पूछताछ में बताया कि उनकी पत्नी आउट साेर्सिंग का काम भी करती थी। वह कुछ एजेंसियों के संपर्क में थी, जो अभ्यर्थियों को नियुक्ति का फार्म दिलाने, उन्हें भरवाने और लेकर जमा कराने तक का काम करती थी। बैंक खातों से किए गए लेन देन का ब्यौरा जुटाने के बाद पुलिस गिरोह में शामिल अन्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगी।

एडीसीपी मध्य राजेश कुमार श्रीवास्तव के मुताबिक आरोपित महिला प्रियंका ने पूछताछ में कुछ खास जानकारी नहीं दी। वह अभ्यर्थियों का फार्म भरवाने की बात दोहराती रही। यह पता लगाया जा रहा है कि दफ्तर के भीतर अभ्यर्थियों को किसने बुलाया था। आयकर निरीक्षक की भर्ती निकली थी या अभ्यर्थियों को झांसे में लिया गया था।


पुलिस गिरफ्त में प्रियंका मिश्रा।


पुलिस ने प्रियंका की काल डिटेल भी निकलवाई गई है। इसके जरिए जानकारी की जा रही है कि वह किन लोगों के संपर्क में थी। प्रियंका की फोन पर आयकर भवन के किन कर्मचारियों से बात होती थी। माना जा रहा है कि जिन कर्मचारियों की प्रियंका से फोन पर बात हुई थी, उन्हें पुलिस पूछताछ के लिए बुलाएगी। इसके बाद संलिप्त कर्मियों की भूमिका उजागर होगी।

मंगलवार को आयकर विभाग के दफ्तर में फर्जी नियुक्ति पत्र बांटते प्रियंका को पकड़ा गया था। सात अभ्यर्थी भी भवन में मौजूद थे, जो नौकरी लेने आए थे। छानबीन में रुपये लेकर फर्जी नियुक्ति पत्र बांटने की बात उजागर हुई थी। हजरतगंज कोतवाली में आयकर के पीआरओ की तहरीर पर प्रियंका समेत अन्य के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई थी। पुलिस ने प्रियंका को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इनकम टैक्स विभाग की तरफ से हजरतगंज कोतवाली में FIR दर्ज कराई गई है। हजरतगंज पुलिस महिला से पूछताछ कर रही है।

फर्जी नौकरी के एक और पुराने मामले में गिरफ्तारी

इसके अलावा लखनऊ पुलिस ने बेरोजगारों कों सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले बदमाश जमील उर्फ जामी को भी गिरफ्तार किया है। इस पर 25 हजार रुपए का इनाम घोषित था। आरोपी जमील को लखनऊ के हजरतगंज इलाके से गिरफ्तार किया गया है।


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पूर्व मंत्री के नाम पर हो रही थी ठगी

दरअसल, 21 अप्रैल को समाजवादी पार्टी (सपा) नेता और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के कथित निजी सचिव अरमान खान और उसके चार साथियों को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया था। इनमें फैजी, असगर, विशाल और अमित का नाम शामिल था। इनके ऊपर थाना हजरतगंज कमिश्नरेट में मुकदमा संख्या 142/2022 धारा 406, 419, 420, 467 468, 469, 471,120B का मामला दर्ज कराया गया थ। मामले की जांच एसटीएफ कर रही है। जांच में जमील का नाम भी सामने आया था। इसके बाद ही जमील की गिरफ्तारी की गई।

कौन हैं प्रियंका मिश्रा?

जानकारी के मुताबिक, 30 साल की प्रियंका यूपी के शाहजहांपुर की रहने वाली है। उसे मंगलवार को लखनऊ के इनकम टैक्स ऑफिस में आयकर इंस्पेक्टर के पद पर नौकरी के लिए फर्जी इंटरव्यू लेते हुए पकड़ा गया था।

प्रियंका ने इनकम टैक्स ऑफिस की कैंटीन में अभ्यार्थियों को इंटरव्यू के लिए बुलाया था। यहां पर अभ्यार्थियों को 10-10 लाख रुपए में नियुक्ति पत्र दिए जा रहे थे।

प्रियंका ने किया है बीटेक

प्रियंका के बारे में जानकारी देते हुए डीसीपी सेंट्रल अपर्णा रजत कौशिक के बताया कि प्रियंका ने बीटेक किया है। उसने एक साल इंजीनियर के तौर पर निजी कंपनी में नौकरी भी की। प्रियंका का पति भी हरियाणा में इंजीनियर है। मगर, वह शार्ट कट से कम समय में ज्यादा पैसा कमाना चाहती थी। उसे जल्द से जल्द अमीर बनना था।



नौकरी छोड़ बनी कंसल्टेंट, आयकर विभाग में बनाई पकड़

प्रियंका ने इंजीनियर की नौकरी छोड़कर दिल्ली में टैक्स कंसल्टेंट का काम करना शुरू कर दिया। इस दौरान उसे समझ आया कि इस फील्ड में बहुत पैसा है। उसने दिमाग लगाया और इनकम टैक्स विभाग में पकड़ बनानी शुरू कर दी। फिर उसने लखनऊ में आयकर विभाग में संविदा के पद पर नौकरी की थी। यहां उसने सभी अधिकारियों से कॉन्टेक्ट बनाए थे। उनके तौर तरीकों को सीखने के साथ- साथ नाम और डिटेल कलेक्ट करनी शुरू कर दी।

खुद को बताती थी सहायक कर आयुक्त, उसी लहजे में करती थी बात

लोगों के पूछने पर वह खुद को सहायक कर आयुक्त बताती थी। साथ ही कहती कि उसके दिल्ली स्थित आयकर विभाग के अधिकारियों से संपर्क हैं। वह किसी की भी नौकरी लगवा सकती है। जब उसके पास नौकरी के लिए सिफरिशें आने लगीं, तो प्रियंका ने संविदा की नौकरी छोड़कर लोगों को फर्जी नियुक्ति पत्र देने का फर्जीवाड़ा शुरू कर दिया। लोगों से बातचीत करने के दौरान प्रियंका का लहजा अधिकारियों जैसा होता था। लोगों को लगता था कि प्रियंका बड़ी अधिकारी है और वे बातों में फंस जाते थे।

पहले भी की थी जालसाजी

इंस्पेक्टर हजरतगंज के मुताबिक, अब तक हुई जांच और पूछताछ में प्रियंका ने कई जानकारियां दी हैं। प्रियंका मिश्रा दो साल पहले लखनऊ स्थित आयकर भवन में लोगों को नौकरी देने का झांसा देकर उनका इंटरव्यू लेती थी। मगर, वहां मौजूद अधिकारियों की जानकारी में मामला आने के बाद सख्ती कर दी गई। इसके बाद प्रियंका ने कार्यालय में आना बंद कर दिया था।

अकेले करती थी सारा काम

पुलिस के मुताबिक, प्रियंका मिश्रा अकेले ही ठगी के काम को अंजाम देती थी। उसने कई बेरोजगारों को नौकरी दिलाने के लिए दो लाख लेकर 10 लाख रुपए की डील की थी।


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