आज की लोक सभा के प्रश्नों का उत्तर सम्बंधित जिम्मेदारों द्वारा दिया गया प्रश्न 1352. श्री टी.आर. बालू (बी) (सी) भारत सरकार का कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय (कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग) (डी) लोक सभा अतारांकित प्रश्न सं. 1352 (14.12.2022 को उत्तर दिए जाने के लिए) अपमानजनक पदों के खिलाफ सीबीआई के मामले क्या प्रधान मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे?
सरकार पर अपमानजनक पदों के आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दायर चार्जशीट की संख्या…? और विवरण और संवैधानिक पदाधिकारी, उन मामलों की संख्या और विवरण जिनमें सीबीआई अंततः अदालतों द्वारा सजा सुनिश्चित कर सकी, क्या सरकार औपचारिक शिकायतों या विरोध के माध्यम से सरकार के ध्यान में आते ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सभी आपत्तिजनक पोस्ट को हटाने में सफल रही है?
और यदि हां, तो उसका ब्यौरा क्या है, और यदि नहीं, तो इस संबंध में सरकार द्वारा उठाए जाने वाले प्रस्तावित सुधारात्मक उपायों सहित इसके क्या कारण हैं? उत्तर कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय में राज्य मंत्री और प्रधान मंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री (डॉ. जितेंद्र सिंह)
(क): सीबीआई ने सरकार पर अपमानजनक पदों के आरोपों पर कुल 15 मामले दर्ज किए हैं, और 2019 से 30.11.2022 तक संवैधानिक पदाधिकारी।
इन 15 मामलों में से 6 मामलों की जांच चल रही है, जबकि 9 मामलों में 28 अभियुक्तों के खिलाफ 28 आरोप पत्र दायर किए गए हैं। सभी मामले, जिनमें आरोपपत्र दायर किए जा चुके हैं, विचाराधीन हैं।
(बी) : ऊपर उल्लिखित सभी 28 अदालती मामले, वर्तमान में विचाराधीन हैं। (सी) और (डी): सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 69ए भारत सरकार को (i) भारत की संप्रभुता और अखंडता के हित, (ii) भारत की रक्षा, (iii) राज्य की सुरक्षा, (iv) विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध या (v) सार्वजनिक व्यवस्था या (vi) उपरोक्त से संबंधित किसी भी संज्ञेय अपराध के कमीशन को रोकने के लिए।
तदनुसार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) को सूचना प्रौद्योगिकी (जनता द्वारा सूचना की पहुंच को अवरुद्ध करने के लिए प्रक्रिया सुरक्षा उपाय) नियम, 2009 में परिकल्पित उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद ब्लॉकिंग निर्देश जारी करने का अधिकार है।
भारत सरकार उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग लोक सभा तारांकित प्रश्न संख्या 120/ 14 दिसम्बर, 2022 के लिए प्रश्न मुफ्त खाद्यान्न वितरण योजना की समय अवधि बढ़ाना, 120. कुँवर पुष्पेन्द्र सिंह चन्देल… क्या उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि (क): क्या सरकार का 80 करोड़ से अधिक नागरिकों को लाभ देने के लिए मुफ्त खाद्यान्न वितरण योजना को और अधिक समय तक जारी रखने का विचार है और यदि हाँ, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है?
(ख) क्या सरकार ने उक्त योजना के तहत खाद्य सुरक्षा के लिए आवश्यक खाद्यान्न के भंडारण लक्ष्य को पूरा करने हेतु अतिरिक्त उपाय किए हैं और यदि हां? तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है?
(ग) क्या सरकार का उक्त योजना के तहत बुंदेलखंड जैसे आर्थिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों में मोटा अनाज और दूध वितरित करने का भी विचार है? ( घ ) यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है? उत्तर वाणिज्य एवं उद्योग तथा उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण तथा वस्त्र मंत्री (श्री पीयूष गोयल) (क) से (घ): विवरण सभा पटल पर रख दिया गया है।
लोक सभा में दिनांक 14.12. 2022 को उत्तरार्थ तारांकित प्रश्न संख्या 120 के भाग (क) से (घ) के उत्तर में उल्लिखित विवरण (क): प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) को आगामी तीन माह दिसम्बर, 2022 (चरण- VII) तक की अवधि के लिए बढ़ा दिया गया है। देश में कोविड -19 के अप्रत्याशित प्रकोप के कारण उत्पन्न आर्थिक गतिरोध को देखते हुए सरकार ने नियमित मासिक एनएफएसए खाद्यान्नों अर्थात लाभार्थियों के राशन कार्ड की नियमित पात्रता के अतिरिक्त एनएफएसए परिवारों को सामान्य रूप से वितरित की जा रही मासिक खाद्यान्नों की मात्रा को इसके द्वारा प्रभावी रूप से दुगुना करके प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत पांच किलोग्राम प्रति व्यक्ति प्रतिमाह की दर से मार्च, 2022 में लगभग 80 करोड़ राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) लाभार्थियों को अतिरिक्त निःशुल्क खाद्यान्नों (चावल/ गेहूँ) के वितरण की घोषणा की थी, ताकि आर्थिक संकट के दौरान पर्याप्त खाद्यान्न की अनुपलब्धता के कारण निर्धन, जरूरतमंद और कमजोर परिवारों/ लाभार्थियों को कष्ट न उठाना पड़े।