गाजियाबाद। हिंदूधर्मी पार्टी की देश व प्रदेश में जबकि सरकार हो उसके बाद भी सनातन धर्म विषय के समर्थक संत व उनकी नगरी शिवशक्ति धाम डासना में इस्लाम के जिहाद को लेकर आयोजित होनी वाली दो दिवसीय धर्म संसद अन्तोगत्वा स्थगित हो गयी है। इस्लामिक जिहादियों के साथ पुलिस, प्रशासन, राजनेताओं और न्यायपालिका के गठजोड़ ने महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी को घुटने टेकने के लिये विवश कर दिया।
गाजियाबाद पुलिस के अधिकारियों ने महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी को स्पष्ट बता दिया था कि किसी भी कीमत पर धर्म संसद नहीं होने दी जाएगी। अगर धर्म संसद के कार्यकताओं और पुलिस का टकराव होता है तो पुलिस वहीं करेगी जो राम रहीम के शिष्यों के साथ हुआ था, और महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी को आशाराम बापू और राम रहीम बना दिया जाएगा।
महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी ने इस मामले में उत्तर प्रदेश के कई मजबूत जनप्रतिनिधियों ने सहायता मांगी पर सबने उन्हें निराश करके वापस लौटा दिया। गाजियाबाद के सांसद और केंद्रीय मंत्री वी के सिंह ने तो महामंडलेश्वर जी को मिलने का समय तक नहीं दिया। बुरी तरह से अकेले पड़े महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज ने अपने शिष्यों की जान बचाने के लिये पुलिस और प्रशासन की शक्ति के सामने दयनीय समर्पण करते हुए धर्म संसद को अनिश्चित काल के लिये स्थगित कर दिया है।
सुबह से इस अत्याचार के विरोध में सर्वोच्च न्यायालय के प्रांगण में एक दिवसीय उपवास रखेगे ताकि सम्पूर्ण विश्व यह जान ले कि अब भारत मे इस्लाम के जिहाद पर चर्चा तक नही की जा सकती। गत वर्ष 17 दिसम्बर शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर व श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज को हिंदुत्व का पाठ पढ़ाने वाले भाजपा के पूर्व सांसद श्री बी एल शर्मारप्रेम सिंह शेर जी की जयंती है।
गत वर्ष की भाति इस अवसर पर हरिद्वार में तीन दिवसीय धर्म संसद आयोजित की गई थी। इस धर्म संसद में भारत में बढ़ते हुए इस्लामिक प्रभाव के परिणामो और इससे बचने के उपायों पर चर्चा की जानी तय की गई थी। इस धर्म संसद में इस्लाम के जिहाद की सच्चाई को जिस तरह से नंगा किया गया था, उससे इस्लाम की जड़ हिल गयी थी और सऊदी अरब, कतर और पाकिस्तान जैसे इस्लामिक जिहादियों के समर्थक देश खुल कर धर्म संसद के विरोध में आ गए थे।
इसका परिणाम यह हुआ कि इस्लामिक जिहाद परस्त शक्तियों ने सर्वोच्च न्यायालय को हथियार बना कर महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज और मोहम्मद पर किताब लिख कर उसकी सच्चाई दुनिया को बताने वाले जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी पूर्व नाम वसीम रिजवी को निर्दोष होते हुए भी कई महीने जेल में रखा। धर्म संसद के बाद महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज पर पुलिस प्रशासन राजनेताओं और न्यायपालिका के गठजोड़ का कोप टूट पड़ा और उनके ऊपर हर छोटी छोटी बात को लेकर अनगिनत एफआईआर दर्ज करवाई गई।
यह दूसरा अवसर है जब शिवशक्ति शक्ति धाम डासना का कार्यक्रम पुलिस प्रशासन ने रोक दिया हो। इससे पहले भी पुलिस दशहरे के शस्त्र पूजन को शिवशक्ति धाम डासना में पुरी तरह से प्रतिबंधित कर चुकी है। आज धर्म संसद का इस तरह से स्थगित होना यह बताता है कि अब महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी में कोई दम नहीं रह गया है और वो अपना असर पूरी तरह से खो चुके हैं। अब पुलिस प्रशासन जब चाहे शिवशक्ति धाम डासना को घुटने टेकने पर मजबूर कर सकता है।