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जहाँ जा रही थी बरात गुरुवार रात से, पिछली शाम तक 16 लोगों की जा चुकी है जान, गांव में फैला मरघट सा सन्नाटा।

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जोधपुर। राजस्थान के जोधपुर शहर में स्थित शेरगढ़ थाने के अंतर्गत आने वाले भूंगरा गांव मे 5 दिन से श्मशान में चिता की आग ठंडी नहीं हो रही है।  पिछले 5 दिन से लगातार हर कुछ देर में किसी ना किसी की लाश जलने के लिए शमशान में आ रही है, और सबसे बड़ी बात यह है कि यह सभी लाशें एक ही हादसे में मारे जाने वाले लोगों की है । इनमें 2 साल के बच्चे से लेकर 65 साल के बुजुर्ग तक शामिल है।  गुरुवार दोपहर से पिछली शाम तक 16 लोगों की जान जा चुकी है और 35 से ज्यादा लोग अभी भी बुरी तरह झुलसी हालत में अस्पताल में भर्ती हैं । 40 से ज्यादा डॉक्टरों की टीम और नर्सिंग स्टाफ उनकी तीमारदारी में लगे हुए हैं।



जरा सी गलती और अशुभ कार्य में बदल गया शुभ काम

यह पूरा घटनाक्रम शादी के शुभ कार्य से जुड़ा हुआ है, जो एक जरा सी गलती के कारण अशुभ कार्य में बदल गया।  दरअसल पिछले सप्ताह गुरुवार को दोपहर करीब 4:00 बजे भूंगरा गांव में रहने वाले संगत सिंह के बेटे सुरेंद्र सिंह की बरात रवाना होने जा रही थी। बरात रवाना होने से पहले दूल्हे के नेग चार किए जा रहे थे।  दूल्हे की मां, उनकी बहन और परिवार और कुटुंब के अन्य लोग वहां मौजूद थे।

एक लीकेज हुआ और बिछ गई लाशें

इसी दौरान एक गैस सिलेंडर लीकेज हो गया।  जिस जगह हलवाई काम कर रहे थे वहां चार और सिलेंडर रखे हुए थे। जैसे ही एक सलेंडर में आग लगी पांचों सिलेंडर एक के बाद एक तेज धमाकों के साथ फट गए।  मौके पर चीख- पुकार मच गई। जिन बसों और गाड़ियों में बरात रवाना होने जा रही थी उन गाड़ियों में अचेत हालत में लोगों को अस्पताल ले जाया गया।

दूल्हे के दोनों ताऊ, बहन और दो भांजों की मौत

जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल में गुरुवार रात से पिछली शाम तक 16 लोगों की जान जा चुकी है।  इनमें दूल्हे के दोनों ताऊ, उसकी बहन, बहन के दो बच्चे परिवार की तीन अन्य महिलाएं और आस पड़ोस में रहने वाले कई लोगों की इस हादसे में मौत हो चुकी है। कल सुबह सवेरे 9 साल के लोकेंद्र और कल शाम करीब 5:00 बजे उसकी मां जसू कंवर ने भी दम तोड़ दिया। अभी भी 35 से ज्यादा लोग बेहद गंभीर हालत में इस अस्पताल में भर्ती हैं।



जिस घर में शादी होनी थी वहां मरघट सा सन्नाटा पसरा

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हर मृतक के परिजन को ₹700000 की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। वहीं घायलों के परिजनों को प्रति मरीज ₹100000 देने की बात कही है। उल्लेखनीय है की राजस्थान में अपने तरह का यह पहला सबसे बड़ा हादसा है इसमें अभी भी मृतकों की संख्या और बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है। जिस घर में शादी होनी थी वहां मरघट सा सन्नाटा पसरा हुआ है।


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