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत लगभग 3.91 लाख करोड़ कुल अनुमानित वित्तीय निहितार्थ का पूर्ण रूप से वहन भारत सरकार द्वारा राज्यों/ संघ राज्य क्षेत्रों के किसी प्रकार की साझेदारी के बिना ही किया गया है। 1 वर्ष 2020- 21 में आरंभ में देश में कोविड -19 के प्रकोप से उत्पन्न आर्थिक गतिरोध के कारण निर्धन और जरूरतमंद लोगों के समक्ष आ रही कठिनाइयों को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) की घोषणा केवल तीन माह अप्रैल , मई और जून , 2020 (अर्थात् चरण-1) की अवधि के लिए की गई थी।
बाद में निर्धन और जरुरतमंद लाभार्थियों की खाद्य सुरक्षा मदद की सतत आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए सरकार ने निःशुल्क खाद्यान्नों के वितरण को आगामी पांच माह जुलाई से नवंबर 2020 (अर्थात् चरण- II) तक की अवधि के लिए बढ़ा दिया था। तथापि, वर्ष 2021-22 में भी जारी कोविड-19 की संकट को देखते हुए सरकार ने अप्रैल, 2021 में दो माह मई और जून, 2021 (अर्थात् चरण- III) की अवधि के लिए पीएमजीकेएवाई के तहत निःशुल्क खाद्यान्न वितरण की पुनः घोषणा की थी। तथा इसे और पांच माह जुलाई से नवंबर, 2021 (अर्थात चरण- IV) तक के लिए बढ़ा दिया था।
इसके पश्चात नवंबर, 2021 में कोविड -19 के द्वारा उत्पन्न सतत मुश्किलों को ध्यान में रखते हुए, भारत सरकार ने दिसंबर, 2021 से मार्च, 2022 (अर्थात चरण V) तक निःशुल्क खाद्यान्नों का आगे भी वितरण जारी रखने का निर्णय लिया था। वर्ष 2022-23 के दौरान, आगामी बड़े त्योहारों को ध्यान में रखते हुए समाज के निर्धन और कमजोर वर्गों के सहयोग के लिए इस स्कीम को और 6 माह अर्थात सितम्बर , 2022 (अर्थात चरण- VI) तक बढ़ा दिया गया था। इसके बाद इस स्कीम को 3 माह अक्टूबर, 2022 से दिसम्बर, 2022 तक के लिए फिर बढ़ा दिया गया है।
(ख): भारतीय खाद्य निगम पीडीएस प्रचालन के लिए मुख्यतः गेहूं और चावल की खरीद के पश्चात इनका भंडारण करता है, और केंद्रीय पूल में बफर स्टॉक का अनुरक्षण करता है। भंडारण क्षमता की आवश्यकता खरीद के स्तर, बफर मानदंडों की जरूरत और पीडीएस प्रचालनों पर निर्भर करती है। भंडारण अंतर का मूल्यांकन राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) और अन्य कल्याणकारी योजना (ओडब्ल्यूएस) की आवश्यकता, खरीद वाले राज्यों में पिछले तीन वर्षों में उच्चतम स्टॉक स्तर के आधार पर और उपभोग वाले राज्यों में 4 माह (पूर्वोत्तर राज्यों और कुछ अन्य राज्यों जैसे जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, अंडमान और निकोबार तथा लक्षद्वीप के मामले में 6 माह) के आधार पर किया जाता है। भंडारण क्षमता का लगातार आकलन और निगरानी की जाती है। अंतराल के आकलन के आधार पर भंडारण क्षमता सृजित/ किराए पर ली जाती है।
भंडारण क्षमता बढ़ाने के उपाय / योजनाएं निम्नानुसार हैं। 1. निजी उद्यमी गारंटी ( पीईजी ) योजना। 2. केंद्रीय क्षेत्र योजना ( सीएसएस )। 3. पीपीपी मोड में साइलों का निर्माण। 4. सीडब्ल्यूसी/ एसडब्ल्यूसी/ राज्य एजेंसियों से गोदाम किराए पर लेना। 5. निजी भंडारण योजना (पीडब्ल्यूएस)।
(ग) और (घ): राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अनुसार, खाद्यान्नों का तात्पर्य चावल, गेहूं अथवा मोटे अनाज अथवा उनके किसी संयोजन से है जो ऐसे गुणवत्ता मानदंडों के अनुरूप हो, जिसे समय- समय पर केन्द्र सरकार के आदेश द्वारा निर्धारित किए जाएं। देश में आर्थिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों अथवा कहीं भी दूध का वितरण करने के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 में कोई प्रावधान नहीं है। तथापि, लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2015 के खंड- 9 (9) के अनुसार, राज्य/ संघ राज्य क्षेत्र की सरकार उचित दर दुकान प्रचालनों की व्यवहार्यता में सुधार लाने हेतु उचित दर दुकानों पर लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टीपीडीएस) के तहत वितरित खाद्यान्नों के अलावा अन्य वस्तुओं की बिक्री की अनुमति देगी।
इसके अलावा मिलेट्स पहले से ही सार्वजनिक वितरण प्रणाली का एक भाग है। मोटे अनाजों की खरीद, आवंटन, वितरण और निपटान हेतु जारी दिशा- निर्देशों के अनुसार राज्यों को भारत सरकार के पूर्व अनुमोदन से केन्द्रीय पूल के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर किसानों से मोटे अनाजों (ज्वार, बाजरा, मक्का और रागी आदि) की खरीद करने की अनुमति प्रदान की जाती है। मौजूदा समय में देश में मुख्य मिलेट्स (ज्वार , बाजरा और रागी) का सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से वितरण किया जाता है।