दो वर्षों से पैतृक सम्पत्ति के लिये जद्दोजहद कर रहे सेवानिवृत्त सत्यनारायण सिंह, बदलापुर व जौनपुर के जिम्मेदार लगा रहे IGRS पर फर्जी आख्या।
बदलापुर/ जौनपुर। ज़मीनी विवाद में उत्पीड़न मामला है जौनपुर के बदलापुर तहसील के उद्पुर गेलहवा का है जहाँ ज़मीनी विवाद में बुजुर्गों व बेटी के उत्पीड़न को पुलिस द्वारा जबरन दबाया जा रहा है।
अनीस सिंह का आखिरी सच प्रतिनिधि को गुमराह करता आडियो।
यह है आलाधिकारियों के अधीनस्थों के कथनानुसार आख्या।
इस समेकित अनुश्रवण प्रणाली की शिकायत पर आख्या घर तक जाकर लगती है।
दो साल पहले लाकडाउन के समय पत्नी सुनीता सिंह व अपनी बेटी नम्रता सिंह के साथ जन्मभूमि आये, सत्यनारायण सिंह ने अपने पैतृक संपत्ति में अपने भाईयों से हिस्से मांग की थी। उन्हें क्या पता था कि अपना हिस्सा माँगना इतना
पूर्व मे छपी रिपोर्ट
उसके बाद से अब तक उनका उत्पीड़न लगातार विपक्षी द्वारा किया गया जिसमे सहभागी कुछ पुलिसकर्मी भी हुए। उनके विरुद्ध शिकायत करनें पर उनकी हर शिकायत पत्र को फर्जी बताया जाता रहा, जिसका फायदा विपक्षी अनीस सिंह व उनके परिवार द्वारा सत्यनारायण सिंह लगातार उत्पीड़न का शिकार हुए। सत्यनारायण सिंह ने बताया कि 15 फरवरी 2021 को उनपर जान लेवा हमला हुआ था उस हमले को मामूली विवाद दिखाकर थाना बदलापुर द्वारा 323, 504, 506 की शिकायत दर्ज की गयी थी।
आखिरी सच महिला प्रतिनिधि से मोनी सिंह की बातचीत
जिसको दबाने में विपक्षी के रिश्तेदार तत्कालीन पुलिस अधीक्षक हमीरपुर नरेंद्र सिंह का भी हाथ रहा, उद्पुर गेलहवा के क्षेत्रीय हल्का इंचार्ज सोनकर व दीपक मौर्य लगातार सत्यनारायण सिंह व उनकी पुत्री नम्रता सिंह को बर्बाद करने की धमकी देते रहें हैं। क्योंके वह pcs की तैयारी कर रही थी। हालांकि नम्रता सिंह का लाकडाउन में गांव आने की वजह भी 2019 का mains परिक्षा देना था।
हाल ही में दीपक मौर्य आरक्षी का कारनामा।
26 अगस्त2021 को सत्यनारायण सिंह के शौचालय का जबरन ताला मार्के कब्जे की कोशिश हुई थी क्योंके सत्यनारायण सिंह ने अपनी पैतृक संपत्ति में हिस्सा मांगा था जिसके जवाब में अविनाश द्वारा निर्माण कार्य रोका गया था।
दस मिनट बाद फोन वार्ता के आईजीआरेस पर प्रतिक्रिया बंद कर दी गयी।
शौचालय खुलवाने के के लिए सत्यनारायण सिंह की बेटी जब पुलिस स्टेशन बदलापुर गयी तो उससे महिला कर्मी संध्या तिवारी द्वारा नम्रता की समेकित अनुश्रवण प्रणाली पर की गयी शिकायत करने पर टिप्पणी की गई।
यह सुलहनामा देखें बदलापुर पुलिस को राष्ट्रपति अवार्ड दिलाने के लिये पर्याप्त है।
