ऊलूक विचार। आज के परिपेक्ष्य में राष्ट्रीय ऊलूक विचार महामंच के प्रमुख उलूकानंद महराज के ऊलूक विचार जो शायद देश की गलतियों के लिये जिम्मेदार नेहरु व कांग्रेस के क्रम में सटीक तथाकथन है। जो हमारे यशस्वी मनस्वी एंटायर पालिटिकल साइंस से इकलौते माननीय प्रधानमंत्री जी नये बेचो खाओ, दोस्तों को रेवड़ी खिलाओ। तभी देश विश्व घंटाल व आर्थिक रूप से विपन्न बन पायेगा।
केरल सरकार ने शरिया कानून को संविधान की तरह मान्यता देने के लिए SC मे याचिका दायर की है, जिसका कांग्रेस समर्थन कर रही है
लेकिन चमचों की माने तो,हिंदू- मुस्लिम तो BJP वाले करते ही है, लेकिन पौराणिक गीता पर बात मत करना, क्योंकि तुम्हारे अधिकार सीमित हैं।
ये देश मे कौन- कौन सी व्यवस्था चल रही है मालूम ही नही।
असली टुकड़े गैंग, अब अपना रंग दिखा रही है, उधर हमारे यशश्वी प्रधानमंत्री जी तुष्टीकरण, पुष्टिकरण के लिए, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरुद्ध जाकर सदन में बिल पास करवा लेंगे, लेकिन इन सब बातों पर उनका ध्यान जाता ही नही, क्योंकि उन्होंने वो गाना सुन रखा है
“आईने के सौ टुकड़े करके मैने देखे हैं, एक मे भी तन्हा थे सौ में भी अकेले हैं।”
देश मे गृहयुद्ध छिड़ जाए, लोग अलग- अलग कानून बनाने लगें, देश विभाजित होने लगे,
लेकिन हर तरफ दिखेंगे तो “मोदी ही मोदी” लेकिन फिर भी मतदान करनें के नाम पर हिंदुत्व का तथाकथित रंग समाज में स्वयं घुल जाता है। जबकि उक्त इकलौते शैक्षिणिक योग्यताधारी के भक्त भी विलक्षण योग्यताधारी ही है, जिंहे इसाई से हिंदुत्व मजबूत होता दिख रहा है।। उलूक विचार समाप्त हुए।