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कोरोना के बढ़ते संकट के बीच लगेगा लॉकडाउन? एम्स के पूर्व प्रमुख डाक्टर गुलेरिया ने दिया ये जवाब।

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कोरोना वायरस के सब वेरिएंट बीएफ.7 ने चीन समेत दुनिया के कई देशों में कहर मचा रखा है। इस बीच, भारत में भी इसका खतरा बना हुआ है। ऐसे में कुछ लोगों को आशंका है कि संक्रमण के मामले के बढ़ने पर फिर से लॉकडाउन लगाया जा सकता है। इस पर एम्स के पूर्व प्रमुख रणदीप गुलेरिया ने कहा कि भारत में इंटरनेशनल फ्लाइट पर बैन या लॉकडाउन करने की जरूरत नहीं है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत में कोरोना वायरस को लेकर सावधानी बरतने की जरूरत है। कुछ देशों में मामले बढ़ रहे हैं, इसलिए निगरानी रखने की आवश्यकता है।



डॉक्टर रणदीप गुलेरिया नें क्या कहा

समाचार एजेंसी भाषा के साथ डाक्टर रणदीप गुलेरिया की बातचीत के अंश जो कि यह अहते हैं।

क्या भारत को है लॉकडाउन की जरूरत?

एम्स के पूर्व डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि कोरोना वायरस के गंभीर केस आने और मरीजों के हॉस्पिटल में एडमिट होने की आशंका नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि हमारे देश के लोगों में हाइब्रिड प्रतिरक्षा विकसित हो चुकी है। डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने आगे कहा कि कोविड-19 के केस में बढ़ोतरी नहीं हुई है और देश अभी ठीक स्थिति में है। मौजूदा हालात में इंटरनेशनल फ्लाइट्स पर प्रतिबंध लगाने या फिर लॉकडाउन लगाने की कोई जरूरत नहीं है।

बीएफ.7 के कारण क्या बनेगी गंभीर स्थिति?

डॉ. गुलेरिया के मुताबिक, पहले के अनुभव हमें ये बताते हैं कि कोरोना के प्रसार की रोकथाम में फ्लाइट्स पर बैन लगाना प्रभावी नहीं है। आंकड़ों के मुताबिक, चीन में इंफेक्शन के तेजी से फैलने के लिए ओमीक्रोन का बीएफ.7 सब वेरिएंट जिम्मेदार है और यह भारत में पहले ही मिल चुका है। लॉकडाउन पर उन्होंने कहा कि कोविड-19 के गंभीर केस बढ़नें और मरीजों के हास्पिटल में एडमिट होने की संभावना नहीं है।



चीन में कोहराम के बीच क्या उठाएं कदम?

वहीं, सफदरजंग अस्पताल के डॉ. नीरज गुप्ता ने बताया कि भारत को पड़ोसी देश चीन और कुछ अन्य देशों में कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है, लेकिन हमारे देश के मौजूदा हालात को देखते हुए नजदीकी भविष्य में लॉकडाउन की परिकल्पना नहीं की गई है।

उन्होंने आगे कहा कि किसी व्यक्ति को हाइब्रिड प्रतिरक्षा भविष्य में होने वाले इंफेक्शन के खिलाफ ज्यादा सुरक्षित बनाती है। चीन अभी ज्यादा कमजोर स्थिति में है, इसके कारण कम नेचुरल इम्युनिटी और खराब टीकाकरण स्ट्रैटेजी हो सकती है।


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