ग्वालियर। रेलवे की गलतियों की आए दिन आप खबर पढ़ते रहते हैंं। इन खबरों के बाद रेलवे कर्मियों की काफी फजीहत का लोगों को पता चलता है। लेकिन ग्वालियर में रेलवे कर्मियों ने सारी हदें ही पार कर दीं। इस बार रेलवे कर्मियों की लापरवाही इतनी बढ़ी है, कि हर जगह फजीहत उठानी पड़ रही है। दरअसल रेलवे कर्मी मंगला एक्स्प्रेस में एस-8 कोच लगाना ही भूल गए। इसके बाद ट्रेन बिना कोच के दौड़ भी गई।
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हजरत निजामुद्दीन से एर्णाकुलम जाने वाली मंगला एक्सप्रेस में गुरवार को एस-8 कोच लगाना ही भूल गया। इसका खामियाजा उन यात्रियों को उठाना पड़ा, जिन्हें इस कोच में बर्थ मिली थी। यात्रियों को जब कोच नहीं मिला तो आगरा स्टेशन पर उन्होंने ट्रेन को रोक लिया। एक घंटे तक ट्रेन खड़ी रही, फिर यात्रियों को समझा कर ट्रेन को आगे रवाना किया गया। मगर, उन्होंने ग्वालियर स्टेशन पर भी ट्रेन को रोका। अलग-अलग शहरों के 38 यात्रियों का इस कोच में रिजर्वेशन था। ग्वालियर स्टेशन पर इन यात्रियों को एस-5, एस-6 व एस-7 कोच में बिठाया गया और ट्रेन को रवाना किया गया।
ट्रेन हजरत निजामुद्दीन स्टेशन से सुबह 5:40 बजे रवाना हुई। आगरा में साढ़े आठ बजे पहुंची। निजामुद्दीन स्टेशन पर यात्रियों को एस-8 कोच नहीं मिला। उन्होंने पूरे ट्रेन में घूमते हुए कोच को तलाशा। जब ट्रेन आगरा स्टेशन पर सुबह साढ़े आठ बजे पहुंची तो यात्री नीचे उतर गए। उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया और ट्रेन को रोककर रखा। यात्री कोच लगाने की मांग कर रहे थे, लेकिन कोच नहीं लग सका।
रेलवे अधिकारियों ने यात्रियों को दूसरे कोचों में बिठाकर, आगे कोच लगाने का भरोसा दिया। उनकी रास्ते में किसी ने नहीं सुनी तो ग्वालियर स्टेशन पर वे फिर उतरे और ट्रेन टिकट एक्जामिनर (टीटीई) को घेर लिया। उन्होंने कहा कि कोच नहीं है, किस बर्थ पर बैठे। एस-8 में 38 यात्रियों का रिजर्वेशन था। यात्रियों का कहना था कि जब टिकट बुक किया था, तब उन्हें एस-8 में कंफर्म टिकट मिला था। अब उनके पास मैसेज आया कि उनकी टिकट वेटिंग और आरएसी में है। कुछ यात्रियों ने कहा कि दिल्ली में हमें भरोसा दिया गया था, आगरा में कोच लगा दिया जाएगा, लेकिन ग्वालियर तक भी कोच नहीं लगाया गया।