मध्यप्रदेश। लोक शिक्षा संचनालय मध्यप्रदेश सरकार की ओर से एक विज्ञप्ति जारी की गयी है, जिसमें शिक्षकों के नियोजन के क्रम में फोन व संदेश न करनें की बात कही गयी है, जो संवैधानिक दृष्टिकोण से गलत भी है, लेकिन जिस प्रदेश में कमीशन उद्योग चरम पर हो ऐसे प्रदेश के जिम्मेदारों द्वारा ऐसा वक्तव्य कितना सही य गलत है इस का आँकलन जनता जनार्दन स्वयं करे।
स्कूल शिक्षा विभाग में शिक्षकों के नियोजन की प्रक्रिया प्रचलित है विभिन्न अभ्यार्थियों द्वारा विभिन्न अधिकारियों को प्रतिदिन बल्क में मोबाइल पर मैसेज भेजकर अथवा निरन्तर कॉल करके चयन प्रक्रिया के संबंध में अनावश्यक दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है। इससे शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही है। अभ्यर्थियों का यह कृत्य भर्ती प्रक्रिया में अनुचित साधन के उपयोग की श्रेणी में होकर भर्ती प्रक्रिया को प्रभावित करने की श्रेणी में आता है।
अतः समस्त अभ्यर्थियों को सूचित किया जाता है कि भविष्य में इस तरह के अनावश्यक मैसेज (व्हाट्सएप्प एवं SMS) भेजने अथवा मोबाइल पर निरंतर कॉल करने पर संबंधित अभ्यर्थी को भर्ती के लिए दबाव बनाने एवं अनुचित साधन का उपयोग के लिए दोषी माना जाएगा एवं संबंधित अभ्यर्थी के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही करते हुए संबंधित अभ्यर्थी की अभ्यर्थिता निरस्त करने तक की कार्यवाही की जा सकेगी।
सभी अभ्यर्थियों को सूचित किया जाता है कि भर्ती प्रक्रिया से संबंधित समस्त नियम/ निर्देश trc.mponline.gov.in पर उपलब्ध है एवं सभी नवीन सूचनाएं इस पोर्टल पर प्रदर्शित की जाती है। अतः पोर्टल को नियमित रूप से देखते रहें। यदि भर्ती प्रक्रिया के संबंध में कोई शिकायत अथवा कठिनाई हो तो वे कार्यालय में लिखित अभ्यावेदन प्रस्तुत कर सकते है।