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झाड़ियों में मिली नवजात बच्ची को थानाध्यक्ष नालेज पार्क विनोद सिंह की पत्नी ज्योति सिंह की मातृत्व क्षमता बनी संजीवनी, मातृशक्ति का नमन।

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नोएडा। पुलिस को लेकर आपके मन मस्तिष्क में बहुत सारी तस्वीरें होंगी लेकिन आज हम आपको एक पुलिसवाले की ऐसी खबर बताने जा रहे हैं, जो मानवता की जिंदा मिसाल है। ऐसी खबर जिसे जान आपके चेहरे पर भी एक प्यारी सी मुस्कान बिखर जाएगी। मामला ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क थाना क्षेत्र का है। यहां 20 दिसंबर को झाड़ियों में एक नवजात बच्ची मिली। बच्ची एक कपड़े में लिपटी हुई थी। ठंड की वजह से बच्ची की हालत बेहद खराब थी। पुलिस वाले बच्ची को थाने लेकर आ गए। बच्ची लगातार रो रही थी। पुलिस को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि करना क्या है।



सब यह जान रहे थे कि बच्ची को ठंड लग चुकी है और वह भूख से भी रो रही है, लेकिन नवजात को कुछ भी बाहर का खिला पिला नहीं सकते थे। ऐसे में बच्ची को सिर्फ मां का दूध ही पिलाया जा सकता था, लेकिन इसे तो इसके अपने ही झाड़ियों में छोड़ गए थे और पुलिस को अबतक बच्ची के मां-पिता के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली थी।

SHO की पत्नी ने स्तनपान करा बचा ली बच्ची की जान

तभी ये बात थाने के एसएचओ विनोद सिंह की पत्नी ज्योति सिंह को पता चली। एसएचओ विनोद सिंह ने पत्नी से बच्चे को दूध पिलाने के लिए कहा जिस पर उनकी पत्नी तुरंत तैयार हो गईं और खुशी- खुशी बच्ची को दूध पिलाया। ज्योति बताती हैं कि बच्ची को बहुत बुरी तरह ठंड लग चुकी थी इसलिए बच्ची को गर्माहट देने के लिए मैंने बहुत देर तक उसे खुद से चिपका कर रखा उसे सहलाती रही। ज्योति सिंह की इन कोशिशों से बच्ची को थोड़ा आराम मिला और बच्ची थोड़ा ठीक भी हो गई।



कुछ देर बाद बच्ची को अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया जहां फिलहाल उसकी हालत ठीक बताई जा रही है। इस साल अगस्त में ही एसएचओ विनोद सिंह और उनकी पत्नी ज्योति माता- पिता बने हैं। उनका साढ़े 3 महीने का बेटा है। ज्योति बताती हैं कि उन्हें बच्चों से बहुत ज्यादा लगाव है। शादी से पहले वो एक टीचर थीं इसलिए भी बच्चों के लिए वो कुछ ज्यादा ही संवेदनशील रहती हैं। ज्योति बताती हैं कि जब उनको इस नवजात बच्ची के बारे में पता चला तो उन्हें बहुत गुस्सा आया। ज्योति ने अपने बेटे के कपड़े भी बच्ची को पहनाए।

एसएचओ विनोद सिंह बताते हैं कि बच्ची की मां और परिवार को ढूढ़ने की लगातार कोशिश की जा रही है। आसपास के अस्पतालों में भी पूछताछ की गई है। जब तक बच्ची के माता- पिता नहीं मिल जाते तब तक उसका पूरा ख्याल रखा जाएगा। हालांकि बच्ची को गोद लेने के लिए कई लोग आगे भी आए हैं लेकिन गोद लेने की अपनी एक अलग प्रक्रिया है। फिलहाल बच्ची का इलाज ग्रेटर नोएडा के जिम्स अस्पताल में चल रहा है। एसएचओ विनोद सिंह और उनकी पत्नी की तारीफ पुलिस डिपार्टमेंट से लेकर समाज तक के लोग कर रहे हैं।


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