उत्तराखंड के रुड़की के पास एक गंभीर कार दुर्घटना में ऋषभ पंत घायल मैक्स हास्पिटल में चल रहा इलाज।
रूढ़की। ईएसपीएनक्रिकइंफो के मुताबिक, ऋषभ पंत के दिमाग और रीढ़ की एमआरआई के नतीजे सामान्य हैं। शुक्रवार की सुबह उत्तराखंड के रुड़की के पास एक गंभीर कार दुर्घटना में अपने चेहरे की चोटों, कटे-फटे घावों और खरोंचों को ठीक करने के लिए उनकी प्लास्टिक सर्जरी भी की गई है। दर्द और सूजन के कारण उनके टखने और घुटने का एमआरआई स्कैन कल तक के लिए टाल दिया गया है। पंत देहरादून के मैक्स अस्पताल में भर्ती हैं और उनकी हालत स्थिर है।
ऋषभ पंत की कार के एक्सीडेंट के बाद वहां मौजूद एक बस ड्राइवर का बयान आया है। बस चालक सुशील कुमार ने दावा किया कि उन्होंने पंत को कार से बाहर निकाला था। सुशील ने आज तक से बात करते हुए कहा कि ऋषभ पंत ने उनसे बताया कि “मैं ऋषभ पंत हूं।”
सुशील ने बताया कि जिस समय पंत को उन्होंने गाड़ी से बाहर निकाला वो खून से बुरी तरह लथपथ थे और वो लंगड़ा कर चल रहे थे।
सुशील ने ये भी बताया कि हादसा कैसे हुआ था। उन्होंने कहा कि वो हरिद्वार की तरफ से आ रहे थे। पंत दिल्ली की तरफ से हरिद्वार जा रहे थे। सुशील के मुताबिक पंत की कार डिवाइडर से टकराकर दूसरी तरफ आ गई थी। जिसके बाद उन्होंने अपनी बस रोकी थी। सुशील ने आगे बताया.
“मैं हरियाणा रोडवेज बस में ड्राइवर हूं। मैं चार बजकर 25 मिनट पर हरिद्वार से चला था। तभी दिल्ली की तरफ से एक कार आई और डिवाइडर से टकराकर दूसरी तरफ आ गई। मैंने अपनी बस में ब्रेक लगाया और तुरंत बाहर निकला। कार से एक शख्स आधा बाहर निकला दिखा। मुझे तो लगा था कि इसकी मृत्यु हो चुकी है। कार में हल्की आग लग चुकी थी। तभी मैंने उससे पूछा कि कोई और तो नहीं है गाड़ी में। तो उसने बोला कि नहीं मैं अकेला हूं और अपना नाम बताया।”
शरीर पर कोई कपड़ा नहीं था
सुशील ने आगे बताया की उन्होंने पंत को बाहर निकाल कर डिवाइडर पर लेटने को कहा लेकिन वो खुद अपने सहारे खड़े हो गए। उनके शरीर पर कोई भी कपड़े नहीं था। मैंने उन्हें एक चादर दी। वो एक पैर से लंगड़ा भी रहे थे। इसके बाद मैंने पुलिस और नेशनल हाईवे वालों को सूचना दी थी। सुशील के मुताबिक हादसा बहुत ही भयानक था।
बता दें कि भारतीय टीम के विकेट कीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत उत्तराखंड के रुड़की के पास एक सड़क हादसे में घायल हो गए है। उनकी कार डिवाइडर से टकराई थी। हादसे की बाद कार में आग लग गई थी और कार पूरी तरह से जल गई। इस दुर्घटना में पंत गंभीर चोंटे आई हैं। रिपोर्ट के मुताबिक पंत के सिर चोट लगी है और पैर में फ्रैक्चर है।
पीएम मोदी ने की पंत की मां से बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्रिकेटर ऋषभ पंत की मां से बात की। फोन पर बातचीत के दौरान पीएम ने पंत के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने इससे पहले पंत को लेकर एक ट्वीट किया था। इसमें उन्होंने भारतीय क्रिकेटर के जल्द ठीक होने की दुआ की थी।
Distressed by the accident of noted cricketer Rishabh Pant. I pray for his good health and well-being. @RishabhPant17
— Narendra Modi (@narendramodi) December 30, 2022
पीएम मोदी ने पंत को लेकर किया ट्वीट
ख्याति प्राप्त क्रिकेटर ऋषभ पंत के साथ हुए हादसे के बारे में जानकार दुखी हूं। मैं उनके अच्छे स्वास्थ्य और जल्द ठीक होने की कामना करता हूं।
बीसीसीआई का अपडेट
बीसीसीआई ने बताया कि ऋषभ पंत के सिर पर दो कट लगे हैं। उनके दाहिने घुटने में लिगामेंट फट गया है और उनकी दाहिनी कलाई, टखने, पैर के अंगूठे में भी चोट लगी है। साथ ही उनकी पीठ पर घर्षण की चोट लगी है। पंत की हालत स्थिर बनी हुई है और उन्हें अब मैक्स अस्पताल, देहरादून में स्थानांतरित कर दिया गया है। वहीं उनकी चोटों का पता लगाने और उनके आगे के उपचार के लिए एमआरआई स्कैन किया जाएगा।
बीसीसीआई ऋषभ के परिवार से लगातार संपर्क में है, जबकि मेडिकल टीम ऋषभ का इलाज कर रहे डॉक्टरों से लगातार संपर्क में है। बोर्ड यह देखेगा कि ऋषभ को सर्वोत्तम संभव चिकित्सा देखभाल मिले और उसे इस दर्दनाक दौर से बाहर आने के लिए हर संभव सहायता मिले।
हादसे के बाद पुलिस की गाड़ी से अस्पताल पहुंचीं पंत की मां
पंत की मां को भी इसकी जानकारी दी गई और वह आननफानन में अपने बेटे से मिलने अस्पताल पहुंचीं। पुलिस ने इस मामले में पूरी तत्परता दिखाई। पुलिस को परिवार से संपर्क साधने के निर्देश दिए गए। हादसे के बाद अस्पताल जाते वक्त पंत ने मां का नंबर दिया। वे चाहते थे कि मां उनके पास जल्द से जल्द पहुंचें, लेकिन नंबर स्विच ऑफ था।
रुड़की में सिविल लाइन थाने को पुलिस ने सूचित किया। वहां से चेतक पुलिस को पंत के घर भेजा गया। सुबह सवा छह बजे पुलिस उनके घर पर पहुंच गई। काफी देर बाद दरवाजा खुला। पुलिस ने उनकी मां को जगाया। इसके बाद थाने की गाड़ी से ही पंत की मां को रुड़की के अस्पताल लाया गया। पूरे रास्ते पुलिस ने पंत की मां से संपर्क जारी रखा। पंत को ठंड लग रही थी तो उनकी मां से कपड़े लाने के लिए भी कहा गया था। ऐसे में पंत की मां कार्डिगन लेकर आईं जो आगे से खुला हो ताकि इलाज में दिक्कत न आए।