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एलपीजी सिलेंडरों से लदे ट्रक में आग लगने, व 300 सिलेडरों के विस्फोटों से नवगछिया दहला, ड्राईवर के उड़े चीथड़े।

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बिहार। भागलपुर के नारायणपुर में एनएच-31 पर मंगलवार की रात एलपीजी सिलेंडरों से लदे ट्रक में आग लगने के बाद हुए विस्फोटों से नवगछिया दहल उठा। करीब एक घंटे तक सिलेंडर तेज आवाज के साथ फटते रहे। हादसे के दौरान चालक ट्रक में फंस गया और उसके भी चीथड़े उड़ गए। हादसा नारायणपुर प्रखंड स्थित भगवान पेट्रोल पंप से 200 मीटर दूरी पर हुआ। विस्फोट इतना तीव्र था कि घटनास्थल से करीब आधे किलोमीटर के दायरे में सिलेंडर के मलबे बिखर गए। विस्फोट थमने के बाद सात दमकल गाड़ियों की सहायता से आग पर काबू पाया गया।



सुबह साढ़े पांच बजे सड़क पर से मलबों को हटाकर यातायात बहाल किया गया। करीब चार घंटे तक एनएच 31 पर वाहनों का परिचालन ठप रहा। ट्रक पर भारत गैस के 450 सिलेंडर लदे थे। इनमें से 300 फट गए। ट्रक भागलपुर से भारत रसोई गैस सिलेंडर लादकर बेगूसराय जिले स्थित बखरी जा रहा था। घटना की सूचना मिलने पर आसपास के कई लोग मौके पर पहुंच गए। एनएचएआइ की एंबुलेंस भी पहुंच गई। क्रेन की सहायता से क्षतिग्रस्त वाहन के मलबे को एनएच 31 से हटाया गया।

घरवालों ने चालक मंटू के शरीर के टुकड़ों को एकत्र किया

घटनास्थल पर चालक मंटू यादव के मांस के टुकड़े बिखरे हुए थे। स्वजनों के आने के बाद पता चला कि ये टुकड़े चालक के शरीर के थे। चालक मंटू यादव मुंगेर जिले के शंकरपुर का रहने वाला था। घटनास्थल पर पहुंचे उसके पिता छतरी यादव ने बताया कि बेटे के साथी ट्रक चालक ने उन्हें फोन कर बताया कि नारायणपुर में सिलेंडर लदे ट्रक में आग लगी है। वह ट्रक मंटू यादव ही चला रहा था। स्वजनों ने ही मंटू के शरीर के टुकड़ों को एकत्र किया। मंटू यादव के भाई उत्तम यादव ने भवानीपुर ओपी में प्राथमिकी दर्ज कराई है। इसमें उन्होंने गाड़ी में आग लगने के कारणों के प्रति अनभिज्ञता जताई है।

आग लगने की सूचना मिलने पर भवानीपुर थाने की पुलिस मौके पर पहुंच गई। घटनास्थल के पास पड़ोसी जिला खगड़िया के पसराहा थाने की पुलिस भी पहुंची। नवगछिया अनुमंडल की तरफ से दो बड़ी, तीन छोटी और खगड़िया की तरफ से दो दमकल गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंचीं।विस्फोट थमने के होने के बाद दमकल गाड़ियों ने आग को पूरी तरह से बुझाया।

पेट्रोल पंप में आग पकड़ती तो और भयावह हो जाता मंजर

जहां सिलेंडरों से भरे ट्रक में धमाका हुआ वहां से 200 मीटर की दूरी पर एक पेट्रोल पंप है। अगर खुदा न खास्ता आग की लपटें या जलते हुए सिलेंडर का टुकड़ा उसकी टंकी पर गिरता तो और भी बड़े पैमाने पर नुकसान होता। धमाके की आवाज सुन पंप मालिक रंजीत कुमार और पंप कर्मी जान बचाने के लिए इधर- उधर भागने लगे। आधा किलोमीटर दूर एनएच-31 पर पहुंच उन्होंने अपने आप को सुरक्षित किया। वहां से घटनास्थल की ओर देखा तो आग की लपटें आसमान छूतीं दिखीं। इस बीच सिलेंडर का एक छोटा टुकड़ा पेट्रोल पंप की पानी की टंकी पर गिरा और वह फट गई। रंजीत कुमार ने बताया कि ब्लास्ट बंद होने के बाद सभी लौटकर पेट्रोल पंप पहुंचे। भगवान का शुक्र था कि पानी की टंकी के अलावा कोई और नुकसान नहीं हुआ।

सड़क किनारे झोपड़ी जलकर हुई राख

प्रत्यक्षदर्शी बलहा के फतुली यादव ने बताया कि एनएच किनारे उसका बासा है। धमाके की आवाज सुन वह झोपड़ी में दुबक गया। जलता हुआ मलबा गिरने से जब उसकी झोपड़ी में आग लग गई तो वह जैसे- तैसे वहां से भागा और अपनी जान बचाई। झोपड़ी में रखे सारे सामान, कंबल और भूसा आदि जल गए। उसने आग लगे ट्रक से निकलकर भागते एक आदमी को भी देखा। भागने वाला आदमी कौन था, इसका पता नहीं चल पाया है।

बलाहा के मनोज यादव, अनिक यादव और नेपाली सिंह की झोपड़ियां भी जल गईं। आग लगने के बाद लोग चिल्लाने लगे। धमाका इतना जोरदार था कि आसपास के क्षेत्र में घरों की खिड़कियां हिलने लगीं। लोगों को समझ नहीं आ रहा था कि क्या हुआ है। जब पता चला कि सिलेंडर लदे वाहन में आग लगी है तो राहत मिली।

सवालों के घेरे में सिलेंडर की क्षमता व गुणवत्ता

नारायणपुर में रसाेई गैस सिलेंडर लदे ट्रक में विस्फोट की घटना ने गुणवत्ता पर बड़े सवाल खड़े किए है। इस घटना को भारत गैस कंपनी अपनी नाकामी छिपाने में जुट गई। यह महज घटना है या कंपनी की लापरवाही। यह भी सवालों के घेरे में हैं। अगर सड़क दुर्घटना होती तो दूसरी गाड़ी का मलवा भी बिखरा पड़ा होता। लेकिन, यहां तो सिर्फ सिलेंडर वाले ट्रक का ही मलबा था। एकाएक विस्फोट के कारण ट्रक चालक मंटू अपनी जान भी नहीं बचा सके। अगर यह घनी आबादी वाले क्षेत्र में विस्फोट होता तो आसपास के बस्तियों को भी आग अपने चपेट में ले लेता। इसमें कई लोगों की जान जा सकती थी।
भागलपुर रिफिलिंग प्लांट से लोड तक खगड़िया के बखरी जा रही ट्रक में सिलेंडर लोड करने से पहले सिलेंडर की गुणवत्ता जांच भी कई सवाल खड़े कर रहे हैं।



प्लांट में सिलेंडर को लोड करने से पहले क्षमता व गुणवत्ता जांच और बाडी लीकेज के साथ भल्व लीकेज की जांच की गई गई थी कि नहीं। गुणवत्ता पूर्ण या मानक के अनुरूप सिलेंडर को लोड किया गया था या यूं ही रिफिल कर ट्रक पर लोड कर दिया। स्थानीय लोग इसे लेकर प्लांट से लेकर घटना स्थल तक उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। इसके बाद ही लापरवाही करने वालों पर शिकंजा कसा जा सकेगा।


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