वह उससे सुलहनामा पर हस्ताक्षर करने के लिए थाने के जिम्मेदारों द्वारा दबाव डाला गया। उस सुलहनामा पर हस्ताक्षर न करने पर नम्रता के विरुद्ध NCR दर्ज कर दिया गया। व जबरन एक फर्जी सुलहनामा लिखवाया गया जिसमें गवाह भी नही हैं।
निस्तारण तो हो गया लेकिन देखना मना है, निस्तारण आख्या।
हम आपको बताते चलें कि 24 फरवरी 2021 को पुलिस से जब नम्रता सिंह ने हाथों हाथ अपनी छेड़खानी की शिकायत पत्र दी थी उस शिकायत पत्र का आज तक कुछ पता नही लगा। ज़मीनी विवाद में महिला छेड़छाड़ का मामला फर्जी करार कर उसे लगातार बर्बाद करने की धमकी दरोगा सोनकर व कांस्टेबल दीपक मौर्य द्वारा लगातार दी गयी हैं। आखिर दीपक मौर्या किस आधार पर कई वर्षों से लगातार बदलापुर थानें पर तैनात हैं।
आईपीएस का हस्ताक्षेप बदलापुर थाना बना आरोपी का सहयोगी
विपक्षी द्वारा लगातार प्रताड़ित होने पर भी स्थानीय पुलिस द्वारा सही कार्यवाही नही हो पाई। कारण यह है कि उद्पुर गेलहवा के क्षेत्रीय जिम्मेदार कांस्टेबल दीपक मौर्य नम्रता सिंह व उनके पिता की हर शिकायत पत्र को फर्जी करार किये हैं। जिसका असर igrs रिपोर्ट पर स्पष्ट दिखाई दे रहा। फीडबैक का भी विकल्प हटा दिया गया।
संध्या तिवारी महिला आरक्षी जिनको महिला की पीड़ा नही दिखती चाय, समोसे के सामने।
हम आपको बता दे कि 2021 से आजतक नम्रता सिंह पुत्री सत्यनारायण सिंह के सभी igrs को फर्जी करार कर बगैर उनको संपर्क कर रिपोर्ट लगा दिया जाता है। उनके विपक्षी के igrs पर दीपक मौर्या उनके घर तक गए थे। उनको सत्यनारायण सिंह की पुत्री नम्रता सिंह को बदनाम करने के लिए। बदलापुर पुलिस द्वारा इस मामले को जमीनी विवाद बताया गया था।
नरेन्द्र सिंह के तमगों की हनक पीड़ित को नही मिला न्याय
विपक्षी अनीश द्वारा लगातार नम्रता सिंह के चरित्र पर उंगली उठाई गई। सवाल यह उठता है कि नम्रता सिंह की समेकित अनुश्रवण प्रणाली दीपक मौर्या को फर्जी क्यों लगती है, कि नम्रता सिंह से संपर्क भी नही किया जाता और विपक्षी की ऐसी समेकित अनुश्रवण प्रणाली के शिकायती पत्र जिसमे नम्रता के चरित्र पर सवाल उठते है। ऐसे में दीपक मौर्य उनके घर जाके पूछताछ करते हैं।
मिथिलेश सिंह का सत्यनारायण सिंह के बटाईदार से कही गयी बातचीत।
सत्यनारायण सिंह द्वारा बताया गया कि दरोगा सोनकर व उनके सहभागी दीपक मौर्या लगातर उनको व उनकी बेटी को धमकी देते आये हैं।
सूत्रों द्वारा पता चला है कि दीपक मौर्य ने नम्रता सिंह को बर्बाद करने की धमकी भारे चौराहे पर दिया है। जिसका झलक साफ उनके द्वारा समेकित अनुश्रवण प्रणाली पर की हुई रिपॉर्ट पर दीपक मौर्या द्वारा लगाई गयी आख्याओं में साफ- साफ दिखाई दे रही है।
थानें में नमृता सिंह को महिला आरक्षी के द्वारा बातचीत व भाषा।
वहीं सत्यनारायण सिंह द्वारा वायरल एक ऑडियो में ज़मीन पैमाइश के करवाने के नाम पर अविनाश सिंह उर्फ सोनू जो खुद को विकलांग बताते हैं। उससे मारपीट करवाकर के सत्यनारायण सिंह को जेल भिजवाने की साजिश की बात कही गयी है। उक्त कर्मियों द्वारा उसको भी नज़र अंदाज किया गया।
यह पत्र वर्तमान में बदलापुर थानें में नही है।
अपने आपको गरीब असहाय बताने वाली मानी सिंह कानून को न मानते हुए एक विवादित ज़मीन पर घर बनवाने के लिए इच्छा मृत्यु की गुहार लगाती है, जिसने कभी इसी मकान बनने के लिए प्रधान मंत्री आवास मिलने की भी बात कही थी जो कि झूठा पाया गया।
सहयोगी मीडिया प्रतिष्ठान प्रतिनिधि से भाजपा नेता के बड़बोले बयान
ऐसे में वायरल ऑडियो में रिटायर्ड बुजुर्ग सत्यनारायण सिंह को अविनाश सिंह द्वारा मारपीट कर जेल भिजवाने की धमकी दी गयी है। अविनाश सिंह जो खुद की जान की फिक्र नही करते, विपक्षी अनीष सिंह द्वारा अगर उस बेहकाके कोई घटना हो जाती है। तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?
थानाध्यक्ष व अधीनस्थों पर लगा अवैध निर्माण करवानें का अभियोग।
नम्रता सिंह ने बताया कि हाथो हाथ दिये गये प्रार्थना पत्र दबा दिया जाता और समेकित अनुश्रवण प्रणाली पर शिकायत पत्र डालने पर उससे लगातर धमकाया जाता है। फर्जी सुलहनामा करने को मजबूर किया जाता है अन्यथा फर्जी FIR या NCR दर्ज किये जाते हैं।
शिकायत को गयी बेटी से महिला आरक्षी की पुलिसिया भाषा
बात यहाँ तक बढ़ गयी जबकि शिकायत पत्र लेके अब नम्रता सिंह स्थानीय पुलिस जाए तो कैसे जाए। वरिष्ठ अधिकारी अधीनस्थ कर्मचारियों की जांच आख्याओं को मानता है।
पुलिस महानिदेशक का आदेश भी ठण्डे बस्ते में।
ऐसे में दीपक मौर्य जब खुद ही नम्रता सिंह को बर्बाद करने की धमकी देते आये हैं, ऐसे में नम्रता सिंह पुलिस स्टेशन कैसे और किसके भरोसे जाए मदद के लिए। मामला कोर्ट में है और राजस्व विभाग द्वारा हाल ही में पैमाइश के लिए राजस्व मंत्री द्वारा आदेश दिया गया है SDM बादलपुर को।
पूर्व में आखिरी सच पर सत्यनारायण सिंह का वीडियो।
आखिरी सच की पड़ताल व रिपोर्टों को पढ़कर कोई भी आसानी से यह समझ सकता है कि एक शिक्षित व सम्मानित परिवार के साथ नियोजित क्रम में षड़यंत्र कैसे हावी होता है, जिससे एक निष्ठावान, नैतिकता पूरित परिवार का लगातार कैसे उत्पीड़न किया जाता है, जो उक्त सैद्धान्तिक व नैतिकता पूर्ण परिवार को बर्बाद करनें का नियोजित क्रम है।
@jaunpurpolice का जबरदस्त कारनामा जिस कर्मी की शिकायत उसी से करवाई जांच जय हो @myogiadityanath की #IGRS प्रणाली की महानता pic.twitter.com/tTrTTGPZ0h
— खबरें उत्तर प्रदेश (भारत) (@khabarchiup) December 29, 2022