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उत्तरप्रदेश शौचालय रखरखाव में भ्रष्टाचार, शिकायतकर्ता की शिकायत पर जांच अधिकारी नें गवाह प्रधान व प्रतिनिधि का नाम लिखा पर मोबाइल नम्बर वर्णन नही किया।

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उत्तर प्रदेश। जनपद जौनपुर के विकास खण्ड मुगराबादशाहपुर के ग्राम पंचायत के सामुदायिक शौचालय जो कि निर्माण के बाद से एक भी बार उपयोग ही नही हुआ है, उक्त परिसम्पत्ति के रखरखाव में भ्रष्टाचार का मामला सामनें आया है। जबकि शिकायतों के निस्तारण व जांच का जिम्मा दोषी को देकर जांच आख्या लगवाई गयी जिसमें गवाह प्रधान व उसके चाटुकार को नियुक्त कर मनमुआफिक जांच आख्या लगा ली गयी।



ग्रामीणों का कहना है कि यह शौचालय बनने के बाद से कभी भी चालू ही नही हुआ। जबकि साफ- सफाई के नाम से प्रति महीने सरकार द्वारा इस शौचालय के रखरखाव व सफाई व्यवस्था के लिए स्वयं सहायता समूह को पैसा दिया जा रहा है। जबकि शिकायत कर्ता की शिकायत को माह अप्रैल में तत्कालीन जांच अधिकारी/ ग्रामपंचायत विकास अधिकारी द्वारा काफी हास्यास्पद जांच आख्या लगाई गयी है, जिसमें जांच के समय शिकायत कर्ता को सूचना ही नही दी गयी। वहीं अमित कुमार यादव द्वारा पहला गवाह निवर्तमान प्रधान व दूसरा गवाह प्रधान के सहयोगी एडवोकेट आशीष दूबे उर्फ द्विवेदी को बनाया, जबकि अमित यादव जी नें कालम में दोनों गवाहों के नम्बर ही नही लिखे।

कागज में चालू जमीन पर चला ही नही

विकास खंड मुंगरा बादशाहपुर के ग्रामसभा करौर में बने, सामुदायिक शौचायल सरकारी पेपर के हिसाब से तो चालू है। परंतु जमीनी स्तर पर चालू नही है। ग्रामीणों का आरोप है कि शौचायल की देखरेख के लिए मानदेय है, वह पेमेंट भी बराबर निकाली जा रही है। इस संबंध में सेक्रेटरी महोदय की रिपोर्ट भी है जिसमें यह दर्शाया गया है कि शौचालय चालू है। यह रिपोर्ट 8 माह पूर्व की है।



इस रिपोर्ट में यह दर्शाया गया है, कि शौचालय चालू है, और प्रतिमाह वहाँ नियुक्त कर्मचारी को पेमेंट मिल रहा है। जबकि ग्रामसभा करौर का सार्वजनिक शौचालत अभी तक कभी चालू नही हुआ है। इसके बावजूद उसके रखरखाव के लिए प्रतिमाह जो पेमेंट निकाला जा रहा है वह कौन ले रहा है?

क्या बोले जिम्मेदार

इस विषय पर जब हमारे प्रतिनिधि ने ग्राम प्रधान को फोन मिला कर बात करनी चाहिए तब ग्राम प्रधान ने फोन नहीं उठाया, वही उनके सहयोगी एडवोकेट आशीष दुबे द्वारा फोन उठाया गया व बहुत ही इस साफगोई से मामले के क्रम में समाधान हमारे प्रतिनिधि को दिया गया, फिर हमारे प्रतिनिधि ने तत्कालीन ग्राम पंचायत विकास अधिकारी अमित यादव जी को फोन मिलाया व आख्या के क्रम में जानकारी चाही जिस के क्रम में अमित कुमार यादव जी ने भी बहुत ही सफाई से गोलमोल तरीके से हमारे प्रतिनिधि को उक्त मामले में संतुष्ट करने का प्रयास किया।



खण्ड विकास अधिकारी नें शिकायत कर्ता को दोषी ठहराया

जिसके अगले क्रम में हमारे प्रतिनिधि ने खंड विकास अधिकारी मुंगरा बादशाहपुर से बातचीत की वह महोदय से जांच आख्या में प्रधान का नाम व उनके सहयोगी का नाम गवाह के रूप में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी द्वारा दर्ज किए जाने पर जानकारी चाही के क्रम में खंड विकास अधिकारी द्वारा भी पल्ला झाड़ते हुए बताया गया कि प्रधान य उनके खास को गवाह नही बनाया जा सकता, व फिर यह पूछे जानें पर कि क्या जांच आख्या आप द्वारा नही देखी गयी पर खण्ड विकास अधिकारी द्वारा शिकायतकर्ता को ही दोषी ठहरा दिया गया।


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