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मैनपुरी सीट मिथक को तोड़ पायेंगी सपा व डिम्पल, तय करेगा 8 दिसम्बर का रिजल्ट, मैनपुरी संसदीय सीट का ऐतिहासिक पारिदृश्य आखिरी सच पर।

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उत्तर प्रदेश। मैनपुरी के चुनावी मैदान में अखिलेश यादव लगातार सपा संस्थापक मुलायाम सिंह यादव को याद करते हुए लोगों से वोट और समर्थन मांग रहे हैं। ऐसे ही बुधवार (23 नवंबर) को एक कार्यक्रम के दौरान अखिलेश को मुलायम सिंह की वो डांट याद आ गई जो उन्होंने भरे मंच से अखिलेश और अधिकारियों को लगाई थी। अखिलेश यादव ने कहा कि अगर नेताजी नहीं डांटते तो शायद आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे समय से नहीं बन पाता।

मैनपुरी में पूर्व सैनिकों के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष ने कहा, “नेताजी की वजह से ही ये एक्स्प्रेस-वे समय पर बन पाया है। अगर नेताजी उस दिन नहीं डांटते और नहीं बोलते तो शायद यह समय पर नहीं बन पता। अगर पिछले चुनाव में बेईमानी नहीं हुई होती तो आप मैनपुरी तो जीत ही रहे थे, मोगांव भी जीत गए होते। आप वो बेईमानी की वजह से हारे हैं।”

मैनपुरी से अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव हैं सपा प्रत्याशी

यूपी के मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र के लिए हो रहे उपचुनाव में इस बार मुलायम सिंह यादव नहीं हैं। नेताजी की मृत्यु के बाद समाजवादी पार्टी (SP) के लिए यह पहला चुनाव है। मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव 2022 के लिए समाजवादी पार्टी ने पूर्व सीएम अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को प्रत्याशी बनाया है। डिंपल इससे पहले कन्नौज की सांसद थीं।


आखिरी सच के वैश्विक स्तर पर बढ़ता पाठकों का दायरा
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मैनपुरी में नेताजी के काम को डिंपल आगे बढ़ाएंगी

इससे पहले डिंपल यादव के साथ उनका लोकसभा उपचुनाव में नामांकन कराने मैनपुरी पहुंचे अखिलेश यादव ने कहा था कि आज नेताजी हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनका मैनपुरी से बहुत गहरा लगाव रहा है। मैनपुरी से ही संघर्ष कर नेताजी आगे बढ़े और समाज के हक के लिए लड़ाई लड़ी। सपा उसी संघर्ष को आगे बढ़ाने और नेताजी के दिखाए रास्ते पर चलने का प्रयास करेगी। सपा अध्यक्ष ने कहा था कि मैनपुरी में जो विकास नेताजी ने किया है, उसे और आगे ले जाने का काम करेंगे। मैनपुरी में नेताजी के काम को डिंपल आगे बढ़ाएंगी। गौरतलब है कि मैनपुरी में 5 दिसंबर 2022 को उपचुनाव होने हैं। मैनपुरी लोकसभा सीट मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद खाली हुई है। इस सीट पर यादव परिवार का लगभग ढा़ई दशकों से कब्जा रहा है।

सपा के बुनियाद का राजनैतिक सफर मैनपुरी से हुआ था शुरू

मैनपुरी की जनता सीधे मुलायम सिंह यादव से जुड़ी थी। इनके नाम पर 1996 से 2019 के बीच सपा के 9 सांसद बन चुके हैं। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री की मौत के बाद तस्वीर बदल चुकी है। सैफई परिवार का गढ़ बचाने के लिए डिंपल यादव खुद चुनावी पिच पर कूद पड़ी हैं। इनके समर्थन में चाचा-भतीजे एक हो गए हैं। इससे मैनपुरी का उपचुनाव सुर्खियों में है।

