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पठान को लेकर मध्यप्रदेश में बयानबाजी का दौर जारी नरोत्तम दास मिश्रा को सेंसरबोर्ड में मिले जगह-कांग्रेस मीडिया उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता

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भोपाल। कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि, मध्य प्रदेश के गृहमंत्री को सेंसर बोर्ड में जगह मिलना चाहिए।
मध्य प्रदेश में फिल्म ‘पठान’ को लेकर सियासत गर्माने लगी है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा द्वारा फिल्म को बैन करने की चेतावनी देने के बाद कांग्रेस की ओर से उनपर तंज कसा गया है। कांग्रेस नेता भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि, गृहमंत्री को सेंसर बोर्ड में जगह मिलना चाहिए।
आपको बता दें कि, कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि, मध्य प्रदेश के गृहमंत्री को सेंसर बोर्ड में जगह मिलना चाहिए। मुख्यमंत्री से गुजारिश है कि, गृहमंत्री का नाम फिल्म सेंसर बोर्ड की सदस्यता के लिए प्रस्तावित करें। सदस्य बनने से हर फिल्म की जानकारी उनके पास होगी। बार-बार सवाल खड़े करने से मध्य प्रदेश की भारी बदनामी होती है। साथ ही, उन्होंने आगे कहा कि, मध्य प्रदेश सरकार के मंत्रियों को डायरेक्टर अपनी फिल्म में लीड रोल देकर अपनी परेशानियां मुक्त भी कर सकते हैं।

पठान’ पर गृहमंत्री ने दी थी बैन की चेतावनी

आपको बता दें कि, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ‘पठान’ फिल्म के निर्माता को चेतावनी दी थी कि, अगर जल्द से जल्द फिल्म से अभद्र दृश्य न हटाए गए तो मध्य प्रदेश में फिल्म रिलीज की अनुमति दी जाएगी या नहीं, इसपर विचार किया जाएगा। गृहमंत्री के अनुसार, फिल्म में चित्रित गाने में इस्तेमाल होने वाली वेशभूषा प्रथम दृष्ट्या काफ़ी आपत्तिजनक है। साफ दिख रहा है कि, दूषित मानसिकता के चलते फिल्माया गया है। वैसे भी दीपिका पादुकोण टुकड़े-टुकड़े गैंग का समर्थक रही है। गृहमंत्री ने याग दिलाते हुए कहा कि, दीपिका JNU के प्रोटेस्ट में भी शामिल हुई थी।
नेता प्रतिपक्ष ने भाजपा पर लगाए थे आरोप

आपको बता दें कि, इस फिल्म में दिखाए गए दृष्यों को लेकर सिर्फ भारतीय जनता पार्टी ही नहीं, बल्कि कांग्रेस भी अभद्र दृश्यों को हटाने की मांग कर चुकी है। नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने सेंसर बोर्ड और सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि, चित्र मैंने देखा वो काफ़ी ज़्यादा गंदा और अभद्र है। हमारे हिन्दू संस्कृति और देश की ऐसी बिलकुल भी परंपरा नहीं है। साज़िश के तहत ये पूरा कृत्य किया गया है। इसमें पूरी तरह सेंसर बोर्ड और भाजपा की गलती है। इनका साफ मतलब है कि पैसा दो और ऑर्डर लो।

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