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10 दिसंबर ऐतिहासिक आंदोलन की वर्षगांठ “सवर्ण समाज क्रांति दिवस” के रूप में हर्ष उल्लास के साथ मनाएंगे: रुमित ठाकुर

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सोलन। हाल ही में हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव संपन्न हुए हैं। जिसके नतीजे आगामी 8 दिसंबर को आने वाले हैं। इन चुनावों में सवर्ण आयोग का मुद्दा कांग्रेस- भाजपा की गले की फांस बना रहा। आपको यहां बतादें की हिमाचल प्रदेश में 68 फीसदी सवर्ण वोट बैंक है। जो पिछले कुछ वर्षों से सवर्ण एक्ट सहित सवर्ण आयोग की मांग करता आ रहा है।



जिसके मद्देनजर रुमित ठाकुर के नेतृत्व में देवभूमि क्षत्रिय संगठन व सवर्ण मोर्चा ने हिमाचल प्रदेश से हरिद्वार तक 1050 किलोमीटर की एट्रोसिटी एक्ट व आरक्षण की शवयात्रा पैदल निकाली थी। जिसके बाद प्रदेश सहित पूरे देश मे सवर्ण क्रांति की लहर दौड़ पड़ी थी। नतीजन प्रदेश के सवर्ण समाज ने सवर्ण आयोग की मांग को लेकर 10 दिसंबर 2021 को धर्मशाला स्थित विधानसभा को घेर लिया था।

 

नतीजन प्रदेश में चल रही भाजपा सरकार सवर्णो की जायज मांग पर ना केवली झुकी, बल्कि प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सवर्णो को 90 दिन में सवर्ण आयोग के गठन का वादा लिखित में दे डाला। हालांकि भाजपा शासित प्रदेश सरकार बाद में अपने इस वायदे से मुकर गई थी, लेकिन उक्त आंदोलन ना केवल देश दुनिया मे नया इतिहास रच गया, बल्कि इसी इतिहासिक आंदोलन से हिमाचल प्रदेश वासियों को राष्ट्रीय देवभूमि पार्टी नामक एक नया विकल्प भी दे गया।



आज राष्ट्रीय देवभूमि पार्टी के सुप्रीमो रुमित ठाकुर ने आखिरी सच से विशेष वार्ता में कहा कि 10 दिसंबर 2021 का आंदोलन एक कभी ना भुलाने वाला ऐसा इतिहासिक आंदोलन है, जिसने राजनीतिक पार्टियों द्वारा वोट बैंक की राजनीति के षड्यंत्र के तहत 75 साल से सविंधानिक व गैर सविंधानिक प्रताड़ना झेलते आ रहे सवर्णों को पुनः इज्जत व हक़ से जीने की उम्मीद जगाई।

उन्होंने कहा कि आगामी 10 दिसंबर को देवभूमि क्षत्रिय संगठन, सवर्ण मोर्चा व राष्ट्रीय देवभूमि पार्टी द्वारा प्रदेश भर में पूरे हर्षोल्लास से इस दिन को सवर्ण समाज क्रांति दिवस के रूप में मनाया जाएगा।


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