मध्यप्रदेश। शिक्षक भर्ती परीक्षा 2018 में हर दिन बन रहे नए नियमों से शिक्षक बनने का सपना देख रहे हजारों अभ्यर्थी परेशान हो रहे है, और अपने आपका नुकसान होता देखकर ज्ञापन, कोर्ट आंदोलन की राह पर चल पड़े है। लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल और स्कूल शिक्षा विभाग के लिए रोज ही ज्ञापन और अधिकारियों से मिलकर अपने बात रखने का सिलसिला निरंतर जारी है।
निरंतर सवालों के घेरे में है ईडब्ल्यूएस के 1039 पद।
गौरतलब है कि स्कूल शिक्षा विभाग की भर्ती प्रक्रिया में ईडब्ल्यूएस के अभ्यर्थियों को लाभ पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री की इच्छा के अनुसार न्यूनतम अहार्ता अंकों में दस प्रतिशत की छूट अन्य आरक्षित वर्गों की भांति दी गई है परंतु सेकंड काउंसलिंग में स्कूल शिक्षा विभाग ने 1039 पद समाप्त करते हुए कागजी खेल खेला है। नए पद और पुराने पद का राग अलापते हुए ईडब्ल्यूएस के उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को शिक्षक पद से दूर रखने की मंशा के चलते अधिकारियों ने यह कहते हुए पल्लाझाड़ लिया कि अब 1039 पदों पर ईडब्ल्यूएस के छात्रों को नियुक्ति देने के लिए मुख्यमंत्री के आदेश की आवश्यकता है।
स्वयं लोक शिक्षक संचालनालय के वरिष्ठ अधिकारी यह मानते है कि 1039 पदों को द्वितीय काउंसिलिंग में शामिल किया जाना चाहिए था, परंतु उन्होंने अपने आप को सक्षम न बताते हुए अभ्यर्थियों को मंत्री स्तर पर गुहार लगाने की बात कही और यही कारण है, कि ईडब्ल्यूएस के पदों को पुनः वापस लाने के लिए कर्मचारी कल्याण आयोग के अध्यक्ष रमेशचंद्र शर्मा ने मुख्यमंत्री शिवराज को पत्र लिखा जिसमें द्वितीय काउंसिलिंग में ईडब्लयूएस के 1039 पद शामिल करने का अनुरोध किया गया।
अब सवाल यह उठता है कि जब कुल भर्ती 17 हजार पदों पर घोषित की गई थी तो अब अलग अलग बयानों के साथ नियमों में बदलाव करते हुए पदों को क्यों समाप्त किया गया। अगर लोक शिक्षण संचालनालय के आयुक्त कहते है कि हमने सामान्य प्रशासन विभाग के आदेशों का पालन किया तो फिर उसी सरकार के एक और विभाग जनजातीय विभाग में सेकंड काउंसिलिंग में ईडब्ल्यूएस के पद यथावत क्यों रखे गए? जबकि अलग अलग विभाग का केंद्र बिंदु मुख्यमंत्री ही है। इससे स्पष्ट होता है कि मुख्यमंत्री तो गरीब सवर्णों के हित में हर कार्य करने के लिए तैयार है सबका साथ सबका विकास करना चाहते है परंतु क्या मुख्यमंत्री शिवराज की मंशा के अनुरूप डीपीआई और जनजातीय विभाग के अधिकारी कार्य कर पाएंगे।
अब देखना यह है कि 1039 पदों के लिए सौंपे गए दर्जनों ज्ञापन के विरूद्ध विभागों द्वारा क्या कार्यवाही की जाती है? परंतु अगर विभाग मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विचारों से सहमत होकर कार्य करता है, तो निश्चित रूप से सवर्ण गरीबों के हितों के लिए 1039 पदों पर भर्ती करने के आदेश शीघ्र जारी किए जाने की प्रबल संभावना है। ईडब्ल्यूएस आरक्षण संघ का एक प्रतिनिधि मंडल जल्द ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलकर जनहित में न्याय की गुहार लगाएगा। ईडब्ल्यूएस आरक्षण संघ के सदस्य विवेकानंद व्यास, संजय रघुवंशी, विजय राजपूत, अभिनव शर्मा, प्रतीक दुबे सहित अन्य कई सदस्यों ने यह उम्मीद जताई है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शीघ्र ही गरीब सवर्णों के साथ न्याय करते हुए 1039 पदों को द्वितीय काउंसिलिंग में शामिल करने के लिए विभागीय जिम्मेदारों को शीघ्र आदेशित करेंगे।