GA4

जेएनयू प्रकरण में ICIJ की तीखी प्रक्रिया, उलूक विचार में घिरे नरिंदर मोदी।

Spread the love

 वाराणसी। देश मे केंद्र की सत्ता पर आसीन हुई भाजपा सरकार को आठ साल हो गए हैं। 2014 से पहले कि बात करें तो भाजपा जहां महंगाई के नाम पर विपक्ष को घेरे रहती थी, वहीं विपक्ष पर जातिवाद, तुष्टिकरण व धर्म की राजनीति के आरोप भी लगाती रही है। देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के 2014 से पहले के बयान देखें तो मोदी जी जातिवाद के विरोधी दिखाई देते थे।

लेकिन 2014 के लोकसभा चुनावों में
भाजपा द्वारा प्रधानमंत्री का चेहरा नरेंद्र मोदी को घोषित करने के बाद अचानक नरेंद्र मोदी अपने आपको ओबीसी कैटेगिरी के प्रचारित करते दिखाई देने लगे। देश में समानता की मांग करते आ रहे सनातनियों को झटका तो उस वक़्त लगा जब 2014 में केंद्र की सत्ता पर कब्जा करने के बाद प्रधानमंत्री नरिंदर मोदी ने जातिवाद व वोट बैंक की राजनीति के सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए एक वर्ग को सहूलियतें, जातिगत आरक्षण में बढ़ावा व विशेष कानून आदि देकर देश मे असमानता का जाल सा बुन दिया।

2018 में तो मोदी सरकार ने एट्रोसिटी एक्ट में संशोधन करके समान्य, पिछड़े व अल्पसंख्यक वर्ग की जड़ें ही हिलाकर रख दीं, जिसके बाद देश भर से सवर्णों, पिछड़ों व अल्पसंख्यकों पर झूठे एट्रोसिटी एक्ट लगने के साथ साथ सवर्णो, पिछड़ों व अल्पसंख्यकों को धमकियां आदि मिलने की खबरें आने लगीं। इसके अलावा सनातनियों का आरक्षण प्राप्त एक वर्ग हिन्दू देवी- देवताओं का ना केवल अपमान करने लगा, बल्कि हिंदू धर्म का विरोध भी खुलकर करने लगा।



यदि कोई इनका विरोध करता भी तो एट्रोसिटी एक्ट लगाकर जेल भेजने की धमकी मिल जाती। नतीजन देश से सवर्णों, पिछड़ो व अल्पसंख्यकों का पलायन होने लगा। हाल ही में दिलीप मंडल पर हिंदू देवी- देवताओं का अपमान करनें के कारण मुकदमा तो दर्ज हुआ, लेकिन सरकारों का आश्रय प्राप्त इन लोगों पर मुकदमे भी बड़े कमजोर तरीके से दर्ज होते हैं। जिस कारण इन्हें बड़ी आसानी से ना केवल जमानत मिल जाती है, बल्कि सवर्णों व हिन्दू धर्म के विरुद्ध बोलने की आजादी भी। क्योंकि कोई इनका विरोध करे तो एट्रोसिटी एक्ट का कवच तो है ही! अब हाल ही में जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के प्रांगण में ब्राह्मण व बनिया जोकि सवर्ण यानी सादी कैटेगरी में आते हैं के विरुद्ध धमकी भरे स्लोगन लिखे गए।

एक स्लोगन में तो ब्राह्मण बनिया को देश छोड़नें के लिए भी धमकाया गया। लेकिन वोट बैंक ना हाथ से निकल जाए तो इन तत्वों पर कार्यवाही होना सम्भव है यह तो वक़्त ही बताएगा। वोट बैंक की खातिर मोदी जी एक वर्ग को खुश करने मैं सभी सीमाएं तो लांग चुके हैं, लेकिन उक्त वर्ग का वोट बैंक प्राप्त करने में वह कितना सफल हुए हैं यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन भाजपा के साथ मजबूती से खड़ा सवर्ण, पिछड़ा व अल्पसंख्यक वोट बैंक अब साफ तौर पर भाजपा से किनारा करता दिखाई दे रहा है।

जेएनयू प्रकरण के बाद इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्टस की भी तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। आई.सी.आई.जे. के प्रमुख डॉ. आनन्द कुमार पांडेय ने इस पर उलूक विचार नामक प्रसिद्ध कॉलम लिख दिया है। श्री पाण्डे लिखते हैं कि मोदी जी की भाजपा के नियम बहुत अच्छे हैं, विधायक, सांसद, आदि के घर वालों को टिकट नही दिया जाएगा, कुछ जगहों पर नही दिया, अर्थात नेता के घर से नेता न निकले, दूसरों को मौका मिले, वाह कितनी सुंदर नीति है, किन्तु मोदी जी की भीम प्रतिज्ञा ने कुल गुड़ गोबरे करना शुरू कर दिया है, आरक्षण, पीढ़ी दर पीढ़ी दिया जाएगा, एक वर्ग को कमजोर करने की साजिश चलती रहेगी।



Sc/ St ऐक्ट में इजाफा, निर्दोषों को जेल, जमानत भी नही होना है, बाद में हाइकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट बताता है कि ये व्यक्ति निर्दोष है, तब तक उसका पूरा परिवार समाप्त हो जाता है,
JNU में BHU में ब्राह्मणों की कब्र खुदेगी, ब्राह्मण भारत छोड़ो लिखा जाएगा, कोई कार्यवाही नही होगी, जनरल समाज की बेटियों से छेड़खानी, बलात्कार, हत्या, लेकिन इनकी सरकार की चुप्पी बरकार रहती है, यदि इनकी प्रतिज्ञा वाले समाज का कोई हुआ तो, पूरे देश को सर पर उठा लिया जायेगा।

वाह रे भीम भक्त भीम प्रतिज्ञा। अरे भाई भीम की अच्छी बातों को तो मैं भी मानता हूँ। लेकिन अति को नही। मोदी जी की विदेश नीति बहुत अच्छी है उसकी प्रशंसा करता हूँ, लेकिन देश मे आग लगाओ नीति के दुष्परिणाम, भयावहता आपको नजर नही आ रही।

ऐसी भी भक्ति उचित नही है मोदी जी। एक ब्राह्मण ने श्राप दिया तो इंदिरा और कांग्रेस सब समाप्त, समस्त सवर्णो ने साथ छोड़ा, यहां तो कितने श्राप आपको मिल रहे हैं, परिणाम तो अद्भुत होगा। आप ने तो संविधान के मायने ही बदल कर रख दिये, किसी भी वर्ग के अनुकूल संविधान से कार्य नही हो रहा यही सत्य है।

ज़ीरो टोलरेंस में भी लूट खसोट हर तरफ व्याप्त है, अपराधियों को पैर में गोली लग जाती है, लेकिन अपराध कम नही हो रहे, वर्ग विशेष जो आपकी ईजाद है उनके अपराध बढ़ते ही जा रहे हैं, किन्तु आप अब बुजुर्ग हो गए हैं, हो सकता है आपको कम दिख रहा हो, बहुत कुछ है लिखने को, सुबूत भी पड़े हुए हैं।

मैं अंधभक्त नही उलूक हूँ उलूक विचार क्रमशः……


Share
error: Content is protected !!