कांग्रेस व बसपा है मैदान से बाहर

मैनपुरी के उप चुनाव में कांग्रेस और बसपा बाहर हैं। इसके कारण डिंपल यादव और रघुराज सिंह शाक्य आमने-सामने हो गए हैं। भाजपा इसके पहले आजमगढ़ और रामपुर जीत चुकी है। मैनपुरी और रामपुर के उपचुनाव की कमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद संभाल रखे है। बाकी जिम्मेदारी उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के पास है।

मैनपुरी सीट से अब तक 19 सांसदों में कौन कब बना सांसद

मैनपुरी से अब तक 19 सांसद बन चुके हैं। इसमें 9 सपा, 5 कांग्रेस बाकी लोकदल, जनता दल, जनता पार्टी, प्रसोपा और सजपा के एक- एक सांसद चुने गए थे। लेकिन अब तक भाजपा का खाता बंद हैं।1952 बादशाह गुप्ता कांग्रेस, 1957 बंशीदास धनगर प्रसोपा, 1962 बादशाह गुप्ता कांग्रेस, 1967 और 1971 महराज सिंह कांग्रेस, 1977 रघुनाथ सिंह वर्मा लोकदल और 1980 रघुनाथ सिंह वर्मा जनता पार्टी, 1984 बलराम सिंह यादव कांग्रेस,1989 उदय प्रताप सिंह यादव जनता दल, 1991 उदय प्रताप सिंह यादव सजपा, 1996 मुलायम सिंह यादव सपा, 1998 बलराम सिंह यादव सपा, 1999 बलराम सिंह यादव सपा, 2004 मुलायम सिंह यादव सपा, उप चुनाव 2004 धर्मेंद्र यादव सपा,  2009 मुलायम सिंह यादव सपा, 2014 मुलायम सिंह यादव सपा, उप चुनाव 2014 तेज प्रताप यादव सपा और 2019 में आखिरी बार मुलायम सिंह यादव सांसद चुने गए थे।



सबसे ज्यादा बार मुलायम सिंह रहे विधायक

मुलायम सिंह यादव मैनपुरी से 5 बार सांसद चुने गए थे। जबकि बलराम सिंह यादव 3 बार और बादशाह गुप्ता, महराज सिंह, रघुनाथ सिंह वर्मा और उदय प्रताप सिंह यादव दो- दो बार सांसद बने थे। चुनाव प्रचार में जुटे भाजपा नेता अमरेंद्र सिंह पिंटू ने कहा कि मैनपुरी की जनता महिला उम्मीदवारों से परहेज़ करती है। जिससे मैनपुरी में कभी महिला सांसद नहीं बनी है।

महिला एक भी बार नही चुनी गयी सांसद क्या डिम्पल तोड़ पायेंगी यह मिथक

जबकि 2004 में सुमन चौहान कांग्रेस और 2014 में डाक्टर संघमित्रा मौर्या बसपा से उम्मीदवार बनी थी। लेकिन महिला उम्मीदवार तीसरे और चौथे पायदान पर रुक गई थी। 2009 में भाजपा ने तृप्ति शाक्य को उम्मीदवार बनाया था। लेकिन वे भी तीसरे स्थान पर थी। मैनपुरी में दलों से चुनाव लड़ने वाली डिंपल यादव चौथी महिला उम्मीदवार हैं। इनके भाग्य का फैसला 8 दिसंबर को होना है।

13 नामांकन के बाद बचे 6 उम्मीदवार

यहां के उपचुनाव में 13 नामांकन पत्र दाखिल किए गए थे। 7 उम्मीदवारों के नामांकन पत्र निरस्त हो चुके हैं। बाकी छह उम्मीदवार मैदान में हैं। चुनाव पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि आजमगढ़ और रामपुर सपा का गढ़ माना जाता था। लेकिन भाजपा दोनों गढ़ तोड़ चुकी है। अब मैनपुरी और रामपुर का गढ़ टूटने जा रहा है। जबकि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि गुजरात और हिमाचल में भाजपाा की सरकार बनने जा रही है। बाकी उत्तर प्रदेश के मैनपुरी और रामपुर में भाजपा की जीत होगी । डिंपल यादव के लिए चाचा- भतीजे दिन- रात एक कर दिए हैं।


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