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पति करता रहा जयपुर में नौकरी, पत्नी खुद को हार गयी माकान मालिक से लूडो में, यह हैं बेल्हा की द्रोपदी।

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प्रतापगढ़। द्वापरयुग में द्रौपदी को पांडव जुए में हार गए थे। वनवास के दौरान पांडवों के सदर व जेठवारा की सीमा पर रहने के तमाम साक्ष्य आज भी मौजूद हैं। यक्ष, युधिष्ठिर संवाद स्थल से लेकर कई गांवों में उस युग की स्मृतियां अब भी जीवंत हैं। लेकिन बेल्हा में कलयुग में कुछ और ही हुआ।



अब बेल्हा की ‘द्रौपदी’ ही खुद को जुए में हार गई। लूडो और ताश खेलने की लत ने उसे पति से जुदा कर दिया। अब पति अपनी पत्नी को पाने के लिए पुलिस के साथ समाज के प्रतिष्ठित लोगों से गुहार लगा रहा है। पति की पीड़ा सुनकर लोगों ने कहा कि यह बेल्हा की ‘द्रौपदी’ है।

मामला शहर के देवकली मोहल्ले का है। मोहल्ले में एक दंपत्ती किराए पर मकान लेकर पालन पोषण कर रहे थे। पति जयपुर में नौकरी करने चला गया और वहां से पत्नी को रुपये भेजने लगा। लेकिन पत्नी को लूडो और ताश खेलने की ऐसी लत लग गई कि वह पति के भेजे रुपयों से दांव लगाने लगी। मकान मालिक के साथ लूडो खेलते हुए वह रुपये हारती चली गई। रुपये नहीं होने की सूरत में एक दिन उसने खुद को भी दांव पर लगा दिया, लेकिन लूडो की यह बाजी भी वह हार गई।



इसका खुलासा पति के बेल्हा लौटने पर हुआ तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। बेल्हा में किराए के मकान में रह रही पत्नी के पास जैसे ही पति पहुंचा तो पत्नी ने खुद को लडो में हारने की बात कही। मकान मालिक की मां ने भी कहा कि तुम्हारी पत्नी को लूडो में मेरे बेटे (मकान मालिक) ने जीत लिया है।


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