नई दिल्ली। नेपाल से लेकर उत्तराखंड तक एक बार फिर से धरती कांप उठी है। नेपाल में एक घंटे के भीतर ही जहां दो बार भूकंप के झटके महसूस किए गए, वहीं उत्तरकाशी में बुधवार तड़के 2.19 बजे भूकंप आया, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.1 थी। नेपाल में आए भूकंप की तीव्रता उत्तरकाशी से काफी अधिक थी। भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग घरों से बाहर निकलते दिखे।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, नेशनल अर्थक्वेक मॉनिटरिंग एंड रिसर्च सेंटर (NEMRC) ने बताया कि बुधवार तड़के नेपाल के बागलुंग जिले में 4.7 और 5.3 तीव्रता के दो भूकंप आए। एनईएमआरसी ने बताया कि बागलुंग जिले के अधिकारी चौर के आसपास 01:23 (स्थानीय समयानुसार) पर 4.7 तीव्रता का भूकंप आया।
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वहीं, दूसरा भूकंप बागलुंग जिले के खुंगा के आसपास 02:07 (स्थानीय समय) पर आया, जिसकी रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 5.3 थी। इसके अलावा, उत्तराखंड के उत्तरकाशी में भी बुधवार तड़के 2 बजकर 19 मिनट पर धरती हिली। इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.1 थी. इन भूकंप के झटकों में अभी तक जान- माल के नुकसान की सूचना नहीं है।
बता दें कि नेपाल के बागलुंग और उत्तरकाशी में ये भूकंप के झटके ऐसे वक्त में महसूस किए गए, जब लोग गहरी नींद में सोए हुए थे। भूकंप आते ही लोग सहम उठे और घरों से बाहर निकलते देखे गए। लोगों ने अपने घरों की चींजों को भूकंप के झटकों की वजह से हिलते हुए देखा। बता दें कि देश में अभी शीतलहर का दौर जारी है।
भूकंप आए तो क्या करें और क्या नहीं
1- अगर आप किसी इमारत के अंदर हैं तो फर्श पर बैठ जाएं और किसी मजबूत फर्नीचर के नीचे चले जाएं। अगर कोई मेज या ऐसा फर्नीचर न हो तो अपने चेहरे और सर को हाथों से ढंक लें और कमरे के किसी कोने में दुबककर बैठ जाएं।
2- अगर आप इमारत से बाहर हैं तो इमारत, पेड़, खंभे और तारों से दूर हट जाएं।
3- अगर आप किसी वाहन में सफर कर रहे हैं तो जितनी जल्दी हो सके वाहन रोक दें और वाहन के अंदर ही बैठे रहें।
4- अगर आप मलबे के ढेर में दब गए हैं तो माचिस कभी न जलाएं, न तो हिलें और न ही किसी चीज को धक्का दें।
5- मलबे में दबे होने की स्थिति में किसी पाइप या दीवार पर हल्के- हल्के थपथपाएं, जिससे कि बचावकर्मी आपकी स्थिति समझ सकें। अगर आपके पास कोई सीटी हो तो उसे बजाएं।
6- कोई चारा न होने की स्थिति में ही शोर मचाएं। शोर मचाने से आपकी सांसों में दमघोंटू धूल और गर्द जा सकती है।