प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले से एक सनसनीखेज वारदात सामने आई है। रामबाग के सुंदरम टॉवर के पास स्थित कैंसर सर्जन के फ्लैट में एक महिला का शव मिला है। बताया जा रहा है कि फ्लैट में नौकरानी संगीता का शव निर्वस्त्र पड़ा हुआ था। जब फ्लैट से बदबू आनी शुरू हुई तो पड़ोसियों ने सर्जन को मामले की जानकारी दी। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर फ्लैट का दरवाजा तोड़ा तो महिला का शव बरामद हुआ। फिलहाल मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। प्रीतमनगर निवासी डॉक्टर दीपेंदु मित्रा कैंसर सर्जन हैं। कमला नेहरू अस्पताल में भी वह तैनात थे। वर्तमान में वह झलवा स्थित यूनाइटेड मेडिसिटी में कार्यरत हैं।
शव में पड़ गए थे कीड़े
बता दें कि सर्जन का एक फ्लैट रामबाग में सुंदरम टॉवर के ठीक बगल स्थित देवड़ा सदन में है। इसी फ्लैट में मेड संगीता रहती थी। आसपास के लोगों ने बताया कि बीते बुधवार से ही फ्लैट से बदबू आ रही थी। वहीं गुरुवार को जब बदबू तेज हो गई तो डॉक्टर दीपेंदु को बुलाया गया। उन्होंने पुलिस को बताया कि फ्लैट का दरवाजा अंदर से लॉक था। कई बार आवाज देने पर भी जब दरवाजा नहीं खुला तो अनहोनी की आशंका से पुलिस को सूचना दी गई। इसके बाद पुलिस नें कटर मंगवाकर दरवाजे के आगे लगी जाली को कटवाया और फिर दरवाजा तोड़कर फ्लैट में दाखिल हुई। पुलिस के मुताबिक महिला का शव 10-12 दिन पुराना लग रहा है। शव में कीड़े पड़ गए हैं। साक्ष्य एकत्र करने के लिए मौके पर फॉरेंसिक टीम को भी बुलाया गया।
सर्जन पुलिस को नहीं दे सके मामले की जानकारी
एसपी सिटी संतोष कुमार मीना ने बताया कि शव को मोर्चरी भेज दिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत का कारण स्पष्ट होगा। तभी मामले पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में चौकाने वाली बात ये है कि डॉ. दीपेंदु महिला मेड के नाम के अलावा पुलिस को किसी भी तरह की कोई अन्य जानकारी नहीं दे सके। कोतवाली प्रभारी एसआई मुदित राय को उन्होंने बताया कि सोनू सिंह के जरिए उनकी मुलाकात संगीता से हुई थी। जिसके बाद उन्होंने बतौर मेड उसे फ्लैट में रख लिया था। सर्जन ने बताया कि पिछले सात-आठ सालों से वहीं महिला उनके फ्लैट की देखरेख कर रही थी। वहीं सोनू सिंह के बारे में भी सर्जन कोई जानकारी पुलिस को नहीं दे सके। पुलिस ने अनुसार, हत्या की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।
शव के पास से मिला लेडीज पर्स
वहीं घटनास्थल पर खून भी मिला है। जोकि काफी समय होने के कारण सूख गया था। बताया गया है कि शव के पास काफी मात्रा में बाल भी पड़े हुए थे। फ्लैट में अंदर जाने का कोई दूसरा रास्ता भी नहीं था। वहीं फ्लैट के आसपास रहने वाले लोग भी मृतक महिला के बारे में कुछ नहीं बता सके। लोगों ने बताया कि महिला कभी- कभी ही फ्लैट से बाहर निकलती थी। इसके साथ ही फ्लैट में भी किसी को आते- जाते नहीं देखा गया है। मामले की जांच के दौरान मौके से एक लेडीज पर्स बरामद हुआ है। जिसमें कीपैड फोन के अलावा एक आईडी प्रूफ मिला है। फिलहास पुलिस मामले की जांच कर रही है।
शाहगंज के सीओ सत्येंद्र कुमार तिवारी ने कहा, फ्लैट से फोरेंसिक टीम द्वारा नमूने एकत्र किए गए हैं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही महिला की मौत के सही कारण का पता चल सकता है।
जब मीडिया द्वारा पूछा गया कि डॉक्टर आखिर क्यों कुछ बोलने से इंकार करते रहे, तो पुलिस इसका भी जवाब नहीं दे पाई। मृतका के मोबाइल से सिम गायब कैसे हुआ और कॉल हिस्ट्री किसने डिलीट की, इस बाबत भी पुलिस कुछ बता नहीं पाई।
जांच के दौरान पुलिस को कमरे से एक डायरी भी मिली है। इसमें कुछ नंबर लिखे हैं। यह नंबर किसके हैं, क्या इनमें से कोई ऐसा था जो मृतका से बात करता था, इसकी भी पड़ताल नहीं हो सकी। जांच में हीलाहवाली क्यों की गई, इस बाबत अफसर भी कुछ स्पष्ट बोलने को तैयार नहीं। सिर्फ इतना कहा गया कि जांच की जा रही है।
सवाल यह भी
मौके से मिले मृतका के आधार कार्ड पर अंकित पता उसी बिल्डिंग का था। दूसरे के पते पर उसने आईडी कैसे बनवा ली। आखिरी बार फ्लैट में कौन आया। सीसीटीवी फुटेज की रात में ही पड़ताल क्यों नहीं हुई। महिला की मौत सात- आठ दिन पहले हुई। उस दिन बिल्डिंग में क्या किसी संदिग्ध का आना हुआ था। फ्लैट के दरवाजे के बाहर लगी लोहे की जाली में जो ताला लगा था, वह किसका था। मॉडर्न दौर में फ्लैट के दरवाजों में ड्यूअल लॉक की व्यवस्था रहती है, तो क्या इस फ्लैट में भी था ड्यूअल लॉक?
इरादतन लापरवाही या कोई दबाव?
इस मामले में पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर कई अन्य सवाल भी उठ रहे हैं। जिस तरह से महिला संबंधी मामला होने के बावजूद तफ्तीश को लेकर ढीला रवैया अपनाया गया, उससे यह भी सवाल है कि यह लापरवाही इरादतन है या किसी दबाव में ऐसा किया जा रहा है। हाल यह रहा कि गंभीर मामला होने के बाद भी घटना की जानकारी पर कोई जिम्मेदार अफसर मौके पर नहीं पहुंचा था। यहां तक कि कोतवाली इंस्पेक्टर भी बीमार होने के चलते मौके पर नहीं पहुंचे थे। ऐसे में थाने का प्रभार देख रहे दरोगा व चौकी प्रभारी ही मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल करते नजर आए थे।
कहीं ऐसा तो नहीं हुआ?
अब तब जो बातें सामने आई हैं, उससे इस बात की भी आशंका जताई जा रही है कि हत्या में एक से ज्यादा लोग शामिल रहे हों। जानकारों का कहना है कि 35 साल की महिला की गला दबाकर हत्या करना अकेले व्यक्ति के लिए संभव नहीं। जिस तरह से हत्या की गई और परिस्थितियां भी इसी ओर इशारा कर रही हैं। इस बात की भी आशंका है कि हत्या में कोई न कोई ऐसा व्यक्ति शामिल रहा हो, जिसे महिला पहचानती रही हो। ऐसा न होता तो बाहरी व्यक्ति के फ्लैट में घुसने पर महिला ने शोर जरूर मचाया होता।