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अभिनिका पाण्डेय के खास सागिर्दों द्वारा श्रम मंत्री के नाम पर अध्यापकों से 2.5 लाख मांगे जानें का मामला श्रीमती पाण्डेय नें नही दिया जवाब।

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भोपाल (मध्यप्रदेश)। गूगल पर मात्र अभिनिका पाण्डेय लिखते ही प्रसिद्धि प्राप्त महिला जो किसी परिचय की मोहताज नही हैं, यदि मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह गूगल पर अपना अस्तित्व रखते हैं तो अभिनिका पाण्डेय जी का भी अस्तित्व माननीय शिवराज मामा से कम नही है, आप भी सर्च कर सकते हैं इस ख्याति प्राप्त शख्सियत को।

आखिरी सच परिवार के द्वारा श्रमोदय आवासीय विद्यालय भोपाल में रहते हुए श्रीमती अभिनिका पाण्डेय पर जितनें भी अभियोगों का जिक्र समय समय पर अपनी रिपोर्टों के माध्यम से किया गया था, आज उक्त भ्रष्टाचारी प्रभारी प्राचार्या पर लगे अभियोग दिन ब दिन सामनें आ रहें हैं यह बात आखिरी सच परिवार बेबुनियादी आधार पर नही कह रहा है बल्कि इन बातों में आखिरी सच परिवार की समाज के प्रति निष्ठा व नैतिकता पूर्ण पत्रकारिता के दम पर सम्भव हुआ है।

श्रमोदय विद्यालय भोपाल की इंचार्ज प्रधानाचार्य अभिनिका पाण्डेय का शासन काल अधीनस्थों व छात्रों के लिये काल, सीबीआई जांच में कार्यकाल के जांच में निकलेगी जरूर हिटलरशाही।

जहां भोपाल व मध्यप्रदेश के कुछ तथाकथित मीडिया कर्मी चरण चाटन में व्यस्त रहते हैं वहीं आखिरी सच परिवार सदैव सच के साथ कंधे से कंधा मिलाकर गलत का पुरजोर विरोध लगातार करता आ रहा है। यह बात हम नही बल्कि आज की तारीख में शिक्षा विभाग भी स्वीकारनें लगा है। पर आज की तारीख में अभिनिका पाण्डेय के नियोजित षड़यंत्र का शिकार उनके दायें हाथ रहे प्रबल मेहता व नंदिनी त्रिपाठी को मोहरा बना दिया गया।



विभागीय पत्रक पर लिखे शब्द

स्मरण- पत्र मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल R- 23, जोन- 01, एम.पी. नगर, भोपाल 462011 दूरभाष 0755-2552663 फैक्स: 2552662 ई- मेल: bocboard@mp.gov.in क्र. / भसंकमं/ श्रमो.स्था./ 2022/ 11447 श्रीमती अभिनिका पाण्डेय, प्रशासनिक अधिकारी , श्रमोदय आवासीय विद्यालय, जबलपुर।

विषय:- विद्यालय में माननीय श्रम मंत्री महोदय के नाम पर सभी शिक्षकों से नियमित करने के लिए राशि रूपये 2.50 लाख की मांग किए जाने के संबंध में।

अभिनिका पाण्डेय की हिटलर शाही का अड्डा बना श्रमोदय आवासीय विद्यालय भोपाल, वाइस प्रिंसिपल कल्पना कटकवार पर सफाईकर्मी को धमकी का अभियोग दर्ज।

संदर्भ:- 1. श्री राजीव चौहान, वरिष्ठ आरटीआई एवं सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा की गई शिकायत।

2. इस कार्यालय का पत्र क्र. 10735 दिनांक 29.09.2022 प्रति, भोपाल, दिनॉक 30/11/22 0- उपर्युक्त विषयांतर्गत संदर्भित पत्र क्र . 01 के माध्यम से आपके, श्री प्रबल मेहता, पीजीटी कम्प्यूटर साईस एवं श्रीमती नंदनी त्रिपाठी, टीजीटी साईस द्वारा माननीय श्रम मंत्री के नाम से खुलेआम स्कूल में शिक्षकों को नियमित किए जाने हेतु राशि रूपये 2.50 लाख की मांग किए जाने की शिकायत प्राप्त हुई थी।



इस कार्यालय के पत्र क्र. 02 के माध्यम से आपसे शिकायत के संबंध में 07 दिवस में स्पष्टीकरण चाहा गया था। किन्तु आज दिनांक तक आपके द्वारा उक्त शिकायत के संबंध में स्पष्टीकरण प्रेषित नहीं किया गया है।

अतः पुनः स्मरण- पत्र प्रेषित करते हुए निर्देशित किया जाता है कि उक्त शिकायत के संबंध में वस्तुस्थिति तथा अपना स्पष्टीकरण पत्र प्राप्ति से 03 दिवस में प्रेषित किया जाना सुनिश्चित करें।

संलग्न:- उपरोक्तानुसार पृ.क्र ./ भसंकमं/ श्रमो.स्था./ 2022/ 11448- 49

प्रतिलिपिः “सचिव म.प्र.भ.स.क.क.मण्डल भोपाल भोपाल, दिनांक 30/11/2022

1. विशेष सहायक, माननीय श्रम मंत्रीजी की ओर सादर सूचनार्थ प्रेषित।

2. आयुक्त, लोक शिक्षण, गौतम नगर, भोपाल। सचिव म.प्र.भ.स.क.क. मण्डल।



आखिरी सच परिवार का दावा

यदि मध्यप्रदेश शासन व प्रशासन ईमानदारी से भोपाल के श्रमोदय विद्यालय में श्रीमती अभिनिका पाण्डेय के कार्यकाल का सीबीआई से मूल्यांकन करवाते हुए जांच करवाए तो अभिनिका पाण्डेय द्वारा बच्चों के आवश्यक वस्तुओं, सरकार द्वारा प्रदत विभिन्न निधियों पुस्तकों की खरीद काफी किताबों में बंदरबांट, पेयजल व्यवस्था के गुणवत्तापूर्ण सुचारू वितरण व अध्यापकों के साथ बर्बर हिटलर शाही का प्रत्यक्ष प्रमाण मिलेंगे।

वही हाल ही में छात्र अभिषेक चढ़ार की मृत्यु के भी राज निकलेंगे जिसमें विद्यालय प्रशासन के साथ ही प्रबल मेहता का प्रबल सहयोग भी मिलेगा। आखिर इस प्रकार की निर्दयी व्यवस्था संचालक के ऊपर क्यों ना उचित संवैधानिक कार्यवाही की जाए, लेकिन शायद राजनीतिक पकड़ वह अटैची उद्योग का खेल माननीय शिवराज सरकार की जिम्मेदारों को अभिनिका पाण्डेय के मुद्दे पर मौन कर देता है।

हम आपको बताते चलें कि श्रमोदय आवासीय विद्यालय का निर्देशन कहता है, कि कोई भी अध्यापक अपने गृह क्षेत्र में नौकरी के लिए पात्र नहीं है। फिर अभिनिका पाण्डेय का जबलपुर उनके गृह जनपद में स्थानांतरण क्यों वह कैसे किया गया। यह यक्ष प्रश्न है जो कि शिवराज मामा की बेहतर सरकार की पोल खोलने के लिए पर्याप्त है।


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