अलीगढ़ चलती नीलांचल एक्सप्रेस की खिड़की का शीशा तोड़कर लोहे की रॉड से सुल्तानपुर के हरिकेश दुबे की मौत रेलवे नें किया 15 हजार मुआवजे की घोषणा, डूब मरो सवर्णों चुल्लू भर पानी में।
अलीगढ़। घबराइए नही भारतीय रेलवे के इतिहास में आज तक की पहली घटना व उससे भी ज्यादा रेलवे नें मुवावजे में इतनी दरियादिली दिखाई हो ऐसा भारतीय रेल के इतिहास में देश पहली बार देख रहा है, रेलवे का यह कहना कि भारतीय रेल आपके साथ है। कितना सटीक है इसका आंकलन आप स्वयं कर सकते हैं, अलीगढ़ में कल चलती नीलांचल एक्सप्रेस में खिड़की का शीशा तोड़कर एक रॉड सुल्तानपुर के हरिकेश दुबे पुत्र संराम दुबे की गर्दन में घुस गया, जिससे उसकी मौत हो गई।
दरियादिल रेल विभाग ने तत्काल “15 हज़ार रुपए” मुआवजा पेश कर दिया। कितना भद्दा मजाक रेलवे प्रशासन की ओर से किया गया, क्या एक मजदूर बराबर भी योग्यता नही बची एक सेलुलर कम्पनी के तकनीकी सहायक की। जबकि मृतक के दो अनाथ हुए बच्चे, विधवा पत्नी व वृद्ध माता पिता पर क्या बीत रही होगी इसका आंकलन करनें का समय हमारे नीति नियंताओं व तथाकथित मशीनरी के पास नही बची है।
यह देश के सवर्ण समाज विशेष ब्राह्मण समाज की भावनाओं के साथ भद्दा मजाक किया गया है। जो लगातार एक अर्से से जारी है। सरकार व रेल प्रशासन की ओर से, रेल प्रशासन की इस दरियादिली का क्या करे पीड़ित परिवार।
खैर सवर्ण समाज के साथ लगातार स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से हर सरकार द्वारा भद्दा मजाक किया जा रहा है, जबकि मृतक के पिता भारतीय जनता पार्टी के सेक्टर संयोजक के रूप में लगातार निस्वार्थ भाव से अपनी सेवा दे रहे थे।
जबकि भारतीय जनता पार्टी के ही शासन काल में उनके पुत्र की मृत्यु पर रेल प्रशासन द्वारा ऐसा भद्दा मजाक किया जाना कितना वाजिब है, इस बात का मूल्यांकन सवर्ण समाज को एकबार जरूर करना चाहिये।