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आशा यूनियन वर्कर जिलाध्यक्ष व मंडल प्रभारी अलीगढ़ के साथ अभद्रता की कहानी व पंकज धवरेय्या को जेल, भाजपा नियोजित षड़यंत्र, कारण नगर पालिका चुनाव हार रही भाजपा पंकज के कारण।

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उत्तर प्रदेश। जनपद हाथरस के जिला अस्पताल के महिला वार्ड में काले कारनामों का सच जोकि शायद सामने न आता यदि पंकज धवरेय्या राष्ट्रीय प्रमुख राष्ट्रीय सवर्ण परिषद जेल न गए होते लेकिन पंकज धवरेय्या के जेल जाने के बाद एक ऐसा सच निकल कर सामने आ रहा है, जोकि हाथरस जिले के स्वास्थ्य विभाग पर उंगली उठाने के लिए मजबूर कर रहा है, वहीं जिला प्रशासन व पुलिस के सुनियोजित षड्यंत्र का राज पास करने के लिए पर्याप्त है।



हम आपको बताते चलें कि पंकज धवरेय्या जो कि वर्तमान में जिला कारागार अलीगढ़ में व्यवस्था नियोजित षड़यंत्र में बंद है, उनके खिलाफ जिला प्रशासन हाथरस वर्तमान सांसद राजवीर सिंह दलेर वर्तमान, विधायक जो कि भाजपा के नुमाइंदे हैं। व स्थानीय प्रशासन के नियोजित षडयंत्र के अंतर्गत जेल भेजे गए हैं। यह बात आखिरी सच परिवार नहीं कह रहा है बल्कि घटना से पीड़ित व घटना के समय अस्पताल में भर्ती लोगों के द्वारा कहा गया है।



आशा कार्यकत्री श्रीमती दुर्गेश द्वारा यह बताया गया कि 7 दिसंबर को उनके पड़ोस में रहने वाली महिला कविता पत्नी रवि उम्र 35 साल जिनको दूसरा बच्चा होने को था, को लेकर अस्पताल गई थी जिस समय उनके साथ कविता की जेठानी रीना भी थी, उक्त समय पर जब 9:30 बजे यह लोग अस्पताल पहुंचे वाह कविता की डिलीवरी लेबर रूम में हो रही थी। उसी समय लेबर रूम में आशा दुर्गेश सिंह के साथ सीएमएस जिला चिकित्सालय हाथरस के ड्राइवर हाकिम सिंह नें लेबर रूम में घुसकर गाली गलौज व मारपीट करते हैं, व ऐसे शब्दों का प्रयोग करते हैं, जिनका वर्णन मीडिया रिपोर्ट में शायद नहीं किया जा सकता है व नैतिकता विहीन माना जाएगा।



जैसा कि हमें जानकारी मिली है कि आशा सिंह आशा कार्यकत्रियों के यूनियन आशा यूनियन वर्कर की जिला अध्यक्ष है, अलीगढ़ मंडल की प्रभारी हैं, उनके साथ सीएम साहब के ड्राइवर द्वारा गाली गलौज करना मारपीट करना और मारपीट के साथ- साथ शारीरिक छेड़छाड़ जिसमें अस्पताल के कर्मचारी श्रीमती शांति व मनोरमा के द्वारा दुर्गेश को पकड़कर हाकिम सिंह द्वारा मरवाया गया।

जिस मारपीट में हाकिम सिंह द्वारा आशा दुर्गेश सिंह की दाहिने हाथ की छोटी उंगली को मुंह में भरकर काट लिया गया। जिस घटना की प्रत्यक्षदर्शी श्रीमती रीना द्वारा बताया गया कि ड्राइवर ने बहुत ही अभद्र शब्दों का प्रयोग किया गया गाली गलौज की ऐसी झड़ी हाकिम सिंह द्वारा लगाई गई कि शायद उनको सामाजिक रूप में बोलना ही शर्मसार करने के लिए पर्याप्त है।



जिस पर दुर्गेश सिंह को बेहोश हो जाने के बाद अस्पताल में ही एक बेड पर भर्ती करके इलाज किया गया लेकिन अस्पताल के दस्तावेजों में दुर्गेश सिंह के भर्ती होने का कोई जिक्र नहीं है। वहीं जब इस बात की जानकारी राष्ट्रीय सवर्ण परिषद के प्रमुख पंकज धवरेय्या को चली तो पंकज धवरेय्या अपने स्वभाव के अनुसार उक्त घटना स्थल पर पहुंचे। जिस के क्रम में नियोजित षडयंत्र के अंतर्गत उनको हाथरस प्रसाशन द्वारा राजनैतिक षड़यंत्रान्तर्गत जेल भेज दिया गया। जबकि महिला कर्मी प्रतिनिधि के साथ बर्बरता अभद्रता व बदतमीजी करने वाले हाकिम सिंह को सीएमएस डॉ मंजीत सिंह के रहमों करम पर थाने से घटना के कुछ ही समय बाद छुड़वा लिया गया।



और एक मनगढ़ंत शिकायत मनजीत सिंह व सीएमओ सूर्य प्रकाश द्वारा प्रशासनिक षड्यंत्र के अंतर्गत दी गई जिसमें उठाकर पंकज धवरेय्या को अंदर किया गया जिस के क्रम में आशा दुर्गेश सिंह पर स्थानीय प्रशासन द्वारा पंकज धवरेय्या के खिलाफ बयान देने का भी दबाव बनाया गया। फिर सरकार नियोजित षड़यंत्रान्तर्गत विभिन्न फर्जी व तथ्यहीन मुकदमों को खोलकर पंकज धवरेय्या को जेल में सड़ानें का नियोजित उपक्रम किया जा रहा है। वही जिला चिकित्सालय हाथरस में य यूं कहो कि उत्तर प्रदेश के जिलों में से कोई भी जिला ऐसा अछूता नहीं है जहां पर जन्म प्रमाण पत्र बच्चे के जन्म के समय मेजर ऑपरेशन के नाम पर दवाओं को बाहर मंगाए जाने के नाम पर अवैध वसूली ना हो रही हो जिस के क्रम में हाथरस में इस मुद्दे का भी विरोध पंकज धवरेय्या द्वारा किया गया था।


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