आगरा। युवक के प्रेम में फंसी ज्योति ने पूरे परिवार से झगड़कर तीन वर्ष पहले कोर्ट मैरिज की थी। पहली पत्नी की जानकारी होने पर उसका उत्पीड़न होने लगा। बेटा होने पर उम्मीद थी पति का उत्पीड़न बंद हो जाएगा। लेकिन पति ने उसकी उम्मीदों का गला दबा दिया।
आगरा में सिकंदरा के पश्चिमपुरी स्थित शेखर एन्क्लेव कालोनी में मंगलवार को 31 वर्षीय ज्योति की पति ने हत्या कर दी। घटना को अंजाम देने के बाद पति उदय सिंह अबोध बेटे को गोद में लेकर थाने पहुंचा और पुलिस को पत्नी की हत्या की जानकारी दी। वह आरोपित को हिरासत में लेकर मकान पर पहुंची। कमरे में पड़़ा विवाहिता का शव कब्जे में ले लिया। स्वजन को शाम को घटना की जानकारी मिली तो वह थाने पर जुट गए। भाई निखिल ने हत्यारोपित के खिलाफ अभियोग पंजीकृत कराया है।
पुलिस में दारोगा थे ज्योति के पिता
स्वजन ने बताया कि ज्योति के पिता बाबूराम पुलिस विभाग में दारोगा थे। उनकी बीमारी से मृत्यु हो गई थी। उनकी जगह पत्नी सोना देवी की फालोवर की नौकरी लगी थी। सोना देवी के दो बेटी और तीन बेटे हैं। बहन- भाइयाें में ज्याेति सबसे छोटी थी। बीए करने के बाद चार वर्ष पूर्व उसने संजय प्लेस में एक प्लेसमेंट एजेंसी में काम करती थी। इस दौरान सिक्योरिटी एजेंसी चलाने वाले उदय सिंह निवासी अटूस सिकंदरा से उसकी दोस्ती हो गई। उदय सिंह पहले से शादीशुदा था। उसके दो बेटियां हैं। उसने यह बात ज्योति से छिपाए रखी।
तीन वर्ष पहले कोर्ट मैरिज कर ली
तीन वर्ष पहले उससे कोर्ट मैरिज कर ली। जिसके बाद उसे शेखर एन्क्लेव में किराए के मकान में लेकर रहने लगा। ज्योति को शादी के बाद पता चला कि उदय पहले से शादीशुदा है। जिसके बाद से ही उदय ने उसका उत्पीड़न शुरू कर दिया। आए दिन मारपीट करने लगा। डेढ़ वर्ष पहले पुत्र के जन्म देने के बाद भी उदय ने उसका उत्पीड़न बंद नहीं किया। स्वजन ने बताया ज्योति ने पति की कई बार पुलिस में शिकायत की। उदय हर बार दोबारा मारपीट न करने की कहकर माफी मांग लेता था।
पति- पत्नी के बीच इतना बढ़ा विवाद कि दबा दिया गला
मंगलवार की दोपहर में पति- पत्नी के बीच विवाद हो गया। उदय ने दोपहर में उसकी गला दबाकर हत्या कर दी। जिसके बाद वह थाने पहुंच गया। हालांकि पुलिस का कहना है कि आरोपित उदय को सूचना मिलने पर गिरफ्तार किया गया है। उदय का कहना था कि वह ज्योति को अपने गांव ले जाना चाहता था। वह गांव में रहने को तैयार नहीं थी। जिसे लेकर आए दिन विवाद होता था। जिसके चलते उसकी हत्या कर दी।
थाने में मां को याद करके बिलखता रहा अबोध
ज्योति को डेढ़ वर्ष का पुत्र दक्ष मां के पास जाने के लिए बिलखता रहा। स्वजन उसे किसी तरह बहलाकर चुप कराते। मगर, कुछ देर बाद ही वह मां के पास दोबारा जाने की जिद करने लगता। मौसी और मामा आदि ने उसे चाकलेट देकर बहलाने का प्रयास किया। अबोध मां के लिए मचलता रहा। इस बीच उसे पिता की झलक दिख गई, उनके पास जाने की जिद करने लगा।