गोंडा। जिला महिला चिकित्सालय में अव्यवस्था व व्यापक गड़बड़ियों को लेकर डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के द्वारा की गई कार्रवाई का लिखित आदेश सात दिन बीत जाने के बाद भी स्थानीय जिला स्वास्थ्य प्रशासन के पास नहीं पहुंचा। ऐसे में लोगों के द्वारा चर्चा किया जा रहा है कि डिप्टी सीएम बृजेश पाठक का आदेश कहां गुम हो गया? क्या विभाग के दोषी पाए गए अधिकारी व कर्मचारी इतने पावरफुल हैं कि डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करने के बाद कार्रवाई से पीछे हटना पड़ गया क्यों? जबकि आज की तारीख में उक्त ट्वीट भी पाठक जी के हैण्डल से डिलीट हो चुका है।
स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव के कार्यालय से कोई आदेश ना मिलने से जिला महिला चिकित्सालय की व्यवस्था पूर्व की तरह संचालित हो रही है। सभी दोषी चिकित्सक व कर्मचारी जिला महिला अस्पताल में मौजूद हैं। उन पर कार्रवाई का कोई असर नहीं दिख रहा है। जिला महिला चिकित्सालय में आने वाले मरीजों और तीमारदारों को यहां बदइंतजामी झेलनी पड़ रही है।
मरीजों को ससमय उपचार नहीं मिल पाता है। उनको उपचार मिलता भी है, तो उसके बदले में उनको उसका नजराना देना पड़ता है। जिला महिला चिकित्सालय में सुरक्षित प्रसव के लिए आने वाली ज्यादातर महिलाओं को जिला अस्पताल में तैनात स्टाफ व डॉक्टर अधिकतर अपने प्राइवेट नर्सिंग होम में ले जाया करते हैं। इन सभी शिकायतों को संज्ञान में लेते हुए डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने अपर स्वास्थ्य निदेशक के नेतृत्व में एक टीम बनाकर जांच कराई थी जिसमें मरीजों से धन उगाही व दुर्व्यवहार की शिकायतें सही पाई गई थी। उसके कुछ ही दिन बाद डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने अपने ट्विटर एकाउंट से 18 दिसंबर को गोंडा महिला चिकित्सालय के संबंध में ट्वीट करते हुए बृहद स्तर पर कार्रवाई किए जाने तथा 6 स्वास्थ्य कर्मियों को बर्खास्त करने के लिए मुख्य सचिव को निर्देश दिया था।
डिप्टी सीएम के निर्देश के बाद जिला महिला अस्पताल में हड़कंप मच गया था। लेकिन दस दिन बीत जाने के बावजूद अभी तक डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के निर्देश का कोई असर स्वास्थ्य विभाग पर नहीं दिखाई दे रहा है। डिप्टी सीएम ने स्वास्थ्य विभाग के गड़बड़ियों के संबंध में स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव को कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। लेकिन दस दिन बीत जाने के बाद भी अबतक स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के पास उक्त प्रकरण के संबंध में कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ है। जिससे जिला महिला चिकित्सालय में पूर्व की तरह सभी भ्रष्ट चिकित्सक अपनी सेवाएं दे रहे हैं। जिले में चर्चा है कि क्या डिप्टी सीएम बृजेश पाठक स्वास्थ्य विभाग के भ्रष्ट तंत्र के दबाव में आ गए हैं।
क्यों डिप्टी सीएम बृजेश पाठक को कार्रवाई से पीछे हटना पड़ रहा है। या फिर कोई अन्य विभागीय तकनीकी दिक्कत है। या डिप्टी सीएम पर कोई ऊपर से दबाव है। जिससे कि डिप्टी सीएम के निर्देश के बाद भी दोषियों पर कार्रवाई नहीं की जा सकती है। यह सब आम लोगों के जुबान पर चर्चा का विषय है। इस संबंध में अपर स्वास्थ्य निदेशक देवीपाटन मंडल डॉ० अनिल मिश्रा से दूरभाष पर बात की गई तो उन्होंने बताया कि अभी उन्हें ऐसा कोई भी आदेश प्राप्त नहीं हुआ है।