GA4

पेयजल वितरण में अनियमितता श्रमोदय आवासीय विद्यालय भोपाल, क्या महोबिया साहब बचा पायेंगे य केवल इतिश्री तक रहेंगे आप भी।

Spread the love

मध्यप्रदेश। श्रमोदय आवासीय विद्यालय भोपाल में अनियमितताओं का बहुत बड़ा अंबार लगा हुआ है, जो पिछली हिटलर प्रधानाचार्य श्रीमती अभिनिका पांडे जी के कुशल निर्देशन में फल फूल रहा था। वह अभी भी जैसे के तैसे चल रहा है। भले ही विभाग ने नए जिम्मेदार विजय महोबिया साहब को जबलपुर से ट्रांसफर कर यहां दिला दिया है। लेकिन अनियमितताएं हैं कि विद्यालय का दामन नहीं छोड़ रही है।

श्रमोदय विद्यालय भोपाल की इंचार्ज प्रधानाचार्य अभिनिका पाण्डेय का शासन काल अधीनस्थों व छात्रों के लिये काल, सीबीआई जांच में कार्यकाल के जांच में निकलेगी जरूर हिटलरशाही।

हम आपको बताते चलें कि श्रमोदय आवासीय विद्यालय परिसर में जल का वितरण असमंजस पूर्ण है। जिस कारण पानी की सप्लाई विद्यालय के अध्यापकों के लिए तो बेहतर तरीके से मिल रही है। लेकिन बच्चों को उक्त सप्लाई अनियमित मिलती है। जिसका परिणाम है, कि बच्चों में पानी के लिए काफी जद्दोजहद का सामना करना पड़ रहा है। जिस के क्रम में हाल ही में डीपीआई भोपाल ज्वाइंट डायरेक्टर श्री तोमर साहब का भ्रमण विद्यालय परिसर में हुआ था। जहां पर उन्होंने अध्यापकों व स्टाफ को चेतावनी देते हुए यह कहा था कि विद्यालय की विसंगतियां कतई मीडिया के सामने न आनें पाएं यदि विद्यालय की विसंगतियां मीडिया के समक्ष आएंगे तो मीडिया के समक्ष लानें वाले जिम्मेदारों को खोजकर उनके खिलाफ संवैधानिक कार्यवाही की जाएगी।

अभिनिका पाण्डेय की हिटलर शाही का अड्डा बना श्रमोदय आवासीय विद्यालय भोपाल, वाइस प्रिंसिपल कल्पना कटकवार पर सफाईकर्मी को धमकी का अभियोग दर्ज।

जबकि ज्वाइंट डायरेक्टर तोमर साहब का मीडिया से आशय केवल और केवल आखिरी सच से रहा कारण है कि आखिरी सच वेब न्यूज़ पोर्टल द्वारा विगत वर्षों से लगातार श्रमोदय आवासीय विद्यालयों की विसंगतियों को वहां के जिम्मेदारों की हिटलर शाही को देखते हुए कई समाचार प्रकाशित किए गए, जिसका परिणाम रहा हिटलर प्रधानाध्यापिका श्रीमती अभिनेता पांडे जो कि श्रमोदय आवासीय विद्यालय भोपाल में दमखम के साथ विद्यालय के अधीनस्थों को धमका रही थी।

कमलनाथ सरकार में कठोर कार्यवाही की बात करनें वाले विधायक रामेश्वर शर्मा अपनी लिखी बातें गये भूल, जय हो मामा शिवराज व उनके सहयोगियों की।

कि मैं भोपाल छोड़ कर कहीं जाने वाली नहीं हू। सब लोग अगर अपना खैर चाहते हो तो मेरे हिसाब से आपको विद्यालय में काम करना पड़ेगा उक्त हिटलर प्रधानाध्यापक के शासनकाल में विद्यालय अनियमितताओं का बहुत बड़ा कल कारखाना बन गया था। जिसका समय- समय पर आखिरी सच परिवार ने यथार्थ प्रसारित कर विद्यालय व्यवस्था को चुनौती दी थी। जबकि उक्त हिटलर प्रधानाध्यापिका की संविदा पूर्व में समाप्त हो चुकी हैं, उसके बाद भी उनकी संविदा को नवीनीकृत नहीं किया गया है।

ज्यादातर निष्क्रिय व प्रभारी प्राचार्या के चाटुकारों से सुशोभित समितियां कुछ को छोड़कर, कैसे हों जीवित, जबकि श्रमोदय विद्यालय बना वर्चस्व की जंग का अखाड़ा, बिना योग्यता अभिनिका पाण्डेय कैसे बनीं प्रभारी प्राचार्य, एक विस्तृत काला चिठ्ठा।

वह लगातार नौकरी कर रही हैं। आखिर किस राजनैतिक एप्रोच के दम पर श्रीमती अभिनेता पांडे श्रमोदय आवासीय विद्यालय परिवार में नौकरी के लिए पात्र हैं, जबकि विद्यालय से ही कई पुराने अध्यापक जो कि अभी श्रीमती अभिनिका पांडे जी से काफी बेहतर जानकारी रखते थे, व शैक्षणिक अहर्ता रखते थे, उनको श्रीमती अभिनिका पांडे ने अपने षड्यंत्र के दम पर विद्यालय से पृथक करवा दिया उसका जीता जागता उदाहरण पीजीटी अध्यापिका श्रीमती एकता बम रही जो कि रसायन शास्त्र की एक अच्छी अध्यापिका थीं। ऐसा आखिरी सच परिवार नहीं कह रहा है, ऐसा उनके द्वारा पढ़ाए गए बच्चों द्वारा कई बार आखिरी सच के ट्विटर हैंडल व आखिरी सच की विभिन्न समाचारों में जबरदस्त तरीके से लिखा गया।

आखिरी सच के समाचारों का असर श्रमोदय आवासीय विद्यालय को मिले प्राचार्य, हिटलर अभिनिका पाण्डेय को मिली उनके गृह जनपद में तैनाती, जबकि हिटलरशाही की पीड़िता एकता बम को नही मिला न्याय, शिवराज मामा की व्यवस्था व स्कूल शिक्षा विभाग सब मौन।

लेकिन आज तक मध्य प्रदेश शासन द्वारा उक्त समाचारों का संज्ञान नहीं लिया गया। हम आपको बताते चलें श्रमोदय आवासीय विद्यालय भोपाल जिस क्षेत्र में संचालित है वहां के स्थानीय विधायक श्रीमान शर्मा जी द्वारा कमलनाथ सरकार में जबकि एकता बम को नौकरी से निकाला गया था। बहुत ही कठोर शब्दों में एक पत्र लिखा गया लेकिन जैसे ही भाजपा की सरकार आती है। श्रीमान शर्मा विधायक जी अपने ही लिखे पत्र को भूल जाते हैं, आखिर क्यों यह कैसा षड्यंत्र है, कि एक योग्य अध्यापक जो अपने कुशल परिश्रम से बच्चों को उज्जवल भविष्य दे सकता था, उसे षडयंत्र पूर्वक बाहर निकाला गया, आखिर क्यों खैर इसका जवाब मध्य प्रदेश शासन की शिवराज सरकार या उनकी मशीनरी के पास शायद ना हो लेकिन आखिरी सच के पास इसका जवाब बेहतर तरीके से है।

उच्चाधिकारियों द्वारा बच्चों के शोषण का विरोध अध्यापिका एकता हुई जातिवाद का शिकार, नौकरी से बहिस्कृत, छात्र व अध्यापक, एकता के पक्ष में।

जबकि श्रीमती अभिनिका पांडे पूर्व प्रधानाचार्य श्रमोदय आवासीय विद्यालय भोपाल को एक नियोजित साजिश के अंतर्गत विभाग द्वारा स्थानांतरित कर उनके गृह जनपद जबलपुर में पदासीन करवाया गया, जबकि श्रमोदय आवासीय विद्यालय की गाइडलाइन कहती है, कि कोई भी अध्यापक अपने गृह क्षेत्र में नौकरी के लिए योग्य नहीं होगा, आखिर यह तो मुझे बातें माननीय शिवराज सिंह के शासनकाल में मध्यप्रदेश में कैसे हो रही हैं। क्या मामा शिवराज के पास इसका कोई जवाब है शायद नहीं होगा।


Share
error: Content is protected !!