6 वर्षीय बालिका से मीडिया द्वारा कथित पण्डित बलात्कारी को उठक बैठक करवाकर छोड़नें का मामला, आखिरी सच की पड़ताल में विद्वैश से परिपूर्ण निकला नही हुई ऐसी कोई घटना- पूर्व सरपंच।
बिहार। नवादा में पंचायत के एक फैसले ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। इस पंचायत के फैसले के अनुसार आरोपी को पुलिस के हवाले करने की बजाय उससे उठक- बैठक करा कर छोड़ दिया गया। फैसले की वीडियो के अनुसार आरोपी पंचायत के लोगों के सामने उठक- बैठक कर रहा है जिसके बाद उसे जाने के लिए कह दिया जाता है। यह घटना नवादा जिले के अकबरपुर थाना क्षेत्र के बलिया बुजुर्ग ग्रामसभा के कन्नौज गांव की है।
पण्डित बलात्कारी को केवल उठा बैठक करवाकर छोड़ा गया ऐसा कहा जा रहा है। जिसमें देश की तथाकथित नियोजित प्रोपैगेंडा मीडिया नवभारत टाइम्स बिहार, टाईम्स नाऊ इण्डिया, आजतक व आवाज लाइव जैसे भांड़ संस्थानों की ओर से लड़के को पंडित कहकर प्रसरित किया गया। जिसमें मजा लेने के लिए ब्राह्मण विरोधी मीडिया चैनलों द्वारा उक्त बात को भरसक तरीके से पंडित- पंडित कहकर प्रसारित किया गया जो तथाकथित मीडिया संस्थानों की एक समाज विरोधी मानसिकता को प्रदर्शित करता है, यह मीडिया प्रतिष्ठान केवल कौआ कान ले गया सुनकर कौवे के पीछे दौड़नें वाले नुमाइंदों के सहारे डिक्टेटरशिप को अंजाम देनें वालों के सहारे आखिर यह मीडिया संस्थान किस समाज का निर्माण करना चाहते हैं।
बता दें कि मामला गांव की 6 साल की एक बच्ची के रेप का था, जिसको युवक ने अपनी हवस का शिकार बनाया था। मामला बाहर आने पर पंचायत में आरोपी को पुलिस के हवाले करने की बजाय उठक- बैठक करने की सजा का फैसला सुनाया। जिस जिसके बाद आरोपी ने 5 बार उठक बैठक की और आरोप से बरी होकर वहां से चला गया।
इस दौरान बनाया गया एक 14 सेकंड का वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब शेयर हो रहा है।जिसमें आरोपी उठक- बैठक करते हुए देखा जा रहा है। वही वीडियो भेजने वाले शख्स का मानना है, कि घटना बड़ी है, लेकिन जुर्म के हिसाब से जो सजा मिली है वह बहुत छोटी है।
वहीं स्थानीय लोगों के अनुसार इस प्रकार के अपराध को उजागर नहीं करना सही नहीं है। वही वीडियो अकबरपुर प्रखंड क्षेत्र के कन्नौज गांव का बताया जा रहा है। जहां 21 नवंबर को गांव की एक 6 साल की बच्ची को लालच देकर बहला-फुसलाकर आरोपी अपने मुर्गा फार्म ले गया और उसके साथ कुकर्म किया। जिसके बाद बच्ची ने घर पहुंचकर परिजनों को इसकी जानकारी दी तथा परिजनों ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराने का विचार किया, लेकिन पंचायत के द्वारा पुलिस के हवाले करने की बजाय आरोपी को उठक- बैठक की सजा सुनाई गई।
आखिरी सच की पड़ताल में अभियोग बेबुनियाद
वहीं जब आखिरी सच टीम नें उक्त घटना की सत्यता निकालने का प्रयास किया तो बलात्कार के आरोप बेबुनियाद निकले, आखिरी सच को प्राप्त जानकारी के अनुसार लड़की बढ़ई जाति की बताई गयी जिसकी उम्र लगभग 6 वर्ष है। जबकि कथित आरोपी जो कुम्हार जाति का है की उम्र 35 वर्ष के लगभग है, जिसे मात्र आपसी विद्वैश में फँसानें के लिये बलात्कार का अभियोग लगाया गया है। जिसे देश की मेनस्ट्रीम मीड़िया द्वारा पंडित का लिखकर प्रसारित किया गया जबकि उक्त युवक पंडित जाति का नहीं है जिसका केवल अपभ्रंश वाला नाम जो गांव में पंडित कहकर बुलाया जाता है।