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किसी महिला को 14 सेकेंड्स देखने पर जेल – NCIB का दावा कितना सही य गलत।

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भारत। देश में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध को लेकर NCIB ने ट्वीट कर अहम जनकारी दी है। जानकारी के अनुसार किसी भी युवती/ महिला को 14 सेकेंड से ज्यादा देखने पर जेल हो सकती है। क्योंकि जाने- अंजाने व मजाक मे ही सही किसी परिचित व अपरिचित युवती/ महिला को 14 सेकेंड से ज्यादा घूरना IPC की धारा 294 व 509 के तहत गंभीर अपराध है।

वहीं NCIB की तरह से यह भी जानकारी दी गई है कि अगर आप अपने बच्चों की शादी मे दहेज लेते/ देते है या दूसरे के लेन देन में सहयोग करते है तो दहेज निषेध अधिनियम 1961 के अनुसार 5 वर्ष की कैद और 15,000 रू० का जुर्माना हो सकता है. दहेज उन्मूलन का सख्त कानून होने के बाद भी 90% शादियाँ देश में बिना दहेज के नही होती।

क्या है पूरा मामला??

क्या आपको पता है कि अगर आपके घूरने से कोई महिला असहज महसूस करती है, तो आप जेल भी जा सकते हैं? ‘राष्ट्रीय अपराध जाँच ब्यूरो के एक ट्वीट के बाद ये नियम फिर से चर्चा में आया है। NCIB एक गैर- सरकारी संगठन (NGO) है, जो अपराध- भ्रष्टाचार के खिलाफ एक नेटवर्क के जरिए देश भर की पुलिस के साथ मिल कर काम करने का दावा करता है। लेकिन, क्या सच में किसी महिला को देखने पर भी ‘टाइम लिमिट’ है?

NCIB ने अपने ट्वीट में लिखा, “आवश्यक जानकारी– किसी भी युवती/ महिला को 14 सेकेंड्स से ज्यादा देखने पर हो सकती है जेल, क्योंकि जाने- अनजाने व मजाक में, ही सही किसी परिचित व अपरिचित युवती/ महिला को 14 सेकेंड्स से ज्यादा घूरना IPC की धारा 294 व 509 के तहत गंभीर अपराध है। ऐसे मामले छेड़छाड़ के अंतर्गत आते है।” आइए, अब हम आपको बताते हैं कि ‘भारतीय दंड संहिता’ की इन धाराओं में है क्या।

IPC की धारा-294 के अनुसार, सार्वजनिक स्थानों पर अश्लील कार्य करना या फिर अश्लील गीत गाना या कोई अश्लील शब्द कहना दंडात्मक अपराधों के अंतर्गत आता है। इसके लिए 3 महीने की सज़ा और जुर्माना का सामना करना पड़ सकता है। सीधे शब्दों में कहें तो किसी को परेशान करने के लिए सार्वजनिक स्थल पर अश्लील कार्य करना अपराध है। हालाँकि, ‘अश्लीलता’ क्या है, इसे यहाँ पूरी तरह परिभाषित नहीं किया गया है।

मंदिरों की कलाकृतियाँ या हजारों वर्षों की नागा साधु परंपरा को इससे बाहर रखा गया है। वहीं IPC की धारा-509 की बात करें तो किसी स्त्री का अनादर करने के लिए कोई शब्द कहना, इशारे करना या किसी वस्तु का प्रदर्शन करना 3 साल के लिए कारावास और जुर्माने को आमंत्रित कर सकता है। किसी स्त्री की ‘एकांतता का अतिक्रमण’ भी इसके तहत अपराध है। सीधे शब्दों में किसी महिला का शीलभंग करने के इरादे से किया गया शब्दों, वस्तुओं या इशारों का प्रदर्शन अपराध है।


एनसीआईबी का उक्त ट्वीट


हालाँकि, इन दोनों ही धाराओं में कहीं भी समय सीमा की बात नहीं है। लेकिन, NCIB के ट्वीट से कई लोगों को ऐसा प्रतीत हुआ जैसे ये किसी सरकारी एजेंसी का ट्वीट हो, जबकि ये एक संगठन है। इसने अपना लोगो भी ऐसा बना रखा है, जिससे भ्रम पैदा होता है कि ये कोई सरकारी एजेंसी है। NGO का ये दावा भ्रामक है कि 14 सेकेंड्स तक किसी महिला को देखने से जेल हो सकती है। अगर किसी महिला को असहज करने के लिए कुछ किया जाता है, तब जेल का प्रावधान है।

कानून में कहीं भी किसी समय सीमा का जिक्र नहीं है। अगस्त 2016 के केरल के तत्कालीन एक्साइज कमिश्नर ऋषिराज सिंह के बयान से ये कथित नियम चर्चा में आया था। उन्होंने पूछा था कि अगर 14 सेकेंड्स की अनुमति नहीं है, तो क्या किसी महिला को 13 सेकेंड्स तक घूरने की अनुमति है? धारा-354D के तहत किसी महिला द्वारा मना करने के बावजूद उससे संपर्क की कोशिश करना अपराध है। पीछा करने पर भी सज़ा हो सकती है। हालाँकि, 14 सेकेंड्स वाले कानून का जिक्र आधिकारिक रूप से कहीं भी नहीं है